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पिता का छलका दर्द, कहा- कैंसर पीड़ित बेटे को नहीं मिला इलाज तो दे दूंगा जान

यूपी के सहारनपुर में एक शख्स ने अपने कैंसर पीड़ित बच्चे के इलाज के लिए शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. युवक का 14 साल का बेटा कैंसर से ग्रसित है. बच्चे के पिता ने कहा कि अगर बच्चे का इलाज नहीं हुआ, तो मैं अपने परिवार के साथ खुदकुशी कर लूंगा.

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कैंसर पीड़ित बच्चे के इलाज के लिए शासन-प्रशासन से मदद की गुहार.
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Published : Aug 25, 2020, 7:54 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: मैं तेज दौड़ सकता हूं, खेलकूद भी सकता हूं, लेकिन पता नहीं क्यों पैर की तकलीफ मुझे उठने नहीं दे रही है, ऐसा कहना है पिछले 2 साल से घुटने का कैंसर झेल रहे समीर का. मामला जनपद सहारनपुर के कस्बा बेहट इंद्रा कॉलोनी का है, जहां 14 वर्षीय समीर पिछले 2 साल से खड़ा नहीं हो सका है. थक-हारकर समीर के पिता ने शासन-प्रशासन से बच्चे के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वो मेरी मदद करें, नहीं तो मैं अपने परिवार के साथ खुदकुशी कर लूंगा.

समीर पिछले 2 साल से बिस्तर पर है, लेकिन उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी, लेकिन एक बेबस पिता है, जिसकी माली हालत ठीक नहीं है, जो एक-एक पैसे का मोहताज है. समीर के पिता अपने बेटे को रोज तड़पता देख पूरी तरह से टूट चुके हैं. थक-हारकर समीर के पिता ने शासन-प्रशासन से बच्चे के इलाज के लिए गुहार लगाई है.

कैंसर पीड़ित बच्चे के पिता ने लगाई मदद की गुहार.

मामला जनपद सहारनपुर के कस्बा बेहट इंद्रा कॉलोनी का है, जहां इमरान अपने परिवार के साथ कई सालों से रह रहे हैं. सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक उनके बेटे समीर, जो कक्षा 7 में पढ़ता था, उसके बाएं घुटने में तेज दर्द की शिकायत हो गई, जिसके बाद जिले के और अन्य राज्यों के डॉक्टरों ने जांच करने पर समीर में कैंसर की पुष्टि की. समीर तब से बिस्तर पर है, जो चलने-फिरने में पूरी तरह से मजबूर है. इसकी सबसे बड़ी वजह पैसों की तंगी भी है.

समीर के वालिद इमरान पेशे से एक मजदूर हैं, जिनका कहना है कि आमदनी न होने के चलते मैं समीर को कहीं दिखा नहीं पा रहा हूं. बस उसको झूठी तसल्लियां देता रहता हूं. लॉकडाउन से पहले जो मजदूरी मिलती थी, उसमें समीर को दिखा देता था, लेकिन अब काम न मिलने के कारण खाने तक के लाले हैं.

परिवार के साथ खुदकुशी
उनका कहना है कि मैंने कई बार अपनी बात जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन किसी ने माकूल जवाब नहीं दिया. मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वो मेरी मदद करे, नहीं तो मैं अपने परिवार के साथ खुदकुशी कर लूंगा.

अब देखना होगा कि शासन और प्रशासन समीर को इस दर्द से निजात दिलाता है या ऐसे ही तड़पने के लिए छोड़ देता है. हालांकि बच्चे की खबर सुनकर पूर्व सपा एमएलसी उमर अली खान भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

सहारनपुर: मैं तेज दौड़ सकता हूं, खेलकूद भी सकता हूं, लेकिन पता नहीं क्यों पैर की तकलीफ मुझे उठने नहीं दे रही है, ऐसा कहना है पिछले 2 साल से घुटने का कैंसर झेल रहे समीर का. मामला जनपद सहारनपुर के कस्बा बेहट इंद्रा कॉलोनी का है, जहां 14 वर्षीय समीर पिछले 2 साल से खड़ा नहीं हो सका है. थक-हारकर समीर के पिता ने शासन-प्रशासन से बच्चे के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वो मेरी मदद करें, नहीं तो मैं अपने परिवार के साथ खुदकुशी कर लूंगा.

समीर पिछले 2 साल से बिस्तर पर है, लेकिन उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी, लेकिन एक बेबस पिता है, जिसकी माली हालत ठीक नहीं है, जो एक-एक पैसे का मोहताज है. समीर के पिता अपने बेटे को रोज तड़पता देख पूरी तरह से टूट चुके हैं. थक-हारकर समीर के पिता ने शासन-प्रशासन से बच्चे के इलाज के लिए गुहार लगाई है.

कैंसर पीड़ित बच्चे के पिता ने लगाई मदद की गुहार.

मामला जनपद सहारनपुर के कस्बा बेहट इंद्रा कॉलोनी का है, जहां इमरान अपने परिवार के साथ कई सालों से रह रहे हैं. सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक उनके बेटे समीर, जो कक्षा 7 में पढ़ता था, उसके बाएं घुटने में तेज दर्द की शिकायत हो गई, जिसके बाद जिले के और अन्य राज्यों के डॉक्टरों ने जांच करने पर समीर में कैंसर की पुष्टि की. समीर तब से बिस्तर पर है, जो चलने-फिरने में पूरी तरह से मजबूर है. इसकी सबसे बड़ी वजह पैसों की तंगी भी है.

समीर के वालिद इमरान पेशे से एक मजदूर हैं, जिनका कहना है कि आमदनी न होने के चलते मैं समीर को कहीं दिखा नहीं पा रहा हूं. बस उसको झूठी तसल्लियां देता रहता हूं. लॉकडाउन से पहले जो मजदूरी मिलती थी, उसमें समीर को दिखा देता था, लेकिन अब काम न मिलने के कारण खाने तक के लाले हैं.

परिवार के साथ खुदकुशी
उनका कहना है कि मैंने कई बार अपनी बात जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन किसी ने माकूल जवाब नहीं दिया. मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वो मेरी मदद करे, नहीं तो मैं अपने परिवार के साथ खुदकुशी कर लूंगा.

अब देखना होगा कि शासन और प्रशासन समीर को इस दर्द से निजात दिलाता है या ऐसे ही तड़पने के लिए छोड़ देता है. हालांकि बच्चे की खबर सुनकर पूर्व सपा एमएलसी उमर अली खान भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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