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सहारनपुर: आम के फसल पर पड़ रही कोरोना की मार

लॉकडाउन का असर आम के बागों पर भी पड़ा है. यूपी के सहारनपुर में लॉकडाउन लागू होने से कीटनाशक दवाओं की दुकाने नहीं खुल पा रही हैं. इस समय दवाईओं का छिड़काव करने वाले मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं.

lockdown in saharanpur
आम के पेड़ों पर पड़ा लॉकडाउन का असर.
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Published : Apr 20, 2020, 2:14 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: जनपद में पहले ओला-बारिश से आम के बौर गिर गए और जब फसल तैयार होने को हुई तो कोरोना वायरस की मार से किसान और कारोबारी परेशान हो गए हैं. लॉकडाउन की वजह से विश्व विख्यात फल पट्टी पूरी तरह प्रभावित हो रही है.

आम कारोबारियों के मुताबिक लॉकडाउन लागू होने से कीटनाशक दवाओं की दुकानें नहीं खुल पा रही हैं. जिस वजह से आम के पेड़ों पर दवाईओं का छिड़काव भी नहीं हो पा रहा है. इस बार आम के बागों को 35 से 40 फीसदी नुकसान हो रहा है.

lockdown in saharanpur
आम के पेड़ों पर पड़ा लॉकडाउन का असर.
बागवानों ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते जो लॉकडाउन लागू किया गया है, हमसब लोग उसका पालन कर रहे हैं. कीटनाशक बेंचने वालों की दुकानों पर भी ताले लटके हुए हैं. लॉकडाउन की वजह से बागों में पेस्टिसाइड्स का छिड़काव करने और कटाई-छंटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं.

आम कारोबारी ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से आम के बागों में आया बौर सुख कर गिर गए. आम कारोबारी ने बताया कि मौसम में गर्माहट आते ही बोंगा, खर्रा समेत अन्य कीट आम के बौर में लगने लगते है. कीटनाशक के छिड़काव करने से करीब 20 दिन तक कीट नहीं लगता है. इन 20 दिनों में बौर में फूल खिलने के बाद फल लग जाते हैं.

सहारनपुर: जनपद में पहले ओला-बारिश से आम के बौर गिर गए और जब फसल तैयार होने को हुई तो कोरोना वायरस की मार से किसान और कारोबारी परेशान हो गए हैं. लॉकडाउन की वजह से विश्व विख्यात फल पट्टी पूरी तरह प्रभावित हो रही है.

आम कारोबारियों के मुताबिक लॉकडाउन लागू होने से कीटनाशक दवाओं की दुकानें नहीं खुल पा रही हैं. जिस वजह से आम के पेड़ों पर दवाईओं का छिड़काव भी नहीं हो पा रहा है. इस बार आम के बागों को 35 से 40 फीसदी नुकसान हो रहा है.

lockdown in saharanpur
आम के पेड़ों पर पड़ा लॉकडाउन का असर.
बागवानों ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते जो लॉकडाउन लागू किया गया है, हमसब लोग उसका पालन कर रहे हैं. कीटनाशक बेंचने वालों की दुकानों पर भी ताले लटके हुए हैं. लॉकडाउन की वजह से बागों में पेस्टिसाइड्स का छिड़काव करने और कटाई-छंटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं.

आम कारोबारी ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से आम के बागों में आया बौर सुख कर गिर गए. आम कारोबारी ने बताया कि मौसम में गर्माहट आते ही बोंगा, खर्रा समेत अन्य कीट आम के बौर में लगने लगते है. कीटनाशक के छिड़काव करने से करीब 20 दिन तक कीट नहीं लगता है. इन 20 दिनों में बौर में फूल खिलने के बाद फल लग जाते हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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