सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे कर रही है तो वहीं राजकीय मेडिकल कॉलेज में तैनात संविदाकर्मी डॉक्टर सीएम योगी के दावों की हवा निकाल रहे हैं. कोरोना काल में जिले के राजकीय मेडिकल कॉलेज में तैनात संविदाकर्मी डॉक्टर अपनी ड्यूटी छोड़कर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं. चौंकाने वाली बात तो यह है कि ये डॉक्टर जिला एवं मेडिकल कॉलेज प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं और किसी को इसकी भनक भी नहीं है. इस मामले में राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि ऐसे डॉक्टरो की जांच कराई जाएगी. जांच में दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मौलाना शेखुल हिन्द राजकीय मेडिकल कॉलेज का मामला
कोरोना काल में डॉक्टरो और स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वॉरियर की उपाधि से नवाजा जा रहा है, लेकिन मौलाना शेखुल हिन्द राजकीय मेडिकल कॉलेज में संविदा पर तैनात कई डॉक्टर अपनी ड्यूटी छोड़कर निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस कर रहे हैं. यह तब हो रहा है जब ड्यूटी के समय निजी प्रैक्टिस करना सरकारी नियमों के विरुद्ध है. करीब डेढ़ लाख रुपये की तनख्वाह लेने वाले संविदा पर तैनात डॉक्टर न सिर्फ मेडिकल प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहे है, बल्कि प्राइवेट प्रैक्टिस कर मरीजों से मोटी रकम वसूल रहे हैं.
संविदा पर तैनात कई डॉक्टर कर रहे निजी प्रैक्टिस
सूत्रों के मुताबिक ये डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में दिन में एक घन्टे के लिए हाजिरी लगाने आते हैं. इसके अलावा वह अपने निजी अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हैं. बताया यह भी जा रहा है कि ये डॉक्टर पथरी, रसौली, गदूद, हड्डियों में फ्रेक्चर आदि बीमारियों में पहले तो ऑपरेशन करने से इनकार कर देते है और बाद में अपने निजी अस्पताल में रेफर कर ऑपरेशन कर उनसे मोटी रकम वसूलते है.
यदि कोई डॉक्टर ड्यूटी छोड़कर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहा है तो वह पूरी तरह गलत है. ऐसा करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जो मरीज मेडिकल कॉलेज में आ रहे हैं, डॉक्टरों को यहीं पर उनका इलाज करना चाहिए. इसकी जांच कराई जाएगी. जांच में गलत पाए जाने पर ऐसे डॉक्टरों को नौकरी से हटाये जाने का प्रावधान भी है.
-डॉ. डीएस मार्तोलिया, प्रिंसिपलस, राजकीय मेडिकल कॉलेज