सहारनपुर: 51 सिद्धपीठों में से एक सिद्धपीठ मां शाकंभरी देवी मंदिर में नवरात्र के मौके पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार भी मेले का आयोजन किया गया, लेकिन इस बार मेले पर कोरोना का असर भी नजर आया. हर साल मेले में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती थी. लेकिन, इस बार कोरोना के चलते भक्तों की संख्या में कमी आई है. बावजूद इसके हजारों की संख्या में भक्त माता के दर्शन करने के लिए पहुंचे. हालांकि इस दौरान मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता इंतजाम किए थे.
कई प्रदेशों से आते हैं श्रद्धालु
जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर शिवालिक की पहाड़ियों के बीच सिद्धपीठ मां शाकंभरी देवी का मंदिर है. इसी मंदिर के आस-पास बाबा भूरादेव सहित कई अन्य मंदिर भी हैं. यहां आम दिनों में हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन नवरात्रि के मौके पर यहां विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. इस दौरान काफी संख्या में यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान सहित उत्तर भारत के कई प्रदेशों से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं.
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कोरोना प्रोटोकॉल के साथ मेले का हुआ आयोजन
इस बार भी मेले का आयोजन किया गया. हालांकि कोरोना के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में थोड़ी कमी जरूर थी, लेकिन मां के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़े थे. शासन ने सभी धार्मिक स्थलों पर जाने वालों को 72 घंटे में कराई गई RT-PCR टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य किया है. मां शाकंभरी देवी मंदिर आए श्रद्धालुओं से भी निगेविट रिपोर्ट मांगी गई. मंदिर व्यवस्थापकों द्वारा गाइडलाइन का पालन कराया गया. भक्तों की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही उन्हें मंदिर परिसर में प्रवेश दिया गया. इस दौरान लोगों का मास्क लगाना अनिवार्य था.
नहीं थी भंडारे की अनुमति
वहीं इस बार मां शाकंभरी मंदिर परिसर में भंडारा करने की अनुमति नहीं दी गई. शाकंभरी देवी मंदिर व्यवस्थापक आतुल्य राणा ने बताया कि मंदिर के कपाट दर्शन के लिए खोले गए हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि कोरोना काल के बीच भक्त घर पर रहकर ही मां का स्मरण करें, यही इस समय के लिए बेहतर है. अखिल भारतीय संत संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व शंकराचार्य आश्रम प्रभारी सहजानन्द महाराज ने भी कोरोना को लेकर प्रशासनिक गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है.