सहारनपुर : बसपा सुप्रीमों मायावती के चेहते पूर्व MLC एवं खनन माफिया हाजी इकबाल के नाम सिक्का चलता था. लेकिन मौजूदा समय में खनन माफिय हाजी इकबाल पुलिस के डर से अंडरग्राउंड है. वहीं हाजी इकबाल का पूरा परिवार अवैध खनन, धोखाधड़ी, गैंगस्टर, दुष्कर्म समेत कई मुकदमों में वांछित चल रहा है. अवैध खनन के काले करोबार से कमाई गई अरबों की संपत्ति की योगी सरकार कुर्की कर चुकी है.
खास बात यह है कि हाजी इकबाल की लकी कही जाने वाली कोठी नंबर- 3/4420 को सरकारी फरमान के बाद जमींदोज कर दिया गया है. एक समय था जब हाजी इकबाल कोठी नंबर- 3/4420 में बैठकर अवैध खनन का सिंडीकेट चलाता था. इसी कोठी से पश्चमी उत्तर प्रदेश की राजनीति के बड़े-बड़े फैसले हुआ करते थे. यही वजह है कि हाजी इकबाल की कोठी नंबर- 3/4420 के बाहर लाल-नीली बत्ती लगी गाड़ियों की कतार लगी रहती थी. बसपा सरकार में मंत्री ही नहीं, बल्कि प्रशानिक अधिकारी भी हाजी इकबाल की इस कोठी पर जी हुजूरी करने आते थे.
बिना नक्शा पास कराए बनाई गई थी हाजी इकबाल की लकी कोठी
शासन-प्रशासन खनन माफिया हाजी इकबाल की लकी कोठी नंबर- 3/4420 को ध्वस्थ कर दिया है. बसपा सरकार में रौब जमाने वाले हाजी इकबाल की इस कोठी को बिना नक्शा पास कराए बनाया गया था. अवैध रूप से बनाई गई इस आलीशान कोठी को कभी जमींदोज कर दिया जाएगा, इस बात को हाजी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.
वर्ष 2007 में बसपा सुप्रीमो मायावती के मुख्यमंत्री बनते ही हाजी इकबाल ने जिला अधिकारी आवास के बराबर में 3 आलीशान कोठियां बनाई थीं. इन तीन कोठियों में से हाजी ने 2 कोठियों के आधे-अधूरे नक्शे पास करा लिए थे, लेकिन कोठी नंबर- 3/4420 की फाइल भी तैयार नहीं कराई थी. लेकिन हाजी इकबाल का तात्कालिक मुख्यमंत्री मायावती के करीबी होने के कारण किसी अधिकारी ने उसके खिलाफ कार्रवाई करने की हिमाकत नहीं की.
कोठी नंबर- 3/4420 ने हाजी इकबाल को बनाया खनन माफिया का बादशाह
पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल कोठी नंबर- 3/4420 को लकी कोठी मानता था. जानकार बताते हैं कि हाजी इकबाल की इसी कोठी में बैठकर खनन माफिया का धंधा करता था. हाजी की यह कोठी इतनी लकी थी, कि कुछ ही समय में हाजी इकबाल हजारो करोड़ रुपये की संपत्ति का बादशाह बन गया. मायावती सरकार में MLC रहते हुए उसने विधानसभा, विधान परिषद और सचिवालय में अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी.
8वीं पास हाजी इकबाल बना ग्लोकल यूनिवर्सिटी का चांसलर
खनन माफिया हाजी इकबाल का रसूख इतना था कि उसने अपना एमएलसी का कार्यकाल पूरा होने के बाद अपने छोटे भाई महमूद अली को एमएलसी बना दिया. 8वीं पास हाजी इकबाल ने वर्ष 2016 में अपना कार्यकाल पूरा होते महमूद अली को MLC बनवा दिया. रसूख के बल पर हाजी ने प्रदेश की कई सरकारी मील को ओने-पौने दामों में खरीदकर अपने नौकरों के नाम करवा दीं. इसके अलावा गरीब किसानों की हजारों बीघा जमीन पर या तो कब्जा कर लिया या थोड़े बहुत पैसे देकर जबरन बैनामा करा लिया. हाजी इकबाल ने इस अवैध तरीके से इकट्ठा की गई जमीन पर अरबों रुपये लगाकर ग्लोकल यूनिवर्सिटी खड़ी कर दी. कभी परचून की दुकान चलाने वाला 8वीं पास इकबाल ग्लोकल यूनिवर्सिटी का VICE चांसलर बन गया.
वर्ष 2017 के चुनाव के बाद शूरू हुई हाजी इकबाल की उलटी गिनती
2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत हुई. बीजेपी की जीत के बाद यूपी की गद्दी पर योगी आदित्यनाथ काबिज हुए. प्रदेश में योगी आने के बाद इकबाल की उलटी गिनती शुरू हो गई. फिर क्या था, सरकार ने सख्त रुख अपनाया तो हाजी इकबाल के एक के बाद एक काले कारनामों की परतें खुलने लगीं. जब सरकार सख्त हुई, तो पीड़ितों ने हाजी इकबाल के पूरे परिवार और साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी करके जमीन हड़पने के कई मुकदमें दर्ज कराए. पुलिस ने इन मामलों की जांच शुरू की, तो हाजी इकबाल के 3 बेटों को जेल की हवा खानी पड़ी. फिलहाल हाजी इकबाल और महमूद अली अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
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