सहारनपुर: एक ओर सीएम योगी आदित्यनाथ सभी त्योहारों पर सुरक्षा व्यवस्था और बिजली देने के दावे कर रहे हैं. वहीं जिले की बड़ी नहर में गणेश विसर्जन अंधेरे में हो रहा है और यह अंधेरा सरकारी दावों की पोल खोल रहा है. हजारों की संख्या में आये श्रदालु जान जोखिम में डालकर भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन करने पर मजबूर हैं और बिजली विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है.
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सरकारी दावों खुल रही पोल
देश भर में गणेश विसर्जन शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिला प्रशासन ने बाकायदा गणेश विसर्जन के लिए जिले के बड़ी नहर पर स्पेशल घाट का निर्माण कराया है. श्रद्धालु ढोल की थाप और डीजे पर नाचते हुए गणेश जी की मूर्ति को विसर्जन के लिए घाट पर पहुंच रहे हैं.
इस बार विसर्जन के मौके पर जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. नहर पर बने घाट पर न तो सुरक्षा के कोई इंतजाम हैं और न ही रोशनी की कोई व्यवस्था. जिसके चलते रात के अंधेरे में श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर मूर्ति विसर्जन कर रहे हैं. वहीं श्रद्धालुओं ने कोई हादसा होने पर जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.
अंधेरे में कई बार बच्चें और महिलाएं नहर में डूबने से बची है. प्रशासन को यहां लाइट लगाकर रोशनी की व्यवस्था करनी चाहिए थी. अंधेरे के कारण न पानी के तेज बहाव का पता चल रहा और न ही घाट पर बनी सीढ़िया दिख रही. गणेश चतुर्थी का यह पर्व साल में एक बार आता है इसके लिए सरकार को यहां लाइट की व्यवस्था करानी चाहिए.
गौरव कुमार, श्रद्धालु