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करोड़ों खर्च, फिर भी पेयजल को तरस रहे ग्रामीण

सहारनपुर में गांव की जनता को बेहतर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों खर्च कर चलाई जा रही पेयजल परियोजनाएं लापरवाही की भेंट चढ़ रही हैं. वाटर टैंक बन तो गया लेकिन ग्रामीण आज भी पेयजल के लिए तरस रहे हैं.

पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
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Published : Feb 15, 2021, 7:12 AM IST

सहारनपुर : आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी सहारनपुर के ग्रामीण क्षेत्र में लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं. यहां सरकार ने ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर वाटर टैंक का निर्माण करा तो दिया लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते लोगों को पीने का पानी मयस्सर नहीं हो पा रहा है.

पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.

दरसअल, हम बात कर रहे हैं जिले की बेहट तहसील के कस्बागढ़ गांव की. कस्बागढ़ में जल निगम ने लतीफपुर भूड़ जोन-9 नाम से कुछ साल पहले करोड़ों रुपए खर्च कर वाटर टैंक का निर्माण कराया गया था. निर्माण के बाद वाटर टैंक विभाग को हैंडओवर कर दिया गया था, लेकिन आज भी पूरे गांव में पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.

ग्रामीणों का कहना है कि अगर कभी कभार पानी बूंद-बूंद करके आता है. नल में पानी न आने की वजह से ग्रामीणों को मवेशियों की प्यास बुझाने और कपड़े-बर्तन धोने और अन्य घरेलू काम के लिए पानी को तरसना पड़ रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि वे इस बारे में कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन अधिकारी कागजों में ही उनकी समस्याओं का निस्तारण कर देते हैं. अब देखना ये होगा कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीणों को पीने का पानी कब उपलब्ध होगा?

पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.

हालांकि जल निगम के जेई सुरजीत कुमार ने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है. फिर भी जानकारी कर ग्रामीणों की समस्या का निस्तारण कराया जाएगा.

सहारनपुर : आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी सहारनपुर के ग्रामीण क्षेत्र में लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं. यहां सरकार ने ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर वाटर टैंक का निर्माण करा तो दिया लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते लोगों को पीने का पानी मयस्सर नहीं हो पा रहा है.

पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.

दरसअल, हम बात कर रहे हैं जिले की बेहट तहसील के कस्बागढ़ गांव की. कस्बागढ़ में जल निगम ने लतीफपुर भूड़ जोन-9 नाम से कुछ साल पहले करोड़ों रुपए खर्च कर वाटर टैंक का निर्माण कराया गया था. निर्माण के बाद वाटर टैंक विभाग को हैंडओवर कर दिया गया था, लेकिन आज भी पूरे गांव में पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.

ग्रामीणों का कहना है कि अगर कभी कभार पानी बूंद-बूंद करके आता है. नल में पानी न आने की वजह से ग्रामीणों को मवेशियों की प्यास बुझाने और कपड़े-बर्तन धोने और अन्य घरेलू काम के लिए पानी को तरसना पड़ रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि वे इस बारे में कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन अधिकारी कागजों में ही उनकी समस्याओं का निस्तारण कर देते हैं. अब देखना ये होगा कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीणों को पीने का पानी कब उपलब्ध होगा?

पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
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पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
पेयजल को तरस रहे ग्रामीण.
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हालांकि जल निगम के जेई सुरजीत कुमार ने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है. फिर भी जानकारी कर ग्रामीणों की समस्या का निस्तारण कराया जाएगा.

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