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पंचायत चुनाव से पहले ग्रामीणों ने खोली पोल, गांव में नहीं हुआ विकास - development work done in saharanpur

यूपी के सहारनपुर में त्रिस्तरीय चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी है. ग्राम प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्यों समेत चारों पदों के लिए प्रत्याशी भी तैयारियों में जुट गए हैं. जिसकी ज्यादा जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने सहारनपुर के कांकरखुई गांव में विकास कार्यों को लेकर ग्रामीणों से बातचीत की.

पंचायत चुनाव.
पंचायत चुनाव.
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Published : Mar 18, 2021, 9:32 AM IST

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय चुनाव का बिगुल बज चुका है. ग्राम प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्यों समेत चारों पदों के लिए प्रत्याशी भी तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं जिला प्रशासन मतदाता सूची, पोलिंग बूथ, पोलिंग टीम की सूची बनाने की तैयारी कर रहा है. चुनाव की तारीख आने से पहले ही प्रत्याशियों ने वोटों का जोड़तोड़ शुरू कर दिया है. ग्रामीणों के बीच पहुंच कर गांवों में विकास कार्य कराने के दावे किए जा रहे हैं. पिछली योजनाओं में गांवो में कितना विकास हुआ है, कितनी योजनाएं ग्रामीणों तक पहुंची है यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने सहारनपुर के कांकरखुई गांव में ग्रांउड जीरो पर पहुंच कर न सिर्फ गांव में हुए विकास कार्यों का जायजा लिया बल्कि ग्रामीणों से बातचीत की.

जानकारी देते ग्रामीण.

ईटीवी भारत से बातचीत में ग्रामीणों ने न सिर्फ पूर्व में रहे ग्राम प्रधानों का चिट्ठा खोल दिया बल्कि चुनाव से पहले किये गए दावों की पोल भी खोल दी. ग्रामीणों का कहना है कि गांव की गलियों में न तो सफाई होती है और न ही पीने के लिए स्वच्छ पानी और पानी निकासी की व्यवस्था है. जिससे बारिश के दिनों में गंदा पानी गलियों में भरा रहता है. सफाई नहीं होने से नालियों में गंदा पानी ठहरने से बीमारियों का खतरा बना हुआ है.

जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर
ETV भारत की टीम पश्चिम उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर के बलियाखेड़ी ब्लॉक इलाके के गांव कांकरखुई पहुंची. जहां गांव की गलियों में कूड़े का ढेर दिखाई दिया. गांव की मुख्य गलियों के साथ छोटी-बड़ी ज्यादातर गलियों में कूड़े के अंबार दिखाई दिए. जिनसे ग्रामीणों को गंभीर बीमारियों का खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि कांकरखुई गांव में एक ही सफाई कर्मचारी तैनात है, जो महीने में एक दो बार ही आता है और प्रधान के घर के आसपास ही सफाई करके चला जाता है.

गांव में नहीं हुआ विकास कार्य
ETV भारत से बातचीत में ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में रहे ग्राम प्रधानों ने गांव में कोई विकास कार्य नहीं कराया है. गांव में जितनी भी गलियां और नालियां बनी हुई है. जोकि 10 साल पहले ग्राम प्रधान ने बनवाई. गलियों के दोनों ओर बनाई गई नालियां चोक पड़ी हुई है. जिससे गांव के गंदे पानी की निकासी हो पा रही है. पानी निकासी नहीं होने से नालियों में बदबू रहती है. ग्रामीणों का कहना नालियां बंद होने से बारिश के दिनों में नालियों का पानी सड़कों पर आ जाता है. जिससे बच्चों और महिलाओ को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

स्वच्छ पानी नहीं व्यवस्था
ग्रामीणों ने बताया कि गांव कांकरखुई में पीने के स्वच्छ पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. पूर्व में चुने गए प्रधान और जिला पंचायत सदस्य ने पानी की टंकी लगवाने का वादा किया था. स्वस्छ पानी के लिए लगाए गए सरकारी नल भी 15 साल पहले ही लगे हुए हैं. इन नलों से बदबूदार एंव प्रदूषित पानी आ रहा है. ग्रामीण प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है. जिससे गांव में बीमारियां फैलने का खतरा मंडरा रहा है. पूर्व में रह चुके ग्राम प्रधान से ग्रामीण सतुंष्ट नहीं है.

गांव की सरकार में बदलाव चाहते हैं ग्रामीण
ETV भारत ने ग्रामीणों के मन को टटोलने की कोशिश की. ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव का प्रधान पढ़ा लिखा और ईमानदार होना चाहिए. इस बार ये लोग गांव की सरकार में बदलाव चाहते हैं. ETV भारत से बातचीत में ग्रामीणों का कहना है कि वे ऐसा प्रधान चुनना चाहेगे जो उनके हक की लड़ाई लड़े. गांव में चहुमुखी विकास करे. पीने के स्वच्छ पानी की व्यवस्था के साथ गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था करें.

