सहारनपुर: जिले के सरकारी अस्पताल में लगे वेंटिलेटर स्टाफ की कमी की वजह से नहीं चल पा रहे हैं. वेंटिलेटर न चलने से मरीजों के तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ने पर उन्हें देहरादून, मेरठ या फिर चंडीगढ़ रेफर कर दिया जाता है. वेंटिलेटर स्टाफ की कमी पूरा करने के लिए अस्पताल प्रबंधन कई बार शासन को प्रस्ताव भेजा चुका है.
सहारनपुर के जिला अस्पताल में 6 वेंटीलेटर हैं, जिसमें कि 5 वेंटीलेटर ट्रामा सेंटर में और एक वेंटिलेटर ऑपरेशन थिएटर में लगा हुआ है, लेकिन किसी भी वेंटिलेटर पर प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है, जिसके चलते मरीजों को प्राथमिक उपचार करने के बाद उन्हें पीजीआई चंडीगढ़, देहरादून जॉली ग्रांट सहित हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में मरीजों के तीमारदारों को भी भारी दिक्कतों का सामना पड़ता है.
इतना ही नहीं अस्पताल में सेंट्रलाइज ऑक्सीजन प्लांट की सुविधा भी नहीं है. यदि ऑक्सीजन प्लांट की जिला अस्पताल में सेंट्रलाइज सुविधा हो तो यहां मरीजों को रखा जा सकता है. इस बाबत अस्पताल प्रबंधन का भी कहना है कि कई बार शासन को प्रशिक्षित स्टाफ के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है, लेकिन आज तक स्टाफ की तैनाती नहीं हो पाई है, जिस वजह से वेंटिलेटर को लेकर ये समस्या आ रही है.
अस्पताल में वेंटिलेटर के लिए प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है, इसलिए वेंटिलेटर को नहीं चलाया जा सकता है. हालांकि कई बार शासन को स्टाफ के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब शासन की ओर से नहीं आया है.
-डॉ. सुनीत कुमार वार्ष्णेय, प्रमुख अधीक्षक, जिला अस्पताल