सहारनपुर: कोरोना काल में बकरा ईद मनाने के लिए इस्लामिक धर्मगुरु कुर्बानी की इजाजत मांग रहे हैं. साथ ही ईदगाह में सामूहिक नमाज अदा करने की अनुमति मांगी है. वहीं ईद से पहले कुर्बानी को लेकर अलग बहस छिड़ गई है. लोनी से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने ईद के मौके पर दी जाने वाली कुर्बानी पर विवादित बयान दिया है.
विधायक नंदकिशोर ने बकरा ईद के मौके पर कुर्बानी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए कहा कि कुर्बानी अपनी किसी प्यारी चीज की देते हैं. विधायक के इस विवादित बयान पर देवबंदी उलेमाओं ने भी मोर्चा खोल दिया है. उलेमाओं ने विधायक के इस बयान को न सिर्फ बेतुका बताया है, बल्कि मुफ्त में पब्लिसिटी कमाने का जरिया करार दिया है.
बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने विवादित बयान देकर नई बहस छेड़ दी है. उनका कहना है कि इस बार ईद के मौके पर कुर्बानी देनी है तो अपने बच्चों की दें, लेकिन मांस का सेवन नहीं होने दिया जाएगा. विधायक के इस बयान के बाद इस्लामिक जगत में आक्रोश बना हुआ है. मुस्लिम धर्मगुरु और उलेमाओं ने बीजेपी विधायक के इस बयान की कड़ी शब्दों में निंदा की है. मौलाना लुत्फुर्रहमान सादिक कासमी मोहतमिम जामिया फातिमा जोहरा एंग्लो अरबिक ने कहा कि बीजेपी के विधायक नंदकिशोर और प्रवक्ता ही नहीं, बल्कि पूरी बीजेपी पार्टी हमेशा से मुसलमानों के खिलाफ बात करती रही है.
उन्होंने कहा कि इस मुल्क को दंगों एवं बर्बादी की तरफ ले जाना चाहते हैं. आज के दौर में मुल्क बदहाली के दौर से गुजर रहा है. विधायक का यह बयान गलीज किस्म का बयान है. वहीं जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व देवबंदी विचाराधारा के प्रसिद्ध आलिम मौलाना कारी इसहाक गोरा ने विधायक के बयान की निंदा करते हुए इसे देश के अमन के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि ऐसे विवादित बयान देने वालों को जवाब देना हम जरूरी नहीं समझते, लेकिन ऐसे विवादित विधायक पर कानूनी कार्रवाई होनी जरूरी है.