इसे भी पढे़ं- पंचायत चुनाव: प्रतापगढ़ में शुरू हुईं चुनाव की तैयारियां

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय चुनाव का बिगुल बज चुका है. ग्राम प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्यों समेत चारों पदों के लिए प्रत्याशी भी तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं जिला प्रशासन मतदाता सूची, पोलिंग बूथ, पोलिंग टीम की सूची बनाने की तैयारी कर रहा है. चुनाव की तारीख आने से पहले ही प्रत्याशियों ने वोटों का जोड़तोड़ शुरू कर दिया है. ग्रामीणों के बीच पहुंच कर गांवों में विकास कार्य कराने के दावे किए जा रहे हैं. पिछली योजनाओं में गांवो में कितना विकास हुआ है, कितनी योजनाएं ग्रामीणों तक पहुंची है यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने सहारनपुर के कांकरखुई गांव में ग्रांउड जीरो पर पहुंच कर न सिर्फ गांव में हुए विकास कार्यों का जायजा लिया बल्कि ग्रामीणों से बातचीत की.

जानकारी देते ग्रामीण.

ईटीवी भारत से बातचीत में ग्रामीणों ने न सिर्फ पूर्व में रहे ग्राम प्रधानों का चिट्ठा खोल दिया बल्कि चुनाव से पहले किये गए दावों की पोल भी खोल दी. ग्रामीणों का कहना है कि गांव की गलियों में न तो सफाई होती है और न ही पीने के लिए स्वच्छ पानी और पानी निकासी की व्यवस्था है. जिससे बारिश के दिनों में गंदा पानी गलियों में भरा रहता है. सफाई नहीं होने से नालियों में गंदा पानी ठहरने से बीमारियों का खतरा बना हुआ है.

जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर
ETV भारत की टीम पश्चिम उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर के बलियाखेड़ी ब्लॉक इलाके के गांव कांकरखुई पहुंची. जहां गांव की गलियों में कूड़े का ढेर दिखाई दिया. गांव की मुख्य गलियों के साथ छोटी-बड़ी ज्यादातर गलियों में कूड़े के अंबार दिखाई दिए. जिनसे ग्रामीणों को गंभीर बीमारियों का खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि कांकरखुई गांव में एक ही सफाई कर्मचारी तैनात है, जो महीने में एक दो बार ही आता है और प्रधान के घर के आसपास ही सफाई करके चला जाता है.

गांव में नहीं हुआ विकास कार्य
ETV भारत से बातचीत में ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में रहे ग्राम प्रधानों ने गांव में कोई विकास कार्य नहीं कराया है. गांव में जितनी भी गलियां और नालियां बनी हुई है. जोकि 10 साल पहले ग्राम प्रधान ने बनवाई. गलियों के दोनों ओर बनाई गई नालियां चोक पड़ी हुई है. जिससे गांव के गंदे पानी की निकासी हो पा रही है. पानी निकासी नहीं होने से नालियों में बदबू रहती है. ग्रामीणों का कहना नालियां बंद होने से बारिश के दिनों में नालियों का पानी सड़कों पर आ जाता है. जिससे बच्चों और महिलाओ को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

स्वच्छ पानी नहीं व्यवस्था
ग्रामीणों ने बताया कि गांव कांकरखुई में पीने के स्वच्छ पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. पूर्व में चुने गए प्रधान और जिला पंचायत सदस्य ने पानी की टंकी लगवाने का वादा किया था. स्वस्छ पानी के लिए लगाए गए सरकारी नल भी 15 साल पहले ही लगे हुए हैं. इन नलों से बदबूदार एंव प्रदूषित पानी आ रहा है. ग्रामीण प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है. जिससे गांव में बीमारियां फैलने का खतरा मंडरा रहा है. पूर्व में रह चुके ग्राम प्रधान से ग्रामीण सतुंष्ट नहीं है.

गांव की सरकार में बदलाव चाहते हैं ग्रामीण
ETV भारत ने ग्रामीणों के मन को टटोलने की कोशिश की. ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव का प्रधान पढ़ा लिखा और ईमानदार होना चाहिए. इस बार ये लोग गांव की सरकार में बदलाव चाहते हैं. ETV भारत से बातचीत में ग्रामीणों का कहना है कि वे ऐसा प्रधान चुनना चाहेगे जो उनके हक की लड़ाई लड़े. गांव में चहुमुखी विकास करे. पीने के स्वच्छ पानी की व्यवस्था के साथ गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था करें.

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