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दारुल उलूम पहुंचे केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. दिनेश उपाध्याय, कही यह बात

यूपी के सहारनपुर जिले में केन्द्रीय मंत्री डॉ. दिनेश उपाध्याय ने फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद का भ्रमण किया. इसके बाद उन्होंने संस्थान की तारीफ करते हुए कहा कि यहां देश को हानि पहुंचाने जैसा कुछ नहीं है. यह केवल एक शिक्षण संस्थान है, जिसने अपनी व्यवस्थाओं को जिंदा रखा हुआ है.

दारुल उलूम केवल एक शिक्षण संस्थान है
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Published : Mar 18, 2019, 10:41 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : एक ओर जहां हिन्दू संगठन और कई भाजपा नेता फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद पर आतंकियों को पनाह देने के आरोप लगाते हैं. वही केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. दिनेश उपाध्याय ने इस्लामिक शिक्षण संस्थान का भ्रमण कर इन आरोपों को गलत करार दिया है. साथ ही दारुल उलूम संस्थान की जमकर तारीफ भी की है.

उन्होंने दारुल उलूम की रसोईघर, लाइब्रेरी, रशीदिया मस्जिद आदि में जाकर इनकी व्यवस्थाओं को जाना और उलेमाओं से बातचीत की. उन्होंने यहां के प्रबंधन की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में छात्रों को सभी सुविधाएं मुहैया कराना वास्तव में बड़ा काम है. कई संगठन दारुल उलूम पर विभिन्न आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन मुझे यहां विवादित या देश को हानि पहुंचाने जैसा कुछ नहीं मिला.

दारुल उलूम केवल एक शिक्षण संस्थान है

केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सदस्य एवं राज्यमंत्री डॉ. दिनेश उपाध्याय रविवार को एक निजी कार्यक्रम सम्मिलित होने के लिए कस्बा देवबन्द आये थे. कार्यक्रम से निपटने के बाद वे दारुल उलूम संस्थान का भ्रमण करने पहुंचे. यहां उन्होंने दारुल उलूम के प्रबंध तंत्र से मुलाकात कर इस्लामिक शिक्षा के साथ-साथ वहां आए छात्रों के बारे में जानकारी ली. यहां से निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से भ्रमण के अनुभवों को साझा किया.

उन्होंने बताया कि इस इस्लामिक शिक्षण संस्थान में भारत के ही नहीं विदेशों से भी छात्र मजहबी तालीम लेने आते हैं. आतंकी गतिविधियों पर उठे सवालों पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद यहां ही नहीं बल्कि पूरे भारत के अंदर हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश में जगह-जगह आतंकी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन एक स्थान को ही चिन्हित करके दोषारोपित करना सही नहीं माना जा सकता है.

उन्होंने आगे कहा कि दारुल उलूम एक शिक्षण संस्थान है. यहां कम्प्यूटर, इंग्लिश, उर्दू आदि कई भाषाओं में पढ़ाई कराई जा रही है. मैं इसको केवल एक शिक्षण संस्थान के तौर पर देखता हूं. इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने में सिखों को जिम्मेदार बताया जबकि राजीव गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई रंग, रूप या धर्म नहीं होता.

सहारनपुर : एक ओर जहां हिन्दू संगठन और कई भाजपा नेता फतवों की नगरी दारुल उलूम देवबंद पर आतंकियों को पनाह देने के आरोप लगाते हैं. वही केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. दिनेश उपाध्याय ने इस्लामिक शिक्षण संस्थान का भ्रमण कर इन आरोपों को गलत करार दिया है. साथ ही दारुल उलूम संस्थान की जमकर तारीफ भी की है.

उन्होंने दारुल उलूम की रसोईघर, लाइब्रेरी, रशीदिया मस्जिद आदि में जाकर इनकी व्यवस्थाओं को जाना और उलेमाओं से बातचीत की. उन्होंने यहां के प्रबंधन की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में छात्रों को सभी सुविधाएं मुहैया कराना वास्तव में बड़ा काम है. कई संगठन दारुल उलूम पर विभिन्न आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन मुझे यहां विवादित या देश को हानि पहुंचाने जैसा कुछ नहीं मिला.

दारुल उलूम केवल एक शिक्षण संस्थान है

केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सदस्य एवं राज्यमंत्री डॉ. दिनेश उपाध्याय रविवार को एक निजी कार्यक्रम सम्मिलित होने के लिए कस्बा देवबन्द आये थे. कार्यक्रम से निपटने के बाद वे दारुल उलूम संस्थान का भ्रमण करने पहुंचे. यहां उन्होंने दारुल उलूम के प्रबंध तंत्र से मुलाकात कर इस्लामिक शिक्षा के साथ-साथ वहां आए छात्रों के बारे में जानकारी ली. यहां से निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से भ्रमण के अनुभवों को साझा किया.

