प्रयागराजः नगर निगम की सफाई मशीन चोरी करने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आखम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला और पूर्व चेयरमैन नगर पालिका रामपुर अजहर अली खान की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इन सभी पर रामपुर नगर पालिका परिषद रामपुर द्वारा खरीदी गई रोड क्लीनिंग मशीन चुराने का आरोप है. उस वक्त आजम खान नगर विकास मंत्री थे और उन पर पद के दुरुपयोग करने का भी आरोप है.
प्रदेश में सरकार बदलने के बाद रामपुर के सामाजिक कार्यकर्ता वकार अली खान ने आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म सहित पांच अन्य लोगों के खिलाफ़ कोतवाली रामपुर में सफाई मशीन चोरी करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज़ कराई थी. आजम खान समेत अन्य की ज़मानत अर्जी पर न्यायमूर्ति समित गोपाल ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल,अधिवक्ता इमरानुल्ला और अपर महाधिवक्ता पी सी श्रीवास्तव, एजीए जे के उपाध्याय और शिकायकर्ता वकार अली खान के अधिवक्ता शरद शर्मा ने कोर्ट में पक्ष रखा.
आजम खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने विडियो कांफ्रेंसिंग से बहस की. कपिल सिब्बल का तर्क था कि जो मशीनें खरीदी गई थी, सभी का ब्योरा नगर पालिका परिषद रामपुर में मौजूद है. राज्य सरकार की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि मशीन की रिकवरी जौहर विश्वविद्यालय परिसर से हुई थी. नगर पालिका के प्रयोग के लिए आई मशीन को गलत तरीके से यूनिवर्सिटी के लिए उपयोग किया गया और सरकार बदलने पर उसे काटकर जमीन में दबा दिया गया. कोर्ट ने ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद 2 सितंबर को फैसला सुरक्षित किया था.