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सहारनपुर में इस बार ऐसे दीयों से मनेगी दिवाली, पर्यावरण होगा शुद्ध

उत्तर प्रदेश के सहानपुर जिले में इस बार अनोखे तरीके से दीपावली मनाई जाएगी. दीपावली पर इस बार मिट्टी के दीये नहीं, बल्कि गाय के गोबर से बने दीये जलाए जाएंगे. नगर निगम के तत्वाधान में ये दीपक बनाए जा रहे हैं.

appealed to people to celebrate deepawali with cow dung lamp in saharanpur
सहारनपुर में गाय के गोबर से बने दीयों से लोग मनाएंगे दीपावली.
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Published : Nov 11, 2020, 9:20 PM IST

सहारनपुर: इस बार दीपावली का त्योहार एक अलग तरीके से मनाने का लोगों ने निर्णय लिया है. इस बार दीपावली पर गत वर्षो की भांति मिट्टी के दीयों से नहीं, बल्कि गाय के गोबर से बने दीपक के साथ लोग दीपावली मनाएंगे. ये दीपक नगर निगम और महाराज सिंह कॉलेज के गो विज्ञान शोध समूह के द्वारा बनाए जा रहे हैं. इनकी खास बात यह है कि यह मिट्टी के दीए से अधिक देर तक जलते हैं. साथ ही दीपक के जलने के बाद इनकी राख भी इस्तेमाल में लाई जाती है.

appealed to people to celebrate deepawali with cow dung lamp in saharanpur
गाय के गोबर से बने दियो को जलाने की अपील

लोगों को वितरित किए दीये

नगर में आयोजित एक कार्यक्रम के तहत गाय के गोबर से तैयार किए गए दीयों को लोगों को वितरित किया गया. अपील की गई कि ज्यादा से ज्यादा गोबर से तैयार हुए दीपक जलाएं ताकि वातावरण शुद्ध रहे. इन दीयों को गाय के गोबर, मुल्तानी मिट्टी और कई अन्य पदार्थों के मिश्रण से तैयार किया गया है, जोकि प्रकृति के अनुरूप है.

सकारात्मक ऊर्जा का होता है प्रभाव

गो विज्ञान शोध प्रभारी डॉ. दिनकर मलिक ने बताया कि गाय के गोबर से बने दीपक प्रतिदिन प्रयोग करने से घरों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है. साथ ही यह वातावरण को शुद्ध भी करते हैं तथा उपयोग के बाद मिट्टी में डालने पर एक उर्वरक की भांति कार्य करते हैं. लोगों से इस अनूठी पहल की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इसका अधिक प्रचार-प्रसार करने के लिए सभी को प्रेरित करें. यह नगर निगम सहारनपुर की कान्हा उपवन गोशाला में बनाए जा रहे हैं.

सहारनपुर: इस बार दीपावली का त्योहार एक अलग तरीके से मनाने का लोगों ने निर्णय लिया है. इस बार दीपावली पर गत वर्षो की भांति मिट्टी के दीयों से नहीं, बल्कि गाय के गोबर से बने दीपक के साथ लोग दीपावली मनाएंगे. ये दीपक नगर निगम और महाराज सिंह कॉलेज के गो विज्ञान शोध समूह के द्वारा बनाए जा रहे हैं. इनकी खास बात यह है कि यह मिट्टी के दीए से अधिक देर तक जलते हैं. साथ ही दीपक के जलने के बाद इनकी राख भी इस्तेमाल में लाई जाती है.

appealed to people to celebrate deepawali with cow dung lamp in saharanpur
गाय के गोबर से बने दियो को जलाने की अपील

लोगों को वितरित किए दीये

नगर में आयोजित एक कार्यक्रम के तहत गाय के गोबर से तैयार किए गए दीयों को लोगों को वितरित किया गया. अपील की गई कि ज्यादा से ज्यादा गोबर से तैयार हुए दीपक जलाएं ताकि वातावरण शुद्ध रहे. इन दीयों को गाय के गोबर, मुल्तानी मिट्टी और कई अन्य पदार्थों के मिश्रण से तैयार किया गया है, जोकि प्रकृति के अनुरूप है.

सकारात्मक ऊर्जा का होता है प्रभाव

गो विज्ञान शोध प्रभारी डॉ. दिनकर मलिक ने बताया कि गाय के गोबर से बने दीपक प्रतिदिन प्रयोग करने से घरों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है. साथ ही यह वातावरण को शुद्ध भी करते हैं तथा उपयोग के बाद मिट्टी में डालने पर एक उर्वरक की भांति कार्य करते हैं. लोगों से इस अनूठी पहल की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इसका अधिक प्रचार-प्रसार करने के लिए सभी को प्रेरित करें. यह नगर निगम सहारनपुर की कान्हा उपवन गोशाला में बनाए जा रहे हैं.

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