सहारनपुर: केंद्र की मोदी सरकार पार्ट-2 का एक साल पूरा हो चुका है. इसको लेकर बीजेपी सरकार की उपलब्धियां गिनाने में लगी है. सरकार और मंत्री किसान हितों में योजनाएं चलाने के दावे कर रहे हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने किसानों के बीच पहुंचकर हकीकत जानने को कोशिश की.
ईटीवी भारत से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष विनय चौधरी ने केंद्र सरकार पर किसानों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि मोदी सरकार पार्ट-2 का एक साल पूरा हो गया है. किसान रोजाना देखते हैं कि पीएम मोदी केवल किसानों की बात करते हैं, लेकिन धरातल पर किसानों के लिए कुछ भी नहीं हो रहा है.
नेता और मंत्री गिनवा रहे सरकारी उपलब्धियां
उन्होंने कहा कि एक साल पूरा होने पर मंत्री और नेता बखान करने में लगे है कि किसान की आय दोगुनी की जा रही है. पहले भी वादा किया गया था कि किसान की आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ. हालांकि केंद्र सरकार ने कुछ फसलों के एमएसपी जरूर बढ़ाए हैं. साथ ही कैबिनेट में एक और प्रस्ताव पास किया गया कि किसान अपनी फसल किसी भी राज्य में कहीं भी बेच सकता है.
गेहूं का नहीं हुआ भुगतान
उन्होंने कहा कि किसानों ने अपनी गेहूं की फसल सरकार को बेची थी, लेकिन आज तक गेहूं का भुगतान नहीं हुआ और न ही गन्ने का बकाए का ही भुगतान हो पाया है. इतना ही नहीं इस कोरोना महामारी के दौर में भी किसान अपनी परवाह न किए बगैर अपने खेतों से फसल काटने में लगा है.
चंद किसानों को मिला सम्मान निधि का लाभ
सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि के जरिए 2 हजार रुपये देने के दावे किए किए जा रहे हैं, लेकिन बहुत कम किसानों को इसका लाभ मिल पा रहा है. गन्ना भुगतान को लेकर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिन में भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए बाकायदा गन्ना एक्ट कानून भी बनाया गया हुआ है. बावजूद इसके 14 दिन में बकाया राशि का ब्याज तो दूर, बकाया भुगतान भी नहीं हो पा रहा है. भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि यहां किसानों को कोई सुविधा नहीं है. यह सरकार किसानों की समस्या दूर करने में पूरी तरह फेल है.
ये भी पढ़ें- सहारनपुर: आधुनिकता के दौर में विलुप्त हो रहा मिट्टी का बना 'देसी फ्रिज'