सहारनपुर: रविवार 21 जून को इस साल का पहला और आखिरी सूर्य ग्रहण होने जा रहा है. 21 जून 2020 को लगने वाला सूर्य ग्रहण सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण है. सूर्य ग्रहण सुबह 9:15 बजे से शुरू होकर दोपहर 3:04 बजे तक रहेगा. ज्योतिषों के मुताबिक ग्रहण के भारत में दिखने की अवधि सबसे कम रहेगी. ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जायेगा, जिसके चलते मंदिरों के कपाट भी 12 घंटे पहले ही बंद कर दिए जाएंगे. ग्रहण के वक्त गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इस दौरान वाहन चालकों को अपने वाहनों की हेडलाइट जलाकर सफर करना चाहिए.
पूरे विश्व में दिखाई देगा ये सूर्य ग्रहण
ज्योतिष पंडित रोहित वशिष्ठ जी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि 21 जून 2020 को जो सूर्य ग्रहण लग रहा है यह भारत सहित पूरे विश्व में दिखाई देने वाला है और ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 48 मिनट होगी. यह ग्रहण रविवार को प्रातः काल 9:15 बजे आरंभ होगा और दोपहर 3:04 तक यह ग्रहण समाप्त होगा. हालांकि भारत में इस सूर्य ग्रहण की अवधि कम रहेगी है और यहां ये ग्रहण प्रातः 10:22 बजे प्रारंभ होकर दोपहर 1:40 बजे समाप्त होगा. यहां ये ग्रहण 3 घंटे 18 मिनट का यह रहेगा. साल के पहले बड़े सूर्य ग्रहण का सूतक आज रात 10:22 बजे लग जाएगा और ग्रहण के पूरा होने पर स्वतः ही समाप्त हो जाएगा.
गर्भवती स्त्रियों को रखना चाहिए विशेष ध्यान
पंडित जी ने बताया कि ग्रहण के विषय में धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रहण के समय गर्भवती स्त्रियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए. ग्रहण का प्रभाव गर्भ में पल रहे बालक पर विशेष रूप से पड़ता है ऐसे में गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण काल में एक स्थान पर बैठ कर अपनी गोद में नारियल लेकर "ॐ नमो: नारायणाय:, अच्युताय नमः, गोविंदाय नमः" मंत्रों का निरंतर जाप करते रहना चाहिए. ग्रहण के पश्चात उस नारियल को घर का कोई भी सदस्य साफ बहते जल में प्रवाहित कर दें. ऐसा करने से ग्रहण जनित दोष बालक पर नहीं लगता और वह स्वस्थ रहता है.
इसे पढ़े- सहारनपुर: सेहत के लिए फायदेमंद है घड़े का पानी, संक्रमण से भी बचाएगा
अनावश्यक न करें कोई काम
वहीं सामान्य नियम यह है कि ग्रहण काल में अनावश्यक घरों से बाहर नहीं घूमना चाहिए. अनावश्यक खाना-पीना और अनावश्यक सोना भी नहीं चाहिए. इसके अलावा हजामत, नाखून, सिर के बाल आदि नहीं काटने चाहिए. साथ ही ग्रहण के समय भोजन का भी परहेज रखना चाहिए, हालांकि बच्चे, बुजुर्गों और मरीजों कर सकते हैं. सूर्य ग्रहण के तीन प्रभाव होते हैं, अतिभौतिक प्रभाव, अतिदेही प्रभाव और आध्यात्मिक प्रभाव. यानी ग्रहण मन पर प्रभाव डालता है, इस लोक पर प्रभाव डालता है ब्रह्मांड पर प्रभाव डालता है और शरीर पर प्रभाव डालता है.
ग्रहण के समय आसुरी शक्ति दैवीय शक्तियों पर होती हैं हावी
कोरोना वायरस पर ग्रहण के प्रभाव के जवाब में पंडित रोहित वशिष्ठ ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ज्योतिष के हिसाब से प्रभाव पड़ता है. आसुरी शक्ति दैवीय शक्तियों पर हावी होती है और यही इस सूर्य ग्रहण का आध्यात्मिक प्रभाव है. वहीं आसुरी शक्ति का प्रभाव दैवीय शक्ति पर अधिक देर नहीं रहता. ग्रहण के पश्चात धीरे-धीरे भारत में भी स्थिरता आएगी और भारत के शत्रु निश्चित रूप से प्राभाऊ को प्राप्त होंगे. जिस प्रकार धर्म शास्त्रों में बताया गया है उसी प्रकार हम आचार्यों को भी विस्तार से बताना चाहिए.