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अयोध्या फैसले से पहले बोले उलेमा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें हिन्दू-मुसलमान

अयोध्या फैसला आने से पहले देवबंदी उलेमाओं ने सभी देशवासियों और मुसलमानों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उलेमाओं ने कहा सुप्रीम कोर्ट से जो भी फैसला आए, सभी उसका सम्मान करें.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें हिन्दू-मुसलमान.
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Published : Nov 4, 2019, 9:49 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : अयोध्या फैसला आने से पहले जहां प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद दिखाई दे रहा है. वहीं इस मुद्दे को लेकर देवबन्दी उलेमाओं ने सभी देशवासियों एवं मुसलमानों से शांति बनाए रखने की अपील है. उन्होंने कहा कि सभी लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें.

देवबन्दी उलेमा आलीम कारी इश्फाक गौरा ने कहा कि अयोध्या मामले में 15 तारीख को फैसला आनने वाला है. सभी लोगों से अपील है कि जो फैसला कोर्ट का होगा वही मुसलमानों को मंजूर होगा. हमारे लिए सुप्रीम कोर्ट सर्वमान्य है. उन्होंने तमाम इस्लामिक संगठनों के पदाधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि कोर्ट का फैसला किसी भी पक्ष के लिए आए उसे कबूल करना हमारा फर्ज बनता है. उन्होंने खासतौर से मुसलमानों से भी अपील करते हुए कहा कि कोर्ट का जो फैसला आए उसे कबूल करें और इत्मीनान से काम लें. मोहब्बत प्यार हिंदुस्तान की एक पहचान है, वह कायम रहनी चाहिए.

उलेमाओं ने देशवासियों से शांति की अपील की.

वहीं देवबन्दी आलीम मुफ्ती अहमद गोड ने भी देश के तमाम लोगों से अपील की कि कोर्ट के फैसले को मानें. उन्होंने कहा कि मैं देश के तमाम मुसलमानों से अपील करना चाहूंगा कि देश का ऐतिहासिक फैसला आने वाला है. देश में प्यार मोहब्बत बरकरार है. हिंदुस्तान एक ऐसा मुल्क है, जहां सबसे बड़ी जम्हूरियत है. इसकी हिफाजत करने की जिम्मेदारी तमाम लोगों की है, चाहे वह किसी भी मजहब का हो.

ये भी पढ़ें- करतारपुर साहिब दर्शन को लेकर इमरान खान ने किया था ट्वीट, देवबंदी उलेमा ने उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का एहतराम करें और उसे दिल से मानने की कोशिश करें, क्योंकि जो प्यार मोहब्बत एकता हमारे देश में है पूरी दुनिया में यह एक मिसाल के तौर पर मानी जाती है.इसलिए इसकी हिफाजत करने कि हमारे सभी देशवासियों की जिम्मेदारी बनती है, क्योंकि यह प्यार मोहब्बत हमारी धरोहर है.

सहारनपुर : अयोध्या फैसला आने से पहले जहां प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद दिखाई दे रहा है. वहीं इस मुद्दे को लेकर देवबन्दी उलेमाओं ने सभी देशवासियों एवं मुसलमानों से शांति बनाए रखने की अपील है. उन्होंने कहा कि सभी लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें.

देवबन्दी उलेमा आलीम कारी इश्फाक गौरा ने कहा कि अयोध्या मामले में 15 तारीख को फैसला आनने वाला है. सभी लोगों से अपील है कि जो फैसला कोर्ट का होगा वही मुसलमानों को मंजूर होगा. हमारे लिए सुप्रीम कोर्ट सर्वमान्य है. उन्होंने तमाम इस्लामिक संगठनों के पदाधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि कोर्ट का फैसला किसी भी पक्ष के लिए आए उसे कबूल करना हमारा फर्ज बनता है. उन्होंने खासतौर से मुसलमानों से भी अपील करते हुए कहा कि कोर्ट का जो फैसला आए उसे कबूल करें और इत्मीनान से काम लें. मोहब्बत प्यार हिंदुस्तान की एक पहचान है, वह कायम रहनी चाहिए.

