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मॉब लिंचिंग: RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान की देवबंदी उलेमाओं ने की तारीफ - mob leaching

मॉब लिंचिंग को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ऐसे मामलों में यदि आरएसएस के कार्यकर्ता मिलते हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी. वहीं इस बयान की देवबंदी उलेमाओं ने तारीफ की है.

मोहन भागवत के बयान की देवबंदी उलेमाओं ने की तारीफ.
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Published : Sep 28, 2019, 11:25 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: मॉब लिंचिंग मामले को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान आया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे में मामलों में आरएसएस के कार्यकर्ता मिलते हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी. ऐसे लोगों की आरएसएस में कोई जगह नहीं है. आरएसएस प्रमुख के इस बयान का दारुल उलूम ने न सिर्फ स्वागत किया है, बल्कि उनके इस फैसले की जमकर तारीफ की है.

मोहन भागवत के बयान की देवबंदी उलेमाओं ने की तारीफ.

देवबंदी उलेमाओं ने कहा कि मोहन भागवत का मॉब लिंचिंग की घटनाओं में जो बयान आया है. अगर कोई आरएसएस का कार्यकर्ता इसमें पाया जाता है तो वह संघ से निष्कासित हो जाएगा. उनके इस बयान का स्वागत करते हैं. इस पर सख्त से सख्त कानून बनना चाहिए, जिससे मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर रोक लगे.

ये भी पढ़ें- सहारनपुर : छात्राओं ने प्रिंसिपल पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, हाईवे पर लगाया जाम

देवबंदी उलेमा एवं उपाध्यक्ष इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि मोहन भागवत ने इस तरीके से बयान दिया है. वे उनके इस बयान की सराहना करते हैं. जिस तरीके से देश के अंदर मॉब लिंचिंग की घटनाए हुई हैं. शरारती लोगों की भीड़ द्वारा बेगुनाह लोगों को शहीद कर दिया जाता है. बिना कुछ जाने उसको जान से मार दिया जाता है.

ये भी पढ़ें- सहारनपुर: रामलीला में सीता स्वयंवर लीला का किया गया मंचन

मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने इस बयान का समर्थन किया है. यह बड़ा ही अच्छा बयान है और इस तरीके से होना भी चाहिए. वहीं काजी खलीलुर्रहमान ने भी आरएसएस प्रमुख के बयान की तारीफ करते हुए कहा कि उनका यह फैसला सरहानीय है. इससे न सिर्फ मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगेगा, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारा भी बना रहेगा. इसके साथ-साथ मोहतमिम साहब ने यह भी कहा है कि जो मॉब लिंचिंग करते हैं या बेगुनाह को मारते हैं, उनके खिलाफ सरकार कानून बनाए और कानून बनाने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

सहारनपुर: मॉब लिंचिंग मामले को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान आया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे में मामलों में आरएसएस के कार्यकर्ता मिलते हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी. ऐसे लोगों की आरएसएस में कोई जगह नहीं है. आरएसएस प्रमुख के इस बयान का दारुल उलूम ने न सिर्फ स्वागत किया है, बल्कि उनके इस फैसले की जमकर तारीफ की है.

मोहन भागवत के बयान की देवबंदी उलेमाओं ने की तारीफ.

देवबंदी उलेमाओं ने कहा कि मोहन भागवत का मॉब लिंचिंग की घटनाओं में जो बयान आया है. अगर कोई आरएसएस का कार्यकर्ता इसमें पाया जाता है तो वह संघ से निष्कासित हो जाएगा. उनके इस बयान का स्वागत करते हैं. इस पर सख्त से सख्त कानून बनना चाहिए, जिससे मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर रोक लगे.

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देवबंदी उलेमा एवं उपाध्यक्ष इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि मोहन भागवत ने इस तरीके से बयान दिया है. वे उनके इस बयान की सराहना करते हैं. जिस तरीके से देश के अंदर मॉब लिंचिंग की घटनाए हुई हैं. शरारती लोगों की भीड़ द्वारा बेगुनाह लोगों को शहीद कर दिया जाता है. बिना कुछ जाने उसको जान से मार दिया जाता है.

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मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने इस बयान का समर्थन किया है. यह बड़ा ही अच्छा बयान है और इस तरीके से होना भी चाहिए. वहीं काजी खलीलुर्रहमान ने भी आरएसएस प्रमुख के बयान की तारीफ करते हुए कहा कि उनका यह फैसला सरहानीय है. इससे न सिर्फ मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगेगा, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारा भी बना रहेगा. इसके साथ-साथ मोहतमिम साहब ने यह भी कहा है कि जो मॉब लिंचिंग करते हैं या बेगुनाह को मारते हैं, उनके खिलाफ सरकार कानून बनाए और कानून बनाने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

Intro:खबर wrap से भेजी गई है

सहारनपुर : मॉब लीचिंग मामले को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान आया है कि अगर ऐसे में मामलो में RSS के कार्यकर्ता मिलते हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। ऐसे लोगो की RSS में कोई जगह नही है। RSS प्रमुख के इस बयान का दारुल उलूम ने पहली बार न सिर्फ स्वागत किया है बल्कि उनके इस फैसले की जमकर तारीफ की है। देवबंदी उलेमाओ ने कहा है कि मोहन भागवत का मॉब लिचिंग की घटनाओं में जो बयान आया है। अगर कोई R S S का कार्यकर्ता पाया जाता है तो वह संघ से निष्कासित हो जाएगा हम उनके इस बयान का स्वागत करते हैं और मांग करते हैं कि इस पर सख्त से सख्त कानून बनना चाहिए जिससे मॉब लिचिंग की घटनाओं पर रोक लगे ओर सूबे के अच्छे हालात हो जाएंगे।Body:VO 1 - देवबंदी उलेमा एवं उपाध्यक्ष इत्तेहाद उलेमा ए हिन्द मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि बार मोहन भागवत जी ने इस तरीके से बयान दिया है। वे उनके इस बयान की सराहना करते हैं। जिस तरीके से देश के अंदर मॉब लिंचिंग की घटनाये हुई है। शरारती लोगो की भीड़ द्वारा बेगुनाह लोगो को शहीद कर दिया जाता है। बिना कुछ जाने उसको जान से मार दिया जाता है। मॉब लीचिंग के मामले पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पहली बार यह बयान जारी किया है कि आरएसएस का कोई भी शख्स अगर उसके अंदर शामिल पाया जाता है तो उसे सदस्यता उसकी खत्म कर दी जाएगी। इसकी दारुल उलूम देवबंद के जो हमारे मोहतमिम है मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने इस बयान का समर्थन किया है। यह बड़ा ही अच्छा बयान है और इस तरीके से होना भी चाहिए। वही काजी खलीलुर्रहमान ने भी आरएसएस प्रमुख के बयान की तारीफ करते हुए कहा कि उनका यह फैसला सरहानीय है। इससे न सिर्फ मॉब लीचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगेगा बल्कि हिंदू मुस्लिम भाईचारा भी बना रहेगा। इसके साथ-साथ मोहतमिम साहब ने यह भी कहा है कि जो मॉब लिंचिंग करते हैं यह बेगुनाह को मारते हैं उनके खिलाफ सरकार कानून बनाएं और कानून बनाने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए इसका दारुल उलूम ने समर्थन किया है।


बाइट - मुफ्ती असद कासमी
( उपाध्यक्ष इत्तेहाद उलेमा ए हिन्द )
बाइट - कारी खलीलुर्रहमान ( उलेमा )Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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