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सहारनपुर: बेहट तहसील में पुल बनाने की मांग, तीन गांव के लोगों ने दिया धरना

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के बेहट तहसील में नदी पर पुल बनाने की मांग को लेकर तीन गांव के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया. लंबे समय से चली आ रही इस मांग को लेकर कई बार आंदोलन और आमरण अनशन किये गए, बावजूद इसके समस्या का समाधान नहीं हो पाया.

पुल बनाने की मांग को लेकर तीन गांव के लोगों का धरना प्रदर्शन.
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Published : Aug 11, 2019, 2:02 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: जिले के बेहट तहसील में पुल बनाने की मांग पूरी न होने पर एक बार फिर तीन गांव के लोगों को धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा. लंबे समय से चली आ रही पुल की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई बार आंदोलन किए और अनिश्चिकालीन धरना भी दिया था. इसके बाद सरकार के नुमाइंदों ने झूठे वादे कर ग्रामीणों का धरना खत्म तो कर दिया था, लेकिन आज तक ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

नदी पर पुल बनाने की मांग को लेकर लोगों का धरना प्रदर्शन.
  • मामला बेहट तहसील इलाके के तीन गांव शाहपुर, हुसैनपुर समेत मलकपुर गांव का है.
  • जहां ग्रामीण पिछले 10 साल से ज्यादा समय से लगातार बरसाती नदी पर पुल बनवाने की मांग करते चले आ रहे हैं.
  • इसको लेकर दोनों गांवों के लोग विधानसभा के साथ ही हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर चुके हैं.
  • बार-बार कहने के बावजूद न तो नदी पर पुल बन सका और न ही सड़क की ओर तटबंध बनाए गए.
  • ग्रामीणों का आरोप है कि बरसात में गांव के चारों ओर से गुजर रही नदियों में पानी आ जाता है और गांव एक टापू बनकर रह जाते हैं.
  • तीनो गांवों की करीब सात हजार की आबादी का तहसील मुख्यालय सहित बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह टूट जाता है.
  • ग्रामीणों की सबसे बड़ी समस्या बीमार मरीज को अस्पताल ले जाने और बच्चों को स्कूल जाने की हैं.
  • इसके साथ ही बरसात के मौसम में लोग अपनी जान पर खेलकर नदी पार करते हैं.
  • यहां तक कि कई बार लोग नदी के पानी मे बह भी चुके है, जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बचाया गया था.

बरसात के मौसम में बाढ़ का पानी गांव की ओर आ जाता है. जिसमे मवेशी और वाहन तक बह जाते हैं. बार-बार मांग के बावजूद पुल न बनने से ग्रामीणों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है और अब पीड़ित ग्रामीण दोबारा गांव के बाहर धरना दे रहे हैं. इतना ही नही कुछ महीनों पहले एडीएम-ई, एसडीएम समेत अधिकारियों और कुछ राजनीतिक लोगों ने पुल बनवाने का झूठा वादा कर धरना खत्म कर दिया था. फिलहाल हम लोग दोबारा धरना प्रदर्शन करने के साथ साथ पुल निर्माण शुरू होने तक धरना खत्म न करने की बात कर रहे हैं.
-हेमन्त राणा, प्रधान के पति


ग्रामीणों की इस समस्या का जल्द ही हल कराएंगे. इसके लिए एस्टीमेट बन चुका है और आगे की प्रक्रिया जारी है.
-संजय कुमार, कमिश्नर, सहारनपुर मंडल

सहारनपुर: जिले के बेहट तहसील में पुल बनाने की मांग पूरी न होने पर एक बार फिर तीन गांव के लोगों को धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा. लंबे समय से चली आ रही पुल की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई बार आंदोलन किए और अनिश्चिकालीन धरना भी दिया था. इसके बाद सरकार के नुमाइंदों ने झूठे वादे कर ग्रामीणों का धरना खत्म तो कर दिया था, लेकिन आज तक ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

नदी पर पुल बनाने की मांग को लेकर लोगों का धरना प्रदर्शन.
  • मामला बेहट तहसील इलाके के तीन गांव शाहपुर, हुसैनपुर समेत मलकपुर गांव का है.
  • जहां ग्रामीण पिछले 10 साल से ज्यादा समय से लगातार बरसाती नदी पर पुल बनवाने की मांग करते चले आ रहे हैं.
  • इसको लेकर दोनों गांवों के लोग विधानसभा के साथ ही हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर चुके हैं.
  • बार-बार कहने के बावजूद न तो नदी पर पुल बन सका और न ही सड़क की ओर तटबंध बनाए गए.
  • ग्रामीणों का आरोप है कि बरसात में गांव के चारों ओर से गुजर रही नदियों में पानी आ जाता है और गांव एक टापू बनकर रह जाते हैं.
  • तीनो गांवों की करीब सात हजार की आबादी का तहसील मुख्यालय सहित बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह टूट जाता है.
  • ग्रामीणों की सबसे बड़ी समस्या बीमार मरीज को अस्पताल ले जाने और बच्चों को स्कूल जाने की हैं.
  • इसके साथ ही बरसात के मौसम में लोग अपनी जान पर खेलकर नदी पार करते हैं.
  • यहां तक कि कई बार लोग नदी के पानी मे बह भी चुके है, जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बचाया गया था.

