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सहारनपुर: जानिए क्या है पं दीनदयाल स्वतः रोजगार योजना, किस वर्ग को मिलता है लाभ - सहारनपुर समाचार

पहले स्वतः रोजगार योजना के नाम से जानी जाने वाली पंडित दीनदयाल स्वतः रोजगार योजना अब कई परिवारों का सहारा बन रही है. अनुसूचित जाति के परिवारों के लिए चलाई जाने वाली इस योजना से कई परिवारों को आत्मबल मिल रहा है. इतना ही नहीं अब विभाग की ओर से कार्यक्रम चलाकर इसके बारे में जागरूकता भी फैलाई जा रही है.

कई परिवारों को मिला योजना का लाभ.
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Published : May 31, 2019, 8:27 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : प्रदेश सरकार की पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वतः रोजगार योजना एक विशेष वर्ग के लिए मुख्य रूप से लाभकारी साबित हो रही है. यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति के लोगों की सिर्फ आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है. जिला समाज कल्याण अधिकारी ने योजना की जानकारी देते हुए कई बातें साझा कीं.

कई परिवारों को मिला योजना का लाभ.

क्या हैं पं. दीनदयाल स्वतः रोजगार योजना?

  • यह योजना पहले स्वतः रोजगार योजना के नाम से चल रही थी.
  • वर्तमान सरकार ने इसका नाम बदल कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वत: रोजगार योजना कर दिया.
  • इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को कम ब्याज दर के साथ 50 हजार से 15 लाख तक का ऋण दिया जाता है.
  • समाज कल्याण विभाग की ओर से लाभार्थी को 10 हजार की सब्सिडी भी दी जाती है.
  • बड़े प्रोजेक्ट के नाम पर लिए गए ऋण के लिए 10 हजार की सब्सिडी के साथ 25 प्रतिशत मूल ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज की व्यवस्था भी की गई है.
  • नाम बदलने के बाद विभाग लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक भी कर रहा है.

कैसे मिलेगा योजना का लाभ

  • इस योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के मुखिया या कोई व्यक्ति जो रोजगार करने के इच्छुक हैं, वह अपना आवेदन संबंधित विभाग में कर सकते हैं.
  • इसके लिए ब्लाक स्तर पर क्षेत्रीय कर्मचारी, सहायक विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, समाज कल्याण के कर्मचारी या फिर ग्रामीण क्षेत्र के सचिव और ग्राम पंचायत के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है.
  • शहरी क्षेत्रों में भी अनुसूचित जाति के परिवार इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
  • योजना के तहत ऋण देने के लिए जिला स्तर पर केंद्रीय साक्षात्कार लिया जाता है.
  • अभ्यर्थियों के चयन के बाद उन्हें रोजगार के लिए ऋण मुहैया करा दिया जाता है.

हमारे यहां केवल अनुसूचित जाति के लोगों के लिए यह योजना है. शासन की ओर से लाभार्थी को 10 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है, जबकि शेष धनराशि उनके प्रोजेक्ट की लागत के हिसाब से बैंक द्वारा दी जाती है. इसके बाद अभ्यर्थियों को बैंक रेट ऑफ इंटरेस्ट के साथ मासिक किस्तों में इसका भुगतान करना पड़ता है.

-कृष्णा प्रसाद, जिला समाज कल्याण अधिकारी

सहारनपुर : प्रदेश सरकार की पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वतः रोजगार योजना एक विशेष वर्ग के लिए मुख्य रूप से लाभकारी साबित हो रही है. यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति के लोगों की सिर्फ आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है. जिला समाज कल्याण अधिकारी ने योजना की जानकारी देते हुए कई बातें साझा कीं.

कई परिवारों को मिला योजना का लाभ.

क्या हैं पं. दीनदयाल स्वतः रोजगार योजना?

  • यह योजना पहले स्वतः रोजगार योजना के नाम से चल रही थी.
  • वर्तमान सरकार ने इसका नाम बदल कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वत: रोजगार योजना कर दिया.
  • इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को कम ब्याज दर के साथ 50 हजार से 15 लाख तक का ऋण दिया जाता है.
  • समाज कल्याण विभाग की ओर से लाभार्थी को 10 हजार की सब्सिडी भी दी जाती है.
  • बड़े प्रोजेक्ट के नाम पर लिए गए ऋण के लिए 10 हजार की सब्सिडी के साथ 25 प्रतिशत मूल ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज की व्यवस्था भी की गई है.
  • नाम बदलने के बाद विभाग लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक भी कर रहा है.

कैसे मिलेगा योजना का लाभ

  • इस योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के मुखिया या कोई व्यक्ति जो रोजगार करने के इच्छुक हैं, वह अपना आवेदन संबंधित विभाग में कर सकते हैं.
  • इसके लिए ब्लाक स्तर पर क्षेत्रीय कर्मचारी, सहायक विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, समाज कल्याण के कर्मचारी या फिर ग्रामीण क्षेत्र के सचिव और ग्राम पंचायत के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है.
  • शहरी क्षेत्रों में भी अनुसूचित जाति के परिवार इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
  • योजना के तहत ऋण देने के लिए जिला स्तर पर केंद्रीय साक्षात्कार लिया जाता है.
  • अभ्यर्थियों के चयन के बाद उन्हें रोजगार के लिए ऋण मुहैया करा दिया जाता है.

