सहारनपुर: बहुचर्चित निर्भया कांड के दोषियों को एक बार फिर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई. हाईकोर्ट ने फांसी की सजा पा चुके चारो दोषियों की फांसी को फिर से टाल दिया है, जिसके बाद न सिर्फ निर्भया के माता-पिता को दुख पहुंचा है, बल्कि निर्भया की लड़ाई लड़ रही 'परी' संस्था ने भी अफसोस जताया है.
परी की संस्थापक योगिता भ्याना ने अदालत के इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं. योगिता भ्याना ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि हमारे देश की न्याय प्रणाली में काफी कमियां हैं, इसलिए न्याय प्रणाली को बदलने की जरूरत है. लगातार दोषियों की फांसी की सजा पर दिल्ली सरकार की केजरीवाल सरकार राजनीति कर रही है.
निर्भया के दोषियों के बचाने के लिए हो रही राजनीति. हमारे कानून में बहुत सारी हैं कमियांनिर्भया के दोषियों की फांसी टालने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए कानून में लूजपोल हैं और आरोपियों के वकील इन लूजपोल का दुरुपयोग कर रहे हैं. कहीं न कहीं हमारे कानून में बहुत सारी कमियां हैं, जिन्हें बदलने का समय आ गया है. रेप पीड़िताओं का प्रत्येक मामला उदाहरण बना हुआ है. निर्भया के दोषियों को फांसी दिलाने के बाद टालने की घटना ने देश को बेटियों को बहुत कुछ सिखा दिया है. इसके चलते अब कानून बदलेगा और परी संस्था इसके लिए प्रयासरत है.
देश का बड़े से बड़ा वकील दोषियों की कर रहा है वकालत
राजनीति करने वाले लोगों के सवाल पर योगिता का कहना है कि मुझे लगता है, जो कानूनी व्यवस्था में समस्या एवं कमजोरी है. इन्हीं की वजह से दोषी बच जाते हैं. वकीलों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि हर दिन नए-नए बड़े-बड़े वकील उन्हें स्पोट करने आ रहे हैं. इतने अच्छे वकील पीड़िता को नहीं मिलते जितने बड़े वकील दोषियों को मुफ्त में मिल जाते हैं. देश का बड़े से बड़ा वकील दोषियों की वकालत कर रहा है. इसे भी पढ़ें:- मां की पूजा, पिता के टिप्स, यशस्वी का शतक और सेमीफाइनल में पाकिस्तान की हार