सहारनपुर: पीड़ित महिला चाहे वह ससुराल से परेशान हो या उसे घर से निकाल दिया गया हो या फिर थाने में सुनवाई न हो रही हो उसके लिए भारत सरकार ने सभी जनपदों में सखी वन स्टॉप सेंटर का निर्माण कराने के आदेश दिए थे. कागजों में प्रदेश के हर जिले में सखी वन स्टॉप सेंटर बन चुका है, लेकिन धरातल की सच्चाई कुछ और ही है. अब भी सूबे के कई जिले में वन स्टॉप सेंटर का निर्माण तक नहीं हुआ है. सहारनपुर में भी यही हाल है. यहां अब सखी वन स्टॉप सेंटर का निर्माण किए जाने की कवायद शुरू हुई है.
अधिकारियों का कहना है कि जमीन चिन्हित कर ली गई है. बजट पास होते ही वन स्टॉप सेंटर बनाने का काम शुरू हो जाएगा. वन स्टॉप सेंटर में पीड़ित महिलाओं को रहने, खाने और उनकी समस्या का निस्तारण करने की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. सहारनपुर में अभी वन स्टॉप सेंटर अस्थाई तौर पर जिला चिकित्सालय में बनाया गया है, जहां पीड़ित महिलाओं की सुनवाई की जा रही है. वन स्टॉप सेंटर के बारे में महिलाओं में जागरूकता लाने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है.
जिला प्रोबेशन अधिकारी पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि सखी वन स्टॉप सेंटर जो कि भारत सरकार की महिला बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत चलाई गई योजना है, यह देश के सभी जनपदों में सखी वन स्टॉप सेंटर संचालित किए जा रहे हैं और इसके लिए प्रोविजन यह है कि वन स्टॉप सेंटर को 350 स्क्वायर मीटर की भूमि चिन्हित करके उसमें इसको स्थापित किया जाएगा. जनपद सहारनपुर में हम लोगों ने नगर निगम के माध्यम से जमीन को चिन्हित कर लिया है और जल्द ही इसकी बिल्डिंग का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा. अगले आने वाले छह महीनों में इसकी बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी. इसके अतिरिक्त अस्थाई रूप से वन स्टॉप सेंटर जिला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में संचालित हो रहा है, जहां पर प्रत्येक माह 70 केस महिलाओं व बालिकाओं से संबंधित आ रहे हैं.