सहारनपुर: बरसाती नदी पर पुल बनवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना चौथे दिन भी जारी रहा है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे.
मामला तहसील बेहट इलाके के गांव शाहपुर और हुसैन मलकपुर के ग्रामीणों से जुड़ा हुआ है. ग्रामीण पिछले काफी समय से गांव के पास से गुजर रही बरसाती नदी पर पुल बनवाने की मांग करते चले आ रहे हैं. इस मांग को लेकर दोनों गांवों के लोग लोकसभा और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर चुके हैं.
ग्रामीणों ने सरकार पर लगाया आरोप-
सरकार से बार-बार कहने के बावजूद न तो नदी पर पुल बन सका और न ही सड़क और तटबंध बनाए गए. बरसात के मौसम में गांव के चारों ओर से गुजर रही बरसाती नदियों में पानी आ जाता है और गांव एक टापू बन कर रह जाता हैं. दोनों गांवो की करीब सात हजार की आबादी का तहसील मुख्यालय सहित बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह कट जाता है.
न तो वे किसी मरीज को अस्पताल ले जा सकते हैं और न ही बच्चे स्कूल जा सकते हैं. मजदूरी पर जाने वाले लोग कई कई दिन मजदूरी तक करने नहीं जा सकते. पिछले वर्ष कॉलेज जा रही तीन छात्राएं भी पानी के तेज बहाव मे बह गई थी जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बचाया गया था.
सड़कों और पुल का नहीं हुआ निर्माण ग्रामीणों ने किया धरना प्रदर्शन-
- बरसात के मौसम में बाढ़ का पानी गांव की ओर आ जाता है मवेशी बह जाते है. ग्रामीण अपनी जान बचाने को इधर उधर दौड़ लगाते है.
- बार बार मांग के बावजूद पुल न बनने से ग्रामीणों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है. इससे पहले भी ग्रामीण गांव में नदी किनारे टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए थे.
- इतना ही नहीं दोनो गांवों के ग्राम प्रधान और प्रतिनिधि सहित करीब 30 लोग भूख हड़ताल पर बैठ गए थे.
- इस दौरान कई ग्रामीणों की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. स्थानीय प्रशासन की लाख मान मौनव्वल के बावजूद ग्रामीण टस से मस नहीं हुए थे.
- बाद में एडीएम और भाजपा के पूर्व विधायक महावीर राणा के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने अनशन समाप्त किया था. तय समयावधि में काम शुरू न होने से गुस्साए ग्रामीणों ने आंदोलन शुरु कर दिया है. ग्रामीणों का धरना चौथे दिन भी जारी रहा.