सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मिलावट खोरी के खिलाफ अभियान चलाने के दावे कर रही है. वहीं सपा एलएलसी एवं विधान परिषदीय समिति सभापति साहब सिंह सैनी ने सरकार के अभियान पर सवाल खड़े किए. इतना ही नहीं उन्होंने अधिकारियों को भी कटघरे में खड़ा कर दिया. ईटीवी भारत से बातचीत में सपा एमएलसी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा अयोध्या में अधिग्रहित 67 एकड़ में से जमीन मांगने का समर्थन भी किया है.
साहब सिंह सैनी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष जहां चाहता है सरकार को वहीं जमीन देनी चाहिए. वहीं मदरसों के आधुनिकरण पर बजट जारी करने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास राम मंदिर का मुद्दा खत्म हो गया है. इसलिए मदरसों के बहाने मुस्लिम को रिझाने की कोशिश कर रही है.
मिलावट खोरी पर लगे अंकुश
उत्तर प्रदेश में मिलावटखोरी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. दवाईओं से लेकर खाने पीने के सामान में खूब मिलावट की जा रही है. जिसके चलते सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सपा एमएलसी साहब सिंह सैनी को विधान परिषदीय समिति का सभापति मनोनीत कर मिलावट खोरी पर अंकुश लगाने की कोशिश की है. जिससे प्रदेश वासियों को स्वास्थ्य वर्धक सामान उपलब्ध किया जा सके.
ये भी पढ़ें- अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए लगातार बयानबाजी कर रहे ओवैसी: महंत बाबा बलराम दास
बढ़ता ही जा रहा मिलावटखोरी
विधायक साहब सिंह सैनी ने बताया कि इन दिनों पूरे उत्तर प्रदेश में मिलावट एक महामारी के रूप में हो रही है. आए दिन मिलावट खोरी का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है. प्रदेश की जनता को स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी होती है, लेकिन सरकार और अधिकारियों की लापरवाही के कारण मिलावटखोरी का कारोबार बढ़ता जा रहा है. मिलावट खोरी को रोकने के लिए विधान परिषदीय समिति ने अभियान चलाया हुआ है. उन्होंने अधिकारियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि समिति किसी भी कीमत पर कागजी कार्रवाई बर्दास्त नहीं करेगी. मिलावट खोरों के खिलाफ न सिर्फ प्रभावी कार्रवाई हो बल्कि मिलावटखोरी पर पूरी तरह अंकुश लगना चाहिए.
सरकार को देनी चाहिए मनमाफिक जमीन
वहीं ईटीवी भारत के माध्यम से केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि जब देश के हिन्दू-मुसलमानों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. ऐसे में सरकार मुसलमानों को उस स्थान पर जमीन दे, जहां मुस्लिम पक्ष चाहता है ताकि देश-प्रदेश में अमन चैन और भाईचारा कायम रह सके. मुसलमानों ने इस फैसले को स्वीकार करने की पहल की है तो अब सरकार को उनके मनमाफिक जमीन देनी चाहिए.
ये भी पढ़ें- सरकार पीएफ की वापसी के लिए प्रतिबद्ध है: सीएम योगी
मदरसों को आधुनिकीकरण किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि सरकार मदरसों का उद्धार करना चाहती है तो यह अच्छा कदम है. अगर महज कागजी कार्रवाई कर मदरसों को खत्म करना चाहती है. यह मुसलमानों के साथ धोखा होगा. उन्होंने कहा कि समाज का हर व्यक्ति इतना जागरूक है कि किसी के बहकावे में नहीं आता.