सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की घोषणा भी नहीं हुई कि सपा-बसपा नेताओं में जुबानी जंग शुरू हो गई है. सपा छोड़ बसपा में शामिल हुए इमरान मसूद और सपा विधायक आशु मलिक आमने सामने आ गए हैं. सहारनपुर में बसपा से महापौर का टिकट इमरान मसूद की पत्नी का घोषित होते ही सोशल मीडिया पर तनातनी चल रही है. इसके चलते बसपा नेता इमरान मसूद ने सपा विधायक आशु मलिक को आड़े हाथ लिया है.
इमरान मसूद ने आशु मलिक को न सिर्फ राजनीति पाठ पढ़ाने का प्रयास किया, बल्कि विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए अहसान भी गिनाए. उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए हमने चुनाव नहीं लड़ा. आशु मलिक को जिताकर MLA बनाया है. इस दौरान उनके मन की एक ओर सच्चाई सामने आई है, जिसमें इमरान मसूद ने कहा, 'आशु मलिक जी आप MLA बन गए, पांच साल तक मजे कीजिये, भाजपा के सहयोगी ना बनिये'. सहारनपुर महानगर के चुनाव में बसपा और भाजपा की लड़ाई है. इसलिए मुस्लिम वोटों के साथ हिन्दू वोट के बिना मेयर का चुनाव जीतना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि आशु मलिक मेरे दोस्त थे, दोस्त हैं और दोस्त रहेंगे. लेकिन, सहारनपुर के मुस्लिम वोट बैंक को बांटने का काम न करें. इमरान मसूद का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
बता दें कि सहारनपुर में इमरान मसूद का एक वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है. इसमें बसपा नेता इमरान मसूद बता रहे हैं कि सपा विधायक आशु मलिक उनके खिलाफ बोल रहे हैं. मीडियाकर्मियों को दिए इंटरव्यू में आशु भाई बार-बार उनका नाम ले रहे हैं. लोकसभा चुनाव याद दिलाते हुए कहा कि जब सपा से आशु मलिक चुनाव लड़ रहे थे, तब उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया. भाजपा को हराने के लिए उन्होंने खुद चुनाव नहीं लड़ा. इतना ही नहीं आशु मलिक को जिताने के लिए मौजूदा MLA मसूद अख्तर को टिकट नहीं दिलाया. बावजूद इसके उन्होंने आशु मलिक का चुनाव पूरी ईमानदारी के साथ लड़ा और जिताकर विधानसभा भेजा. क्योंकि, उनकी लड़ाई भाजपा के साथ है.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि किसी भी तरह से उनका जो बुनियादी वोट है, उसको बांटा जाए. भाजपा की साजिश का शिकार आप भी बन रहे हो. उस वक्त मुझे बड़ा ताज्जुब हुआ, जब उनको सूरमा भोपाली कहा गया. वे चुनाव मैदान में भारतीय जनता पार्टी को हराने उतरे हैं. जब तक मुस्लिम और दलित मतदाता भाजपा के खिलाफ एक नहीं हो जाता, तब तक जीतने का कोई रास्ता नहीं है. वहीं, बसपा और भाजपा के बीच की लड़ाई में सपा कहीं भी नहीं है.
यह भी पढ़ें: निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट का फैसला, सामान्य हो जाएंगी सभी ओबीसी सीटें
उन्होंने आशु मलिक को सलाह देते हुए कहा कि आप क्यों अपने ऊपर ले रहे हो. आप मेरे दोस्त हैं, दोस्त हो दोस्त रहोगे. उन्होंने कहा कि मलिक साहब राजनीति आसान चीज नहीं है, समझने की जरूरत है. भारतीय जनता पार्टी का सहयोग ना करें. निकाय चुनाव में लड़ाई बीजेपी और बीएसपी की होनी है. आप भाजपा के सहयोगी बनने का काम मत करें और भाजपा के खिलाफ बोलने के लिए दम लगाकर भाजपा को हराने की बात करें.