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फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के खेल से कई बेगुनाह गए जेल, दलाल गिरफ्तार - एसिड अटैक का फर्जी मेडिकल

सहारनपुर में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने वाले गिरोह के दलाल को पकड़ा गया. आरोपी कोर्ट केस में साक्ष्य के तौर पर पेश किए जाने के लिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाता था. उसने वकीलों और डॉक्टरों के साथ मिलकर ऐसे 40 सर्टिफिकेट बनवाए थे (fake medical certificates busted in Saharanpur).

Etv Bharat fake medical certificates busted in Saharanpur
Etv Bharat fake medical certificates busted in Saharanpur
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Published : Jan 7, 2023, 7:10 PM IST

सहारनपुर : उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले की पुलिस ने सरकारी अस्पताल की इमरजेंसी में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट (fake medical certificates) बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने वाले दलाल को गिरफ्तार किया है और उसके पास से अहम सबूत बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए अभियुक्त ने पूछताछ में जिला अस्पताल (government hospital saharanpur) के कई बड़े डॉक्टरो के नाम भी सामने आए हैं, जो फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने वाले गैंग में शामिल हैं. एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि पुलिस इस केस की गहनता से जांच कर रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर थानों में कितने केस रजिस्टर्ड हुए. इसके अलावा ऐसे केस के कारण कितने केसों पर असर पड़ा.

बना दिया एसिड अटैक का फर्जी मेडिकल : एसपी सिटी के मुताबिक, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह (Gang making fake medical certificates ) का खुलासा एक महिला की ओर से दर्ज कराए गए केस की जांच के दौरान के हुआ. पिछले दिनों फ़र्जन नाम के दलाल ने एक विवाहिता का एसिड अटैक का फर्जी मेडिकल बनवाया था. इस सर्टिफिकेट के आधार पर विवाहिता ने ससुरालियों को फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया था. ससुरालियों के वकील ने एसिड अटैक के आरोपों को गलत बताया और उसने महिला के अस्पताल जाने के सीसीटीवी फुटेज चेक करने की मांग की. जांच में यह सामने आया कि महिला सही हालत में अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दाखिल हुई. इसके बाद फ़र्जन महिला को बाथरूम में ले गया, जहां उसके चेहरे पर तेज़ाब के निशान बना दिए. फिर इसके आधार पर फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा दिया.

10 हजार से एक लाख रुपये में बनते थे फर्जी मेडिकल : फर्जीवाड़े के इस खेल में विवाहिता के वकील औऱ मुंशी भी शामिल बताए जा रहे हैं. इसके बाद सहारनपुर के थाना जनकपुरी पुलिस और स्थानीय एसओजी टीम ने जिला अस्पताल से सर्टिफिकेट बनवाने वाले दलाल को धर दबोचा. पुलिस ने तमाम सबूतों के आधार पर फ़र्जन को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो हैरान रह गई. पूछताछ में फ़र्जन ने बड़ी संख्या में फर्जी मेडिकल बनवाना स्वीकार किया है. सूत्रों की माने तो इस मामले सरगना को सफेद पोश नेताओं का संरक्षण प्राप्त था. वह कई साल से फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा रहा था. ऐसे सर्टिफिकेट के आधार पर कई बेगुनाह जेल चले गए और कई गुनहगारों को बचाया भी गया. पूछताछ में फर्जन ने बताया कि एक फर्जी मेडिकल बनाने के लिए 10 हजार से एक लाख रुपये तक लिये जाते थे, जिनमें एक बड़ा हिस्सा सरकारी अस्पताल के बड़े डॉक्टरो के पास जाता था. एसपी सिटी ने बताया कि अभी तक की जांच में पता चला है कि फर्जन ने डॉक्टरों की सांठगांठ से 30-40 मेडिकल सर्टिफिकेट बनावाए हैं. उसके मोबाइल फोन से कई रेकॉर्डिंग मिली है, जिसकी जांच चल रही है. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें : नाबालिग से 15 साल पहले शादी की थी, दो बेटियां होने के बाद हुई गिरफ्तारी

सहारनपुर : उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले की पुलिस ने सरकारी अस्पताल की इमरजेंसी में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट (fake medical certificates) बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने वाले दलाल को गिरफ्तार किया है और उसके पास से अहम सबूत बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए अभियुक्त ने पूछताछ में जिला अस्पताल (government hospital saharanpur) के कई बड़े डॉक्टरो के नाम भी सामने आए हैं, जो फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने वाले गैंग में शामिल हैं. एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि पुलिस इस केस की गहनता से जांच कर रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर थानों में कितने केस रजिस्टर्ड हुए. इसके अलावा ऐसे केस के कारण कितने केसों पर असर पड़ा.

बना दिया एसिड अटैक का फर्जी मेडिकल : एसपी सिटी के मुताबिक, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह (Gang making fake medical certificates ) का खुलासा एक महिला की ओर से दर्ज कराए गए केस की जांच के दौरान के हुआ. पिछले दिनों फ़र्जन नाम के दलाल ने एक विवाहिता का एसिड अटैक का फर्जी मेडिकल बनवाया था. इस सर्टिफिकेट के आधार पर विवाहिता ने ससुरालियों को फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया था. ससुरालियों के वकील ने एसिड अटैक के आरोपों को गलत बताया और उसने महिला के अस्पताल जाने के सीसीटीवी फुटेज चेक करने की मांग की. जांच में यह सामने आया कि महिला सही हालत में अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दाखिल हुई. इसके बाद फ़र्जन महिला को बाथरूम में ले गया, जहां उसके चेहरे पर तेज़ाब के निशान बना दिए. फिर इसके आधार पर फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा दिया.

10 हजार से एक लाख रुपये में बनते थे फर्जी मेडिकल : फर्जीवाड़े के इस खेल में विवाहिता के वकील औऱ मुंशी भी शामिल बताए जा रहे हैं. इसके बाद सहारनपुर के थाना जनकपुरी पुलिस और स्थानीय एसओजी टीम ने जिला अस्पताल से सर्टिफिकेट बनवाने वाले दलाल को धर दबोचा. पुलिस ने तमाम सबूतों के आधार पर फ़र्जन को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो हैरान रह गई. पूछताछ में फ़र्जन ने बड़ी संख्या में फर्जी मेडिकल बनवाना स्वीकार किया है. सूत्रों की माने तो इस मामले सरगना को सफेद पोश नेताओं का संरक्षण प्राप्त था. वह कई साल से फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा रहा था. ऐसे सर्टिफिकेट के आधार पर कई बेगुनाह जेल चले गए और कई गुनहगारों को बचाया भी गया. पूछताछ में फर्जन ने बताया कि एक फर्जी मेडिकल बनाने के लिए 10 हजार से एक लाख रुपये तक लिये जाते थे, जिनमें एक बड़ा हिस्सा सरकारी अस्पताल के बड़े डॉक्टरो के पास जाता था. एसपी सिटी ने बताया कि अभी तक की जांच में पता चला है कि फर्जन ने डॉक्टरों की सांठगांठ से 30-40 मेडिकल सर्टिफिकेट बनावाए हैं. उसके मोबाइल फोन से कई रेकॉर्डिंग मिली है, जिसकी जांच चल रही है. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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