सहारनपुर: एसडीएम तहसील सदर अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में छापेमारी के बाद शहर के एक प्रमुख खाद विक्रेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई. खाद बिक्री में गड़बड़ी पाए जाने पर खाद विक्रेता का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद से खाद विक्रताओं के हड़कंप मचा हुआ है. प्रदेश सरकार के आदेशों के बाद जिलाधिकारी सहारनपुर द्वारा पूरे जिले में खाद के विक्रेताओं पर आकस्मिक छापामारी के लिए जिले की पांचों तहसीलों में पांच टीमों का गठन किया गया था.
शुक्रवार को उप जिलाधिकारी सदर के नेतृत्व में उपनिदेशक कृषि रक्षा राकेश बाबू व कृषि विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा कई विक्रेताओं के यहां छापामारी की गई और खाद के सैम्पल लेकर स्टॉक व बिक्री के रिकॉर्ड का भी मिलान किया गया. चिलकाना रोड पर स्थित मै. बजाज एजेन्सीज के स्टॉक की जांच करने पर पाया गया कि एजेंसी ने 18 जुलाई को यूरिया के 1200 कट्टे प्राप्त किए थे. जांच करने पर स्टॉक में कोई कट्टा नहीं पाया गया, लेकिन इस खाद की बिक्री का कोई उल्लेख स्टॉक रजिस्टर में नहीं मिला और न ही बिक्री से संबंधित रसीद आदि दिखाई गई.
इसके चलते बिक्री में गड़बड़ी की आशंका है. यूरिया की बिक्री का हिसाब किताब न मिलने पर उपजिलाधिकारी ने जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिए कि इस खाद विक्रेता का न सिर्फ लाइसेंस तत्काल निलंबित किया जाए, बल्कि नियमानुसार कार्रवाई की जाए. इस पर कार्यवाही करते हुए जिला कृषि अधिकारी ने उक्त विक्रेता का लाइसेंस निलंबित कर दिया. खाद विक्रेता के यहां से डीएपी व एमओपी का एक एक नमूना भी लिया गया.
उपजिलाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में यूरिया खाद की अधिक मांग है और खाद विक्रेताओं द्वारा कालाबाजारी और जमाखोरी रोकने के लिए आकस्मिक छापामारी का यह अभियान जारी रहेगा. उपजिलाधिकारी द्वारा खाद विक्रेताओं को चेतावनी दी गई है कि कालाबाजारी या जमाखोरी करते हुए पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.