ETV Bharat / state

सहारनपुर: अपनी जान जोखिम में डालकर डॉक्टर डायलिसिस मरीजों का कर रहे इलाज - सहारनपुर ताजा समाचार

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के जिला अस्पताल में कोरोना के कहर में भी डॉक्टर डायलिसिस मरीजों का इलाज करने में लगे हैं. रेड जोन घोषित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग नई गाइडलाइन्स जारी कर, डायलिसिस मरीजों की कोरोना जांच के बाद खून बदलने के निर्देश दिए हैं.

डायलिसिस मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर
डायलिसिस मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर
author img

By

Published : May 14, 2020, 6:06 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: एक ओर जहां कोरोना वायरस से स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव फूले हुए हैं, तो वहीं बड़ी संख्या में आ रहे डायलिसिस के मरीज डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. जिला अस्पताल के होम्यो डायलिसिस यूनिट में जिले भर के 66 मरीजों का इलाज चल रहा है. यहां 11 मशीनों से सप्ताह में दो बार मरीजों का खून बदला जा रहा है. हीमो डायलिसिस यूनिट के बाहर मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है. जिले को रेड जोन घोषित करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन्स जारी कर डायलिसिस मरीजों की कोरोना जांच के बाद खून बदलने के निर्देश दिए हैं.

डायलिसिस मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर

डायलिसिस मरीज डॉक्टरों के लिए चुनौती

जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय ने ईटीवी भारत पर जानकारी देते हुए बताया कि शासन द्वारा कोरोना के खिलाफ निर्देश एवं गाइडलाइन दिए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि अति आवश्यक सेवाएं, डिलीवरी समेत डायलिसिस और ऑपरेशन मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाए. सीएमएस ने बताया कि जनपद सहारनपुर में हीमो डायलिसिस सेवाएं बहुत जरुरी हैं. कोरोना काल में डायलिसिस मरीज जहां डॉक्टरों के लिए चुनौती बने हुए हैं. महामारी के दौर में हीमो डायलिसिस यूनिट में मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई है. कोरोना के खौफ के बावजूद यहां प्रतिदिन मरीजों का खून बदला जा रहा है.

सीएमएस के मुताबिक जिला अस्पताल में डायलिसिस की 11 मशीनें काम कर रही हैं. जहां डॉक्टरों का स्टाफ अपनी परवाह किये बगैर लगातार मरीजों का खून बदलने में लगा हुआ है. खास बात ये है कि डॉक्टर एक मरीज का सप्ताह में दो बार खून बदल रहे हैं, जिसके चलते हर बार उनका कोरोना टेस्ट किया जा रहा है, ताकि स्टाफ और अन्य मरीजों के साथ परिवार के लोगों को बचाया जा सके. इतना ही नहीं नए मरीज का कोरोना टेस्ट कराने की भी गाइडलाइन आ चुकी है.

डॉ. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से मरीजों को अस्पताल आने में परेशानी जरूर हो रही है, लेकिन अस्पताल में पूरी जांच पड़ताल के बाद उनका खून बदला जा रहा है. डायलिसिस मरीज की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उसका इलाज एल 3 अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है. जिले में डायलिसिस के 66 मरीज हैं, जिनका इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है. कोरोना काल में बड़ी संख्या में डायलिसिस के मरीजों का इलाज करना बड़ी चुनौती से कम नहीं है.

सहारनपुर: एक ओर जहां कोरोना वायरस से स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव फूले हुए हैं, तो वहीं बड़ी संख्या में आ रहे डायलिसिस के मरीज डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. जिला अस्पताल के होम्यो डायलिसिस यूनिट में जिले भर के 66 मरीजों का इलाज चल रहा है. यहां 11 मशीनों से सप्ताह में दो बार मरीजों का खून बदला जा रहा है. हीमो डायलिसिस यूनिट के बाहर मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है. जिले को रेड जोन घोषित करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन्स जारी कर डायलिसिस मरीजों की कोरोना जांच के बाद खून बदलने के निर्देश दिए हैं.

डायलिसिस मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर

डायलिसिस मरीज डॉक्टरों के लिए चुनौती

जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय ने ईटीवी भारत पर जानकारी देते हुए बताया कि शासन द्वारा कोरोना के खिलाफ निर्देश एवं गाइडलाइन दिए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि अति आवश्यक सेवाएं, डिलीवरी समेत डायलिसिस और ऑपरेशन मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाए. सीएमएस ने बताया कि जनपद सहारनपुर में हीमो डायलिसिस सेवाएं बहुत जरुरी हैं. कोरोना काल में डायलिसिस मरीज जहां डॉक्टरों के लिए चुनौती बने हुए हैं. महामारी के दौर में हीमो डायलिसिस यूनिट में मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई है. कोरोना के खौफ के बावजूद यहां प्रतिदिन मरीजों का खून बदला जा रहा है.

सीएमएस के मुताबिक जिला अस्पताल में डायलिसिस की 11 मशीनें काम कर रही हैं. जहां डॉक्टरों का स्टाफ अपनी परवाह किये बगैर लगातार मरीजों का खून बदलने में लगा हुआ है. खास बात ये है कि डॉक्टर एक मरीज का सप्ताह में दो बार खून बदल रहे हैं, जिसके चलते हर बार उनका कोरोना टेस्ट किया जा रहा है, ताकि स्टाफ और अन्य मरीजों के साथ परिवार के लोगों को बचाया जा सके. इतना ही नहीं नए मरीज का कोरोना टेस्ट कराने की भी गाइडलाइन आ चुकी है.

डॉ. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से मरीजों को अस्पताल आने में परेशानी जरूर हो रही है, लेकिन अस्पताल में पूरी जांच पड़ताल के बाद उनका खून बदला जा रहा है. डायलिसिस मरीज की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उसका इलाज एल 3 अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है. जिले में डायलिसिस के 66 मरीज हैं, जिनका इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है. कोरोना काल में बड़ी संख्या में डायलिसिस के मरीजों का इलाज करना बड़ी चुनौती से कम नहीं है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.