सहारनपुर: कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. कोरोना वायरस ने सहारनपुर की जिला कारागार में भी दस्तक दे दी है. शनिवार शाम आई रिपोर्ट के मुताबिक जिला जेल में सजा काट रहे 63 कैदियों में कोरोना की पुष्टि हुई है. जबकि 22 कैदियों में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण मिला था. जिसके बाद जेल में पॉजिटिव कैदियों की संख्या 85 हो गई है. कैदियों में कोरोना संक्रमण मिलने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
आनन-फानन में किशोर कारागार को खाली करके उसे कोविड-19 हॉस्पिटल में तब्दील किया गया है. बता दें कि जेल में कैदियों के बीच तैनात चल रहे बंदी रक्षकों की जांच नहीं कराई गई है, जिससे जेल में कोरोना का खतरा ज्यों का त्यों का बना हुआ है.
जेल प्रशासन में मचा हड़कंप
वरिष्ठ जेल अधीक्षक अमिता दुबे ने बताया कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कैदियों की जांच कराई जा रही है. जांच में 63 कैदियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. हैरानी के बात यह है कि बड़ी संख्या में कैदियों में संक्रमण मिलने के बाद भी बंदी रक्षकों का टेस्ट नहीं कराया गया. जबकि जेल अधीक्षक का दावा है कि एहतियातन बंदी रक्षकों का भी टेस्ट कराया जाएगा.
बंदी रक्षकों की नहीं हुई जांच
सहारनपुर की जेल में करीब 1800 कैदी बन्द हैं. सभी कैदियों का एक दूसरे के साथ उठना-बैठना रहता है. इतना ही नहीं जेल में तैनात बंदी रक्षक भी कैदियों के सम्पर्क में बने रहते हैं, जिससे बंदी रक्षकों में भी कोरोना संक्रमण होने की संभावना बनी हुई है. बावजूद इसके बंदी रक्षकों का कोविड टेस्ट नहीं कराया गया. किशोर कारागार में बंद किशोर कैदियों में भी कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में अगर टेस्ट कराया जाए तो जेल में ड्यूटी कर रहे बंदी रक्षक भी कोरोना पॉजिटिव निकल सकते हैं. पिछले एक महीने से जेल में कैदियों से मुलाकात बंद है. यहां यह सवाल उठना भी लाजमी है कि जिला कारागार में कोरोना संक्रमण आया कैसे ?