हमारे यहां केवल अनुसूचित जाति के लोगों के लिए यह योजना है. शासन की ओर से लाभार्थी को 10 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है, जबकि शेष धनराशि उनके प्रोजेक्ट की लागत के हिसाब से बैंक द्वारा दी जाती है. इसके बाद अभ्यर्थियों को बैंक रेट ऑफ इंटरेस्ट के साथ मासिक किस्तों में इसका भुगतान करना पड़ता है.

-कृष्णा प्रसाद, जिला समाज कल्याण अधिकारी

Intro:सहारनपुर : यूं तो प्रदेश की सरकार की तमाम योजनाएं हर वर्ग के नागरिकों को लाभाविन्त कर रही है लेकिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वत रोजगार योजना एक विशेष वर्ग के लिए मुख्य रूप से लाभकारी साबित हो रही है। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति के लोगो की सिर्फ आय बढ़ाने के लिए काम रही है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना पहले स्वत रोजगार योजना के नाम से चल रही थीं लेकिन वर्तमान सरकार ने इसका नाम बदल कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वत रोजगार योजना कर दिया। इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे के लोगो को कम ब्याज दर के साथ 50 हजार से 15 लाख तक का ऋण दिया जाता है। खास बात ये भी है कि समाज कल्याण विभाग की ओर से लाभार्थी को 10 हजार की सब्सिडी भी दी जाती जाती है। जबकि बड़े प्रोजेक्ट के लिए लिए गए ऋण के लिए 10 हजार की सब्सिडी के साथ 25 प्रतिशत मूल ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज भी व्यवस्था की गई है।


Body:VO 1 - जिला समाज कल्याण अधिकारी कृष्ण प्रसाद ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि यह एक बहुत पुरानी योजना है और बड़ी संख्या में लोग इस योजना का लाभ भी चुके है। पहले यह योजना स्वत रोजगार योजना के नाम से जानी जाती थी। वर्तमान सरकार ने योजना का नाम बदल कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वत रोजगाफ योजना कर दिया है। उन्होंने बताया कि 1981 से चली कक रही इस योजना का नाम तो बदल दिया गया और अनुसूचित जनजाति के परिवारों को न सिर्फ इस योजना की जानकारी है बल्कि लाभान्वित भी हो रहे है। विभाग द्वारा कैम्प और पंपलेट के माध्यम से संबधित लोगो जागरूक किया जा रहा है। समाज कल्याण अधिकारी कृष्ण प्रसाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा रोजगार उत्पन्न करने के लिए यह योजना चलाई गई है। इस योजना के अंतर्गत ऐसे लोग जो गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एवं रोजगार देने के लिए शासन ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वत स्वरोजगार योजना लागू की है। इस योजना का लाभ लेने के लिए ऐसे परिवार के मुखिया या कोई व्यक्ति जो रोजगार करने की इच्छुक हैं। वह अपना आवेदन सबन्धित विभाग में कर सकते है। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर क्षेत्रीय कर्मचारी, सहायक विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी कर्मचारियों समाज कल्याण या फिर ग्रामीण क्षेत्र के सचिव और ग्राम पंचायत के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। इसी प्रकार से शहरी क्षेत्रो में भी अनुसूचित जाति के परिवार इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना के तहत ऋण देने के लिए जिला स्तर पर केंद्रीय साक्षात्कार लिया जाता है। इस दौरान संबधित बैंक के प्रतिनिधि में मौजूद रहते है। अभ्यर्थियों के चयन के बाद उन्हें रोजगार के लिए ऋण मुहैया करा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां केवल अनुसूचित जाति के लोगों के लिए यह योजना है। शासन द्वारा लाभार्थी को 10000 रुपये का अनुदान दिया जाता है जबकि शेष धनराशि उनके प्रोजेक्ट की लागत के हिसाब से बैंक द्वारा दिया जाता है। जिसके बाद अभ्यर्थियों को बैंक रेट ऑफ इंटरेस्ट के साथ मासिक किस्तों में इसका भुगतान करना पड़ता हैं। अगर सहारनपुर जिले की बात करे तो यहां विभाग का 1850 लोगो ऋण देने का टारगेट है। जबकि पिछले साल 1200 लाभार्थियों को इस योजना से लाभान्वित किया गया था। इस योजना के अंतर्गत 50 हजार रुपये से लेकर के 15 लाख तक का प्रोविजन है। जबकि बड़े प्रोजेक्ट जैसे 5 लाख से 15 लाख रुपये तक तो उसमें 25% मार्जिन मनी विभाग द्वारा दी जाती है। जिसकी ब्याज दर केवल 4 प्रतिशत वार्षिक रहती है। समझाने के लिए एक लाख अगर कोई व्यक्ति ले रहा है 10000 की सब्सिडी हो गई 25 हजार उसको मार्जिन मनी दिया गया। शेष जो 65 हजार रुपये बैंक का ऋण रहता है।


बाईट - कृष्णा प्रसाद ( जिला समाज कल्याण अधिकारी )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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