बरसात के मौसम में बाढ़ का पानी गांव की ओर आ जाता है. जिसमे मवेशी और वाहन तक बह जाते हैं. बार-बार मांग के बावजूद पुल न बनने से ग्रामीणों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है और अब पीड़ित ग्रामीण दोबारा गांव के बाहर धरना दे रहे हैं. इतना ही नही कुछ महीनों पहले एडीएम-ई, एसडीएम समेत अधिकारियों और कुछ राजनीतिक लोगों ने पुल बनवाने का झूठा वादा कर धरना खत्म कर दिया था. फिलहाल हम लोग दोबारा धरना प्रदर्शन करने के साथ साथ पुल निर्माण शुरू होने तक धरना खत्म न करने की बात कर रहे हैं.
-हेमन्त राणा, प्रधान के पति


ग्रामीणों की इस समस्या का जल्द ही हल कराएंगे. इसके लिए एस्टीमेट बन चुका है और आगे की प्रक्रिया जारी है.
-संजय कुमार, कमिश्नर, सहारनपुर मंडल

Intro:सहारनपुर के बेहट तहसील में पुल बनवाने की मांग पूरी न होने पर एक बार फिर तीन गांव के लोगो को धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है....लंबे समय से चली आ रही पुल की मांग को लेकर.....अब से पहले ग्रामीणो ने कई बार न सिर्फ आंदोलन किए बल्कि आमरण अनशन कर अनिश्चिकालीन धरना भी दिया था.....Body:Up_sha_21.DHARNA_GRAMIN_POOL MANG.vis_byte10017

स्टोरी
Anchor:-सहारनपुर के बेहट तहसील में पुल बनवाने की मांग पूरी न होने पर एक बार फिर तीन गांव के लोगो को धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है....लंबे समय से चली आ रही पुल की मांग को लेकर.....अब से पहले ग्रामीणो ने कई बार न सिर्फ आंदोलन किए बल्कि आमरण अनशन कर अनिश्चिकालीन धरना भी दिया था......जिसके बाद सरकार के नुमाइंदों ने झूठे वादे कर ग्रामीणों का धरना खत्म तो कर दिया था.....लेकिन आज तक ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं कर पाए.....
दरअसल पूरा मामला बेहट तहसील इलाके के तीन गांव शाहपुर, हुसैनपुर समेत मलकपुर गांव का है......जहा ग्रामीण पिछले 10 साल से ज्याफ समय से लगातार बरसाती नदी पर पुल बनवाने की मांग करते चले आ रहे हैं......इस मांग को लेकर दोनों गांवों के लोग विधानसभा ओर हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर चुके हैं.....लेकिन बार-बार कहने के बावजूद ना तो नदी पर पुल बन सका और ना ही सड़क ओर तटबंध बनाए गए.....साथ ही ग्रामीणों का आरोप है कि बरसात के मौसम में गांव के चारों ओर से गुजर रही बरसाती नदियों में पानी आ जाता है और गांव एक टापू बन कर रह जाते हैं.....तीनो गांवो की करीब सात हजार की आबादी का तहसील मुख्यालय सहित बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह कट जाता है.....ग्रामीणों की सबसे बड़ी समस्या बीमार मरीज को अस्पताल ले जाने और बच्चे में स्कूल जाने की हैं..... मजदूरी पर जाने वाले लोग कई कई दिन मजदूरी तक करने नही जा सकते.....इसके साथ ही बरसात के मौसम में लोग अपनी जान पर खेलकर नदी पार करते हैं.....यहा तक कि कई बार लोग नदी के पानी मे बह भी चुके है...... जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बचाया गया था....इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में बाढ़ का पानी गांव की ओर आ जाता है....जिसमे मवेशी और वाहन तक बह जाते है..... ग्रामीण अपनी जान बचाने को इधर उधर दौड़ लगाते है....बार बार मांग के बावजूद पुल न बनने से ग्रामीणों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है.....और अब पीड़ित ग्रामीण दोबारा गांव के बाहर धरना दे रहे है.....इतना ही नही कुछ महीनों पहले एडीएम-ई, एसडीएम समेत अधिकारियों और कुछ राजनीतिक लोगो ने पुल बनवाने का झूठा वादा कर धरना खत्म कर दिया था.....हालांकि उस धरने के दौरान कई ग्रामीणों की हालत भी खराब हो गई थी.....साथ ही किसान यूनियन ने भी ग्रामीणों के साथ अनशन किया था.....लेकिन प्रशासन के खोखले दावे धरे रह गए....जिसका खामियाजा मजबूर ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.....फिलहाल ग्रामीण दोबारा धरना प्रदर्शन करने के साथ साथ.....पुल निर्माण शुरू होने तक धरना खत्म न करने की बात कर रहे है....
इसके साथ ही बेहट से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी ने धरना दे रहे लोगो को समझाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण किसी की कोई बात मानने को तैयार नही है....हालांकि 2 बार पहले भी विधायक नरेश सैनी ग्रामीणों का धरना खत्म करा चुके है....लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते ग्रामीण पूरी तरह मजबूर है.....नरेश सैनी ने कहा कि उन्होंने ग्रामीणों की इस समस्या को लगातार विधानसभा में कई बार सवाल उठाए है....लेकिन सरकार की ओर से कोई ध्यान नही दिया गया.....
वही इस मामले में जब कमिश्नर संजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने मामले को संवेदनशील बताया साथ ही कहा कि ग्रामीणों की इस समस्या का जल्द ही हल करायेंगे....इसके लिए एस्टीमेट बन चुका है और आगे की प्रक्रिया जारी है.....


बाइट:- हेमन्त राणा.....प्रधान पति

बाइट:- नरेश सैनी....कांग्रेस विधायक,बेहट

बाइट:-संजय कुमार....कमिश्नर, सहारनपुर मंडलConclusion:रिपोर्टर खुर्शीद आलम

सहारनपुर तहसील
बेहट
9719146039
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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