सहारनपुर: जिले में इन दिनों मौलाना भाइयों की लापरवाही से जिला प्रशासन में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. इन मौलाना भाइयों ने न सिर्फ हजरत निजामुद्दीन की मरकज से आने की बात छिपाई है, बल्कि समाजसेवी और धर्म गुरुओं के साथ लॉकडाउन में मीटिंग भी करते रहे. तबलीगी जमातियों की जांच हुई तो दोनों भाइयों का जमात से आने का खुलासा हुआ है. जिसके बाद इनकी जांच कराई गई तो दोनों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया.
दरअसल, सहारनपुर में कोरोना पॉजिटिव के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ज्यादातर मामले तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के सामने आ रहे हैं. हालांकि पुलिस प्रशासन लगातार जमात से आए लोगों की तलाश कर उनकी जांच करा रही है. बावजूद इसके ये लोग सामने नहीं आ रहे हैं. खास बात तो ये है कि इनके जिम्मेदार लोग भी जांच कराने से बच रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सहारनपुर में सामने आया है, जहां दो मौलाना भाइयों की लापरवाही से जिला प्रशासन में दहशत का माहौल बना हुआ है.
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जनाकारी के मुताबिक दोनों भाई 19 मार्च को कलकत्ता की मरकज से हजरत निजामुद्दीन की मरकज होकर आए थे, लेकिन दोनों ने जमात से आने की बात छिपाकर रखी और जिला प्रशासन के साथ समाज सेवा में लगे रहे. इतना ही नहीं मरकज से आने की बात छिपाकर समाजसेवी के साथ धर्म गुरुओं और जिला प्रशासन के साथ मीटिंग कर लोगों से अपील करते रहे.
बड़ी बात ये है कि 20 मार्च को कई अधिकारियों को चाय पर भी बुलाया था. जब जमातियों की छानबीन में इनका नाम सामने आया तो प्रशासन के साथ उन अधिकारियों के भी होश उड़ गए. आनन-फानन में दोनों मौलानाओं की जांच कराई तो दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. स्वास्थ्य विभाग ने दोनों भाइयों को फतेहपुर के कोरोना स्पेशल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. जिले में अब 44 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें सबसे ज्यादा तबलीगी जमात से जुड़े लोग हैं. जिलाधिकारी ने जमात से आने की बात छिपाने और प्रशासन को गुमराह करने के साथ कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.