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सहारनपुर में पूर्व बसपा एमएलसी व खनन माफिया हाजी इकबाल की संपत्ति कुर्क

सहारनपुर में पुलिस ने पूर्व बसपा एमएलसी की संपत्ति को कुर्क किया है. आखिर यह कार्रवाई क्यों की गई है चलिए जानते हैं.

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सहारनपुर : पूर्व बसपा एमएलसी एवं खनन माफिया हाजी इकबाल की सम्पत्ति की हुई कुर्की, जानिए क्या है वजह
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Published : Jan 11, 2023, 7:44 PM IST

सहारनपुर : बसपा के पूर्व MLC हाजी इक़बाल की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही हैं. एक ओर जहां उसका पूरा परिवार जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया है वहीं खनन माफिया व 50 हजार के इनामी हाजी इक़बाल को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है. इसी के चलते पुलिस हाजी इकबाल की संपत्तियों को कुर्क कर रही है. इस कड़ी में पुलिस ने करोड़ों की आलीशान कोठी को कब्जे में लेकर सारे सामान की कुर्की कर दी.

एसपी देहात सूरज राय ने बताया कि खनन माफिया हाजी इकबाल के खिलाफ माफिया एक्ट और गैंगस्टर, दुष्कर्म औऱ पॉक्सो समेत कई मुकदमे दर्ज हैं. बुधवार की दोपहर सहारनपुर के थाना मिर्जापुर के इलाके में पुलिस समेत कई थानों की फोर्स की मौजूदगी में हाजी इक़बाल के करोड़ों के मकान की कुर्की की गई. इस दौरान ढोल बजवाकर मुनादी भी कराई गई.

एसपी देहात सूरज राय ने बताया कि हाजी इक़बाल ने मिर्जापुर में ग्लोकल यूनिवर्सिटी बनाई थी. ग्लोकल यूनिवर्सिटी के निर्माण कार्यों से जुड़े रहे ठेकेदार नूर हसन ने हाजी इकबाल के खिलाफ थाना मिर्जापुर में एक मुकदमा दर्ज कराया था. इसकी पुलिस जांच कर रही थी. नूर हसन ने एफआईआर में लिखवाया है कि उसके 25 लाख रुपये हाजी इकबाल ने हड़प लिए हैं औऱ वह देना नही चाहता है. अब हाजी इक़बाल पुलिस के डर से फरार चल रहा है.

उनके मुताबिक नूर हसन ने ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निर्माण कार्य किए थे. इसके बिल हाजी इकबाल को दिए गए थे लेकिन नूर हसन की फर्म को भुगतान नहीं किया गया. नूर हसन का आरोप है कि जब उसने पैसा मांगा तो हाजी इकबाल ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी और उसके साथ मारपीट भी की गई थी. इसी मामले में कार्रवाई करते हुए उसकी संपत्ति कुर्क की गई है.

कभी पश्चिमी यूपी में खनन ठेकों पर था राज
बता दें कि हाजी इकबाल उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. पहले बहुजन समाज पार्टी और फिर समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान सहारनपुर से लेकर गौतमबुद्ध नगर तक गंगा, यमुना नदियों और शिवालिक की पहाड़ियों में होने वाले खनन को हाजी इकबाल नियंत्रित करते थे. हाजी इकबाल की सहमति के बिना पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खनन के ठेके नहीं दिए जाते थे. उत्तर प्रदेश पुलिस और सरकार ने हाजी इकबाल को खनन माफिया घोषित किया है. उसके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे सहारनपुर के अलग-अलग थानों में चल रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः प्रवीण तोगड़िया बोले, जनसंख्या वृद्धि न रुकी तो कन्हैया और श्रद्धा जैसे कांड होते रहेंगे

सहारनपुर : बसपा के पूर्व MLC हाजी इक़बाल की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही हैं. एक ओर जहां उसका पूरा परिवार जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया है वहीं खनन माफिया व 50 हजार के इनामी हाजी इक़बाल को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है. इसी के चलते पुलिस हाजी इकबाल की संपत्तियों को कुर्क कर रही है. इस कड़ी में पुलिस ने करोड़ों की आलीशान कोठी को कब्जे में लेकर सारे सामान की कुर्की कर दी.

एसपी देहात सूरज राय ने बताया कि खनन माफिया हाजी इकबाल के खिलाफ माफिया एक्ट और गैंगस्टर, दुष्कर्म औऱ पॉक्सो समेत कई मुकदमे दर्ज हैं. बुधवार की दोपहर सहारनपुर के थाना मिर्जापुर के इलाके में पुलिस समेत कई थानों की फोर्स की मौजूदगी में हाजी इक़बाल के करोड़ों के मकान की कुर्की की गई. इस दौरान ढोल बजवाकर मुनादी भी कराई गई.

एसपी देहात सूरज राय ने बताया कि हाजी इक़बाल ने मिर्जापुर में ग्लोकल यूनिवर्सिटी बनाई थी. ग्लोकल यूनिवर्सिटी के निर्माण कार्यों से जुड़े रहे ठेकेदार नूर हसन ने हाजी इकबाल के खिलाफ थाना मिर्जापुर में एक मुकदमा दर्ज कराया था. इसकी पुलिस जांच कर रही थी. नूर हसन ने एफआईआर में लिखवाया है कि उसके 25 लाख रुपये हाजी इकबाल ने हड़प लिए हैं औऱ वह देना नही चाहता है. अब हाजी इक़बाल पुलिस के डर से फरार चल रहा है.

उनके मुताबिक नूर हसन ने ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निर्माण कार्य किए थे. इसके बिल हाजी इकबाल को दिए गए थे लेकिन नूर हसन की फर्म को भुगतान नहीं किया गया. नूर हसन का आरोप है कि जब उसने पैसा मांगा तो हाजी इकबाल ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी और उसके साथ मारपीट भी की गई थी. इसी मामले में कार्रवाई करते हुए उसकी संपत्ति कुर्क की गई है.

कभी पश्चिमी यूपी में खनन ठेकों पर था राज
बता दें कि हाजी इकबाल उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. पहले बहुजन समाज पार्टी और फिर समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान सहारनपुर से लेकर गौतमबुद्ध नगर तक गंगा, यमुना नदियों और शिवालिक की पहाड़ियों में होने वाले खनन को हाजी इकबाल नियंत्रित करते थे. हाजी इकबाल की सहमति के बिना पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खनन के ठेके नहीं दिए जाते थे. उत्तर प्रदेश पुलिस और सरकार ने हाजी इकबाल को खनन माफिया घोषित किया है. उसके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे सहारनपुर के अलग-अलग थानों में चल रहे हैं.

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