सहारनपुर: इन दिनों अपराधियों ने लूट का अजीब गरीब तरीका अख्तियार कर लिया है. अपराधी बैंक में जाकर पैसे जमा करने या निकालने वाले शख्स को अपने झांसे में फंसाकर लाखो की ठगी कर रहे हैं. ताजा मामला सहारनपुर का है, जहां थाना नागल पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने मुठभेड़ के बाद तीन ठगों को गिरफ्तार कर उनके पास ठगी किए गए करीब डेढ़ लाख रुपये नगदी, फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड और असलाह बरामद किया है. पकड़े गए अभियुक्त बैंक में पैसा जमा करने वालों लोगों की इस सिर्फ रेकी करते थे बल्कि उनके सामने दो हजार के नोट लगाकर कागज की गड्डी दिखाकर अपने झांसे में फंसा लेते थे. नोटों की गड्डियो को चोरी की होना बताकर उनसे लाखों की बजाए थोड़े बहुत पैसे लेकर कागज की गड्डी थमा देते थे.
एसपी देहात सागर जैन के मुताबिक, वीरवार की देर रात थाना नागल पुलिस नौंजली मार्ग पर रूटीन चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान नौंजली की ओर से बडौली ओर तेज रफ्तार रिट्ज गाड़ी आ रही थी. पुलिस ने चालक को चेकिंग के लिए रुकने का इशारा किया. लेकिन कार चालक ने रुकने की बजाए कार लेकर भागने लगे. पुलिस ने पीछा किया तो कार में सवार युवकों ने पुलिस टीम पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी. पुलिस टीम ने आत्मरक्षा के लिए फायरिंग करते हुए कार सवारों की घेराबंदी कर ली.
एसपी देहात ने कहा कि घेराबंदी होने के बाद एनकाउंटर के डर से बदमाशों ने खुद को पुलिस के आगे सरेंडर कर दिया. पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मुंबई के रहने वाले भावेश पटेल, यूपी के रहने वाले अब्दुल अव्वल और पटना के रहने वाले सिंटू को गिरफ्तार कर लिया. अभियुक्तों की कार में चेकिंग की तो कार से तीन देसी तमंचे, 5 मोबाइल फोन, तीन फर्जी नंबर प्लेट, 1,48,000 रुपए की नकदी और कुछ फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस भी बरामद हुए है.
एसपी देहात सागर जैन ने ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में महाराष्ट्र, राजस्थान, यूपी और उत्तराखंड में लोगों से ठगी करना स्वीकार किया है. ठगों के इस अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना भावेश पटेल को बताया जा रहा है, जो महाराष्ट्र का रहने वाला है. पकड़े गए तीनों आरोपी महाराष्ट्र में आपस में मिले थे. पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह फर्जी नंबर की गाड़ी लेकर बैंक के बाहर खड़े होकर ऐसे ग्राहकों की रेकी करते थे जो बैंक का कस्टमर बैंक से पैसे जमा करने या निकालने का फार्म भरते थे. एक अभियुक्त बैंक के अंदर जाकर बैंक कस्टमर से घुल मिल जाता था. कस्टमर को प्रलोभन देने के लिए कपड़े में लिपटी हुई 2000 नोटों की गड्डी दिखाते थे, जिनमे केवल असली नोट गड्डी के ऊपर नीचे ही लगा होता था. ये कस्टमर को बताते की हम नोटो किए गड्डी चोरी करके लाए हैं.
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