सहारनपुर : प्रदेश सरकार की पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वतः रोजगार योजना एक विशेष वर्ग के लिए मुख्य रूप से लाभकारी साबित हो रही है. यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति के लोगों की सिर्फ आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है. जिला समाज कल्याण अधिकारी ने योजना की जानकारी देते हुए कई बातें साझा कीं.
क्या हैं पं. दीनदयाल स्वतः रोजगार योजना?
- यह योजना पहले स्वतः रोजगार योजना के नाम से चल रही थी.
- वर्तमान सरकार ने इसका नाम बदल कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वत: रोजगार योजना कर दिया.
- इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को कम ब्याज दर के साथ 50 हजार से 15 लाख तक का ऋण दिया जाता है.
- समाज कल्याण विभाग की ओर से लाभार्थी को 10 हजार की सब्सिडी भी दी जाती है.
- बड़े प्रोजेक्ट के नाम पर लिए गए ऋण के लिए 10 हजार की सब्सिडी के साथ 25 प्रतिशत मूल ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज की व्यवस्था भी की गई है.
- नाम बदलने के बाद विभाग लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक भी कर रहा है.
कैसे मिलेगा योजना का लाभ
- इस योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के मुखिया या कोई व्यक्ति जो रोजगार करने के इच्छुक हैं, वह अपना आवेदन संबंधित विभाग में कर सकते हैं.
- इसके लिए ब्लाक स्तर पर क्षेत्रीय कर्मचारी, सहायक विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, समाज कल्याण के कर्मचारी या फिर ग्रामीण क्षेत्र के सचिव और ग्राम पंचायत के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है.
- शहरी क्षेत्रों में भी अनुसूचित जाति के परिवार इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
- योजना के तहत ऋण देने के लिए जिला स्तर पर केंद्रीय साक्षात्कार लिया जाता है.
- अभ्यर्थियों के चयन के बाद उन्हें रोजगार के लिए ऋण मुहैया करा दिया जाता है.
हमारे यहां केवल अनुसूचित जाति के लोगों के लिए यह योजना है. शासन की ओर से लाभार्थी को 10 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है, जबकि शेष धनराशि उनके प्रोजेक्ट की लागत के हिसाब से बैंक द्वारा दी जाती है. इसके बाद अभ्यर्थियों को बैंक रेट ऑफ इंटरेस्ट के साथ मासिक किस्तों में इसका भुगतान करना पड़ता है.
-कृष्णा प्रसाद, जिला समाज कल्याण अधिकारी