सहारनपुरः केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार की सुबह स्पेशल ट्रेन से सहारनपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे. यहां उन्होंने सबसे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हरी झंडी दिखाकर नई दिल्ली से छत्तीसगढ़ के लिए साप्ताहिक रेल सेवा का शुभारंभ किया. इस दौरान मंत्री ने न सिर्फ रेलवे विभाग की उपलब्धियां गिनाई बल्कि सहारनपुर जिले के लिए कई घोषणाएं भी की. उन्होंने सहारनपुर में वुडकार्विंग कारोबारियों के लिए स्पेशल कंटेनर जोड़ने के साथ छोटी लाइन को भूमाफियाओं से कब्जा मुक्त कराने का वादा किया. साथ ही कोविड के चलते बंद पड़ी ट्रेनों को सितम्बर तक सुचारू रूप से चलाने के निर्देश भी दिए हैं.
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव तीन दिवसी दौरे के दौरान जिले की सातों विधानसभा क्षेत्रों में भ्रमण कर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान जनता जनार्दन की नब्ज टटोलने की कोशिश करेंगे. केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने प्रेसवार्ता कर बताया कि इस क्षेत्र में रेलवे, आईटी, टेलीकॉम और जन उपयोगी सेवाओं से जुड़ी समस्याओं को सुनने आया हूं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में रेल के सफर करने में एक यात्री को तमाम सुविधाएं देने का खर्च 100 रुपये आता है तो उसका 45 फीसदी ही यात्री से लिया जाता है. जबकि 55 फीसदी रेलवे वहन करता है. कोरोना काल देशवासियों के लिए बेहद कष्टकारी रहा है, जिसके चलते रेल यातायात भी प्रभावित रहा. बावजूद इसके भारतीय रेलवे ने जनसेवा में कोई कमी नहीं होने दी. इस दौरान कोयला, ऑक्सीजन और जनमानस की जरूरतों का हर सामान रेलवे द्वारा समय-समय पर पंहुचाया गया है.
टिकट खिड़कियों पर लगी लंबी लाइन के सवाल पर रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे में टिकट बुकिंग के लिए ऑनलाइन सुविधा दी गई है. हालांकि अनारक्षित टिकट अभी तक ऑनलाइन बुकिंग सेवा में नहीं रखा गया है. अनारक्षित टिकट बुकिंग को भी जल्द इंटरनेट बेस किया जाएगा. जिससे घर बैठे ही बिना लाइन में लगे लोग अपने मोबाइल से सभी प्रकार के टिकट बुक कर सकेंगे. रेलवे के लिए किसानों की भूमि आवंटन के सवाल पर उन्होंने कहा कि मामले का संज्ञान लिया जाएगा. उसकी सूची बनाकर उपलब्ध करा दें, क्योंकि मुज्जफरनगर, देवबंद के किसानों की जमीन रेलवे ट्रेक के लिए आंवटित की गई थी, जिसका मुआवजा अन्य जिलों से कम दिया गया था. इसको लेकर 250 से ज्यादा किसान अतिरिक्त मुआवजे की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.
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रेल मंत्री ने कहा कि सहारनपुर में विश्व स्तरीय वुड कार्विंग का काम किया जाता है. इसके लिए यहां के लिए कंटेनर ट्रेन की जरूरत है, जिसको लेकर रेलवे के जनरल मैनेजर को निर्देशित कर दिया है. साथ ही रेलवे अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि 4 जगह ऐसी चयनित कर लें, जहां कंटेनर डिपो बनाया जा सके. करीब डेढ़ किलोमीटर की लंबाई और आवश्यकता अनुसार चौड़ाई की जगह चाहिए जहां कंटेनर ट्रेन आसानी से खड़ी हो सके.
रेल मंत्री ने कहा कि कोरोना के चलते पिछले 2 साल से ज्यादातर ट्रेन बंद हैं. पैसेंजर ट्रेनों को सितम्बर माह तक पूरी तरह चालू कर दिया जाएगा. हालांकि ज्यादातर एक्सप्रेस ट्रेन चालू कर दी गई हैं. कोरोना के बाद 60 फीसदी ट्रेने पटरियों पर लौट आई हैं, जबकि कुल 40 फीसदी रेल अभी बंद है. उन्हें भी जल्द ही पटरियों पर लाया जाएगा ताकि देश की जनता को फिर से उनकी सेवाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने बताया की कुछ ट्रेनों को नेशनलाइज भी किया गया. रेलवे स्टेशनों की स्तिथि को सुधारने के लिए डीआरएम को निर्देश दिए गए हैं.
वहीं, रेलवे खाली पड़ी जमीन और बंद चल रही छोटी लाइन को कब्जा मुक्त कराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम यह जानकारी मिली है कि सहारनपुर से मनानी रेलवे स्टेशन तक बंद चल रही छोटी लाइन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर कालोनियां काट दी है, 100 फूटा कही जाने वाले मार्ग से लेकर पैरामाउंट, कॉस्मॉस समेत कई बड़ी कालोनियां बनाई गई है. संबधित अधिकारियों को इसकी जांच कर कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिए गए है.
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