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सहारनपुर: जानिए कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा की विधि और शुभमुहूर्त

देशभर में जन्माष्टमी की धूम है. हालांकि इस बार कोरोना को लेकर बाजारों में रौनक कम ही है. वहीं इस बार कोरोना के चलते मंदिरों में भक्तों के आने पर रोक भी है. वहीं ईटीवी भारत ने जन्माष्टमी के मुहूर्त को लेकर सहारनपुर में पंडित एवं ज्योतिष सुनील शास्त्री से बात की.

जन्माष्टमी की पूजा की विधि और शुभमुहूर्त को लेकर बातचीत.
जन्माष्टमी की पूजा की विधि और शुभमुहूर्त को लेकर बातचीत.
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Published : Aug 11, 2020, 7:51 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: जन्माष्टमी का त्योहार सनातन धर्म और वैष्णव संप्रदाय में प्रमुख त्योहार माना जाता है. भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. प्राचीन काल से ही इस तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार जन्माष्टमी के त्योहार पर कोरोना वायरस का ग्रहण लगा हुआ है. मंदिर तो सजे हैं, लेकिन दर्शनों के लिए भक्त नहीं पहुंच रहे हैं. इस बार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण भक्त घरों पर ही मना रहे हैं. इस बार पूजा पाठ का शुभमुहूर्त मंगलवार की रात्रि 11: 41 बजे बताया जा रहा है.

जन्माष्टमी की पूजा की विधि और शुभमुहूर्त को लेकर बातचीत.

कोरोना के चलते इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार पर बर साल की तरह रौनक नहीं दिख रही है. कोरोना महामारी से बचने के लिए कृष्ण भक्त न सिर्फ घरों में रहकर व्रत और पूजा पाठ करने को मजबूर हैं, बल्कि शासन स्तर से भी मंदिरों में भगवान कृष्ण के दर्शनों पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है. कृष्ण भक्त सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी का पालन करते हुए अपने घरों पर रहकर ही पूजा पाठ की तैयारी कर रहे हैं. महिलाएं और पुरुष सभी व्रत रखकर भगवान को भोग लगाने के लिए मिठाईयां और पकवान बना रहे हैं. सभी मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया हुआ है, लेकिन मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर बैन लगाया गया है.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूजा-पाठ के मुहूर्त को लेकर ETV भारत ने पंडित सुनील शास्त्री से बातचीत की. पंडित सुनील शास्त्री ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि इस बार मंगलवार की सुबह 9:07 बजे से अष्टमी शुरू हो रही है और बुधवार की सुबह 10 बजे तक अष्टमी रहेगी. रोहिणी नक्षत्र की अष्टमी में ही श्रीकृष्ण जन्मष्टमी मनाई जाती है. आज भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र चल रहा है, इसलिए आज व्रत रखने से मनचाही मन्नते पूरी होंगी. जन्माष्टमी के विशेष पूजन के लिए शुभमुहूर्त सुबह 10:46 बजे से दोपहर 2:05 बजे तक, तीसरे पहर में 3:44 बजे से शाम 5:26 बजे, रात में 8:26 बजे से 9:44 बजे तक लाभ मुहूर्त बताया है जबकि अभिषेक और आरती के लिए आधी रात को 12:04 से 12:47 बजे तक शुभ मुहूर्त है. इस बीच भगवान कृष्ण की पूजा करने से 1000 गुणा लाभ मिलता है.

सहारनपुर: जन्माष्टमी का त्योहार सनातन धर्म और वैष्णव संप्रदाय में प्रमुख त्योहार माना जाता है. भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. प्राचीन काल से ही इस तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार जन्माष्टमी के त्योहार पर कोरोना वायरस का ग्रहण लगा हुआ है. मंदिर तो सजे हैं, लेकिन दर्शनों के लिए भक्त नहीं पहुंच रहे हैं. इस बार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण भक्त घरों पर ही मना रहे हैं. इस बार पूजा पाठ का शुभमुहूर्त मंगलवार की रात्रि 11: 41 बजे बताया जा रहा है.

जन्माष्टमी की पूजा की विधि और शुभमुहूर्त को लेकर बातचीत.

कोरोना के चलते इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार पर बर साल की तरह रौनक नहीं दिख रही है. कोरोना महामारी से बचने के लिए कृष्ण भक्त न सिर्फ घरों में रहकर व्रत और पूजा पाठ करने को मजबूर हैं, बल्कि शासन स्तर से भी मंदिरों में भगवान कृष्ण के दर्शनों पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है. कृष्ण भक्त सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी का पालन करते हुए अपने घरों पर रहकर ही पूजा पाठ की तैयारी कर रहे हैं. महिलाएं और पुरुष सभी व्रत रखकर भगवान को भोग लगाने के लिए मिठाईयां और पकवान बना रहे हैं. सभी मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया हुआ है, लेकिन मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर बैन लगाया गया है.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूजा-पाठ के मुहूर्त को लेकर ETV भारत ने पंडित सुनील शास्त्री से बातचीत की. पंडित सुनील शास्त्री ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि इस बार मंगलवार की सुबह 9:07 बजे से अष्टमी शुरू हो रही है और बुधवार की सुबह 10 बजे तक अष्टमी रहेगी. रोहिणी नक्षत्र की अष्टमी में ही श्रीकृष्ण जन्मष्टमी मनाई जाती है. आज भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र चल रहा है, इसलिए आज व्रत रखने से मनचाही मन्नते पूरी होंगी. जन्माष्टमी के विशेष पूजन के लिए शुभमुहूर्त सुबह 10:46 बजे से दोपहर 2:05 बजे तक, तीसरे पहर में 3:44 बजे से शाम 5:26 बजे, रात में 8:26 बजे से 9:44 बजे तक लाभ मुहूर्त बताया है जबकि अभिषेक और आरती के लिए आधी रात को 12:04 से 12:47 बजे तक शुभ मुहूर्त है. इस बीच भगवान कृष्ण की पूजा करने से 1000 गुणा लाभ मिलता है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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