उलेमाओं ने देशवासियों से शांति की अपील की.

वहीं देवबन्दी आलीम मुफ्ती अहमद गोड ने भी देश के तमाम लोगों से अपील की कि कोर्ट के फैसले को मानें. उन्होंने कहा कि मैं देश के तमाम मुसलमानों से अपील करना चाहूंगा कि देश का ऐतिहासिक फैसला आने वाला है. देश में प्यार मोहब्बत बरकरार है. हिंदुस्तान एक ऐसा मुल्क है, जहां सबसे बड़ी जम्हूरियत है. इसकी हिफाजत करने की जिम्मेदारी तमाम लोगों की है, चाहे वह किसी भी मजहब का हो.

ये भी पढ़ें- करतारपुर साहिब दर्शन को लेकर इमरान खान ने किया था ट्वीट, देवबंदी उलेमा ने उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का एहतराम करें और उसे दिल से मानने की कोशिश करें, क्योंकि जो प्यार मोहब्बत एकता हमारे देश में है पूरी दुनिया में यह एक मिसाल के तौर पर मानी जाती है.इसलिए इसकी हिफाजत करने कि हमारे सभी देशवासियों की जिम्मेदारी बनती है, क्योंकि यह प्यार मोहब्बत हमारी धरोहर है.

Intro:स्क्रिप्ट और फीड wrap से भेजी गई है।

सहारनपुर : अयोध्या में राम मंदिर एवं बाबरी मस्जिद मामले का फैसला जल्द आने वाला है। इसको लेकर जहां प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद दिखाई दे रहा है वही इस मुद्दे को लेकर देवबन्दी उलेमाओं ने सभी देशवासियों एवं मुसलमानों से शांति बनाए रखने की अपील है। उन्होंने कहा कि सभी लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले को माने।Body:VO 1 - देवबन्दी उलेमा आलीम कारी इश्फाक गौरा ने कहा कि अयोध्या मामले में 15 तारीख को फैसला आनने वाला है। सभी लोगों से अपील है कि जो फैसला कोर्ट का होगा वही मुसलमानों को मंजूर होगा हमारे लिए सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट सर्वमान्य है।उन्होंने तमाम इस्लामिक संगठनों के पदाधिकारियों से अपील करता करते हुए कहा कि कोर्ट का फैसला किसी भी पक्ष के लिए आए उसे कबूल करना हमारा फर्ज बनता है। खासतौर से मुसलमानों से भी अपील करता हूं कि कोर्ट का फैसला है उसे कबूल करें ओर इत्मीनान से काम ले जो मोहब्बत प्यार हम लोगों में हिंदुस्तान की एक पहचान है। वह कायम रहनी चाहिए।
वहीं देवबन्दी आलीम मुफ्ती अहमद गोड ने भी देश के तमाम लोगों से अपील की है की कोर्ट के फैसले को माने ओर प्यार मोहब्बत से रहने की बात कही है उन्होंने कहा कि मैं देश के तमाम मुसलमानों से अपील करना चाहूंगा कि देश का ऐतिहासिक फैसला आने वाला है देश में प्यार मोहब्बत बरकरार है हिंदुस्तान एक एसा मुल्क है जहां सबसे बड़ी जम्हूरियत है इसकी हिफाजत करने की जिम्मेदारी तमाम लोगों की है चाहे वह किसी भी मजहब का हो । सुप्रीम कोर्ट के फैसले का एहतराम करें और उसे दिल से मारने की कोशिश करें क्योंकि जो प्यार मोहब्बत एकता हमारे देश में है पूरी दुनिया में यह एक मिसाल के तौर पर मानी जाती है इसलिए इसकी हिफाजत करने कि हमारे सभी देशवासियों की जिम्मेदारी बनती है क्योंकि यह प्यार मोहब्बत एक हमारी धरोहर है

बाईट - मुफ्ती अहमद गोड ( उलेमा )
बाइट - कारी इश्फाक गौरा ( देवबंदी उलेमा )Conclusion:रोशन लाल सैनी
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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