उन्होंने बताया कि इस इस्लामिक शिक्षण संस्थान में भारत के ही नहीं विदेशों से भी छात्र मजहबी तालीम लेने आते हैं. आतंकी गतिविधियों पर उठे सवालों पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद यहां ही नहीं बल्कि पूरे भारत के अंदर हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश में जगह-जगह आतंकी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन एक स्थान को ही चिन्हित करके दोषारोपित करना सही नहीं माना जा सकता है.

उन्होंने आगे कहा कि दारुल उलूम एक शिक्षण संस्थान है. यहां कम्प्यूटर, इंग्लिश, उर्दू आदि कई भाषाओं में पढ़ाई कराई जा रही है. मैं इसको केवल एक शिक्षण संस्थान के तौर पर देखता हूं. इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने में सिखों को जिम्मेदार बताया जबकि राजीव गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई रंग, रूप या धर्म नहीं होता.

Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां हिन्दू संगठन एवं कई भाजपा नेता फतवो की नगरी दारुल उलूम देवबंद परआतंकियों को फनाह देने एवं आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाए हैं। वही केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ दिनेश उपाध्याय ने न इस्लामिक शिक्षण संस्थान का भ्रमण कर न सिर्फ दारुल उलूम पर लगाये गए आरोपो को गलत करार दिया है बल्कि जमकर तारीफ की है। उन्होंने दारुल उलूम की रसोईघर, लाइब्रेरी, रशीदिया मस्जिद आदि में जाकर दारुल उलूम की व्यवस्थाओ को जाना और उलेमाओं से बातचीत की। उन्होंने दारुल उलूम के प्रबंधन की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में छात्रों को सभी सुविधाएं मुहैया कराना वास्तव वे बड़ा काम है। जो आरोप अन्य संगठन दारुल उलूम पर लगाते रहे है लेकिन मुझे यहां विवादित या देश को हानि पहुंचाने वाला ऐसा कुछ नही मिला जिससे दारुल उलूम पर आरोप लगाए जा सके।




Body:VO 1- आपको बता दें कि केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सदस्य एवं राज्यमंत्री दर्जा डॉ दिनेश उपाध्याय रविवार को निजी कार्यक्रम सम्मिलित होने के लिए कस्बा देवबन्द आये हुए थे। कार्यक्रम से निपटने के बाद वे फतवो की नगरी दारुल उलूम का भ्रमण करने पहुंचे। जहां उन्होंने दारुल उलूम के प्रबंधतंत्र से मुलाकात कर इस्लामिक शिक्षा के साथ साथ वहां आये छात्रो के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने दारुल उलूम की रसोईघर, लाइब्रेरी, रशीदिया मस्जिद आदि में जाकर दारुल उलूम की व्यवस्थाओ को जाना। दारुल उलूम से निपटने के बाद शाम को वे मीडिया से रूबरू हुए और दारुल उलूम के भ्रमण में जो देखा साझा किया। उन्होंने बताया कि वे यह एक शादी समारोह में शामिल होने आए थे। उनका दारुल उलूम घूमने का मन किया और वे स्थानीय भाजपा पदाधिकारियो को साथ लेकर दारुल उलूम में आ गए। इस दौरान उन्होंने बताया कि इस इस्लामिक शिक्षण संस्थान में भारत के ही नही विदेशों से भी छात्र मजहबी तालीम लेने आते है। आतंकी गतिविधियों पर उठे सवालों पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद यहां का ही नही बल्कि पूरे भारत के अंदर हो रहा है। दारुल उलूम की तारीफ करते हुए उन्होने कहा कि मुम्बई के अंदर आतंकी घटना हुई, जम्मू में आतंकी हमले हो रहे है जगह जगह आतंकी घटनाएं हो रही है। लेकिन एक स्थान को ही चिन्हित करके दोषारोपित करना उसको अच्छा नही मानता। दारुल उलूम एक शिक्षण से संस्थान है। यहां कम्प्यूटर भी , इंग्लिश , उर्दू आदि कई भाषाओं में पढ़ाई की जा रही है। मैं इसको केवल एक शिक्षण संस्थान के तौर पर देखता हूं। अपनी व्यवस्था दारुल उलूम जिन्दा रखे हुए है और रखनी भी चाहिए। क्योंकि भारत देश मे सभी धर्मों को अपनी व्यस्वथा जी जिंदा रखने का अधिकार है लेकिन सीमा पार जाकर या आकर राष्ट्र विरोधी कार्य करने का अधिकार नही है। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने में सीखो को जिम्मेदार बताया जबकि राजीव गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए गोलमोल बोलते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई रंग रूप, धर्म नही होता। आतंकवाद में लिप्त कोई भी हो सकता है।

बाईट - डॉ दिनेश उपाध्याय ( केंद्रीय राज्य मंत्री )




Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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