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सहारनपुर थाने में युवकों की बेहरमी से पिटाई, मानवाधिकार आयोग सख्त, परिवार के लोगों ने उठायी आवाज़

सहारनपुर में 10 जून को नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर हुए उग्र आन्दोलन में गिरफ्तार आरोपियों की पिटाई का वीडियो सामने आया है. इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग सख्त है. माना जा रहा है कि इसे लेकर अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.

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सहारनपुर थाने में पिटाई का वीडियो वायरल
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Published : Jul 1, 2022, 12:40 PM IST

सहारनपुर: थाने में युवकों की पिटाई के मामले में जिले के एसएसपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आरोप है कि एसएसपी के अधीनस्थ अधिकारियों ने जुमे की नमाज के बाद हुए प्रदर्शन के आरोपियों को गिरफ्तार कर बर्बरता से पिटाई की है. उसके बाद पिटाई के इस वीडियो को छिपाने की भी कोशिश की गई. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये वीडियो सहारनपुर का नहीं है.

सहारनपुर थाने में पिटाई का वीडियो वायरल

मामले की जानकारी के अनुसार 10 जून को जुमे की नमाज के बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जामा मस्जिद से निकले नमाजियों ने भड़काऊ नारेबाजी की थी. इसके अलावा बिना अनुमति के उग्र प्रदर्शन भी किया था. इसमें कुछ शरारती तत्वों ने तो बाजारों में तोड़फोड़ कर लूटपाट करने का भी प्रयास किया था. इसके बाद पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा था. इसी बीच 11 जून को सोशल मीडिया पर पुलिस कस्टडी में युवकों की पिटाई का एक वीडियो सामने आया. यह वीडियो सहारनपुर की नगर कोतवाली बताया गया. वायरल वीडियो की सच्चाई सामने आने के बाद सहारनपुर पुलिस की खूब किरकिरी हुई. पुलिस ने कहा कि ये वीडियो सहारनपुर का नहीं है.


ETV भारत की टीम ने थाने में पीटे गये युवकों के परिजनों से सम्पर्क किया. परिजनों ने इनके नाम मोहम्मद अली निवासी पीर गली, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद तारिक, राहत अली, इमरान बताये. परिजनों के अनुसार ये युवक उनके परिवार के हैं. जो उस वक्त अपने मोहल्ले में ही थे. सीसीटीवी फुटेज उनकी बेगुनाही के सबूत है. वीडियो में कपड़ों और चेहरों से युवकों की साफ पहचान की जा सकती है, लेकिन पुलिस उन्हें झूठे मामले में उठाकर नगर कोतवाली लेकर गई. वहां उनकी बर्बरतापूर्वक पिटाई की गई. पुलिस ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की. परिजनों ने कहा कि पुलिस की पिटाई से युवकों के हाथ और पैरों में गंभीर चोटें भी आई हैं.


वीडियो आने के बाद पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर और RTI एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने मानव अधिकार आयोग में शिकायत की थी. इस शिकायत में उन्होंने लिखा कि एसएसपी सहारनपुर ने थाने में पिटाई और अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों के बर्बरतापूर्ण कार्रवाई को छिपाना चाहते हैं. उन्होंने पुलिस पर लगाये गए आरोपों के कई साक्ष्य देकर आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि पुलिस कस्टडी में इस तरह की पिटाई करना मानव अधिकारों का उल्लंघन है.

यह भी पढ़ें-अनोखा फेयरवेल: मुरादाबाद में महिला पुलिसकर्मियों ने लगाए ठुमके, रिटायर होमगार्ड्स को दी विदाई


मानव अधिकार आयोग ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए वीडियो की जांच शुरू कर दी है. आयोग का कहना है कि पुलिस कस्टडी में बेरहमी से पिटाई करना मानव अधिकारों का उल्लंघन है. इस तरह के मामलों को गंभीरता से लिया जाता है. शिकायतों का संज्ञान लेते हुए पिटाई के वीडियो को सहारनपुर हिंसा के सबंध में कार्रवाई की जा रही है. इसके बाद कहा जा रहा है कि इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.

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सहारनपुर: थाने में युवकों की पिटाई के मामले में जिले के एसएसपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आरोप है कि एसएसपी के अधीनस्थ अधिकारियों ने जुमे की नमाज के बाद हुए प्रदर्शन के आरोपियों को गिरफ्तार कर बर्बरता से पिटाई की है. उसके बाद पिटाई के इस वीडियो को छिपाने की भी कोशिश की गई. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये वीडियो सहारनपुर का नहीं है.

सहारनपुर थाने में पिटाई का वीडियो वायरल

मामले की जानकारी के अनुसार 10 जून को जुमे की नमाज के बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जामा मस्जिद से निकले नमाजियों ने भड़काऊ नारेबाजी की थी. इसके अलावा बिना अनुमति के उग्र प्रदर्शन भी किया था. इसमें कुछ शरारती तत्वों ने तो बाजारों में तोड़फोड़ कर लूटपाट करने का भी प्रयास किया था. इसके बाद पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा था. इसी बीच 11 जून को सोशल मीडिया पर पुलिस कस्टडी में युवकों की पिटाई का एक वीडियो सामने आया. यह वीडियो सहारनपुर की नगर कोतवाली बताया गया. वायरल वीडियो की सच्चाई सामने आने के बाद सहारनपुर पुलिस की खूब किरकिरी हुई. पुलिस ने कहा कि ये वीडियो सहारनपुर का नहीं है.


ETV भारत की टीम ने थाने में पीटे गये युवकों के परिजनों से सम्पर्क किया. परिजनों ने इनके नाम मोहम्मद अली निवासी पीर गली, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद तारिक, राहत अली, इमरान बताये. परिजनों के अनुसार ये युवक उनके परिवार के हैं. जो उस वक्त अपने मोहल्ले में ही थे. सीसीटीवी फुटेज उनकी बेगुनाही के सबूत है. वीडियो में कपड़ों और चेहरों से युवकों की साफ पहचान की जा सकती है, लेकिन पुलिस उन्हें झूठे मामले में उठाकर नगर कोतवाली लेकर गई. वहां उनकी बर्बरतापूर्वक पिटाई की गई. पुलिस ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की. परिजनों ने कहा कि पुलिस की पिटाई से युवकों के हाथ और पैरों में गंभीर चोटें भी आई हैं.


वीडियो आने के बाद पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर और RTI एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने मानव अधिकार आयोग में शिकायत की थी. इस शिकायत में उन्होंने लिखा कि एसएसपी सहारनपुर ने थाने में पिटाई और अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों के बर्बरतापूर्ण कार्रवाई को छिपाना चाहते हैं. उन्होंने पुलिस पर लगाये गए आरोपों के कई साक्ष्य देकर आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि पुलिस कस्टडी में इस तरह की पिटाई करना मानव अधिकारों का उल्लंघन है.

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मानव अधिकार आयोग ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए वीडियो की जांच शुरू कर दी है. आयोग का कहना है कि पुलिस कस्टडी में बेरहमी से पिटाई करना मानव अधिकारों का उल्लंघन है. इस तरह के मामलों को गंभीरता से लिया जाता है. शिकायतों का संज्ञान लेते हुए पिटाई के वीडियो को सहारनपुर हिंसा के सबंध में कार्रवाई की जा रही है. इसके बाद कहा जा रहा है कि इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.

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