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जल्द रिहा हो सकते हैं अब्दुल्ला आजम खान, ये शर्त पूरी होने पर ही आएंगे सलाखों से बाहर - अब्दुल्ला आजम खान हो सकते हैं रिहा

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) के बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam Khan) जल्द जेल से रिहा हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से मिली जमानत की शर्तानुसार वादी मुकदमा पक्ष के बयान दर्ज होने के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाएगा.

पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान को बेल
पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान को बेल
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Published : Sep 13, 2021, 9:51 PM IST

Updated : Sep 13, 2021, 10:30 PM IST

रामपुर: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता व रामपुर से सांसद आजम खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जेल से जल्द रिहा किया जा सकता है. डेढ़ साल से ज्यादा समय से सीतापुर जेल में बंद अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam Khan) की जमानत सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से मंजूर हो चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत में यह कंडीशन है कि वादी मुकदमा पक्ष के बयान अदालत में दर्ज करने के बाद उन्हें रिहा किया जाए. लिहाजा, रामपुर एमएलए एमपी कोर्ट में अब्दुल्ला के दो फर्जी पासपोर्ट के मामले में वादी के बयान हुए हैं. ऐसे में अब्दुल्लाह के जेल से रिहाई की उम्मीद बन रही है.

आजम खान व तंजीन फातिमा पर आरोप है कि उनके बेटे के दो जन्मतिथि प्रमाणपत्र बने हैं. एक नगर पालिका परिषद रामपुर व दूसरा नगर निगम लखनऊ से बनवाया गया है. दोनों में जन्म तिथि में काफी अंतर है. इस मामले पर सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया अब्दुल्लाह आजम खान के दो पासपोर्ट बनाए गए. एक एफआईआर में ऐसे आरोप लगे थे. उसमें ऐसा कहा गया है कि जब अब्दुल्लाह आजम नाबालिग थे तो मां डॉ. तंजीन फातिमा और पिता आजम खान ने उनका पासपोर्ट बनवाया था. पासपोर्ट में उनकी जन्मतिथि 1-1 -1993 थी. साल 2012 में जब अब्दुल्ला आजम ने उस पासपोर्ट को रेन्यू कराया तो उन्होंने फिर से डेट ऑफ बर्थ 1-1-1993 लिखी थी. इसके बाद वादी मुकदमा पक्ष आकाश सक्सेना ने इसकी शिकायत की. प्रकरण संज्ञान में आने पर अब्दुल्लाह आजम खान ने अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया और एक नया पासपोर्ट बनवाया, जिसमें जन्मतिथि 30-9-1990 दर्ज है.

जानकारी देते सरकारी वकील
उसमें अब्दुला ने सफाई देते हुए कहा मेरी पहले डेट ऑफ बर्थ गलत हो गई थी. पासपोर्ट ऑफिस ने उस पर कुछ पेनाल्टी डाली थी. उसके बाद एक नया पासपोर्ट जारी कर दिया था. इस मामले में 594/ 2020 जो कोतवाली सिविल लाइंस में धारा 420, 467, 468 471 आईपीसी में मुकदमा दर्ज किया गया था. वादी मुकदमा आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया गया है कि इसमें अब्दुल्ला आजम खान ने दो पासपोर्ट बनवाए और दोनों का इस्तेमाल भी किया. उससे विदेश यात्राएं भी कीं और उसे आईडी के रूप में भी इस्तेमाल किया जो एक अपराध है.

इसे भी पढ़ें-रामगोपाल ने योगी सरकार को बताया नाकारा, कहा-ममता का फ्लाईओवर दिखाकर वाहवाही चाह रही BJP


हालांकि, अब्दुल्ला आजम खान के पासपोर्ट वाले मामले में जो सुप्रीम कोर्ट ने बेल दी है उसके साथ कुछ कंडीशन भी रखी हैं. अब्दुल्ला की बेल वादी मुकदमा के बयान दर्ज कराने के बाद दी जाए. जैसे यह बयान पूरे हो जाएंगे अब्दुल्ला बेल ले सकते हैं.

रामपुर: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता व रामपुर से सांसद आजम खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जेल से जल्द रिहा किया जा सकता है. डेढ़ साल से ज्यादा समय से सीतापुर जेल में बंद अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam Khan) की जमानत सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से मंजूर हो चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत में यह कंडीशन है कि वादी मुकदमा पक्ष के बयान अदालत में दर्ज करने के बाद उन्हें रिहा किया जाए. लिहाजा, रामपुर एमएलए एमपी कोर्ट में अब्दुल्ला के दो फर्जी पासपोर्ट के मामले में वादी के बयान हुए हैं. ऐसे में अब्दुल्लाह के जेल से रिहाई की उम्मीद बन रही है.

आजम खान व तंजीन फातिमा पर आरोप है कि उनके बेटे के दो जन्मतिथि प्रमाणपत्र बने हैं. एक नगर पालिका परिषद रामपुर व दूसरा नगर निगम लखनऊ से बनवाया गया है. दोनों में जन्म तिथि में काफी अंतर है. इस मामले पर सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया अब्दुल्लाह आजम खान के दो पासपोर्ट बनाए गए. एक एफआईआर में ऐसे आरोप लगे थे. उसमें ऐसा कहा गया है कि जब अब्दुल्लाह आजम नाबालिग थे तो मां डॉ. तंजीन फातिमा और पिता आजम खान ने उनका पासपोर्ट बनवाया था. पासपोर्ट में उनकी जन्मतिथि 1-1 -1993 थी. साल 2012 में जब अब्दुल्ला आजम ने उस पासपोर्ट को रेन्यू कराया तो उन्होंने फिर से डेट ऑफ बर्थ 1-1-1993 लिखी थी. इसके बाद वादी मुकदमा पक्ष आकाश सक्सेना ने इसकी शिकायत की. प्रकरण संज्ञान में आने पर अब्दुल्लाह आजम खान ने अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया और एक नया पासपोर्ट बनवाया, जिसमें जन्मतिथि 30-9-1990 दर्ज है.

जानकारी देते सरकारी वकील
उसमें अब्दुला ने सफाई देते हुए कहा मेरी पहले डेट ऑफ बर्थ गलत हो गई थी. पासपोर्ट ऑफिस ने उस पर कुछ पेनाल्टी डाली थी. उसके बाद एक नया पासपोर्ट जारी कर दिया था. इस मामले में 594/ 2020 जो कोतवाली सिविल लाइंस में धारा 420, 467, 468 471 आईपीसी में मुकदमा दर्ज किया गया था. वादी मुकदमा आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया गया है कि इसमें अब्दुल्ला आजम खान ने दो पासपोर्ट बनवाए और दोनों का इस्तेमाल भी किया. उससे विदेश यात्राएं भी कीं और उसे आईडी के रूप में भी इस्तेमाल किया जो एक अपराध है.

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हालांकि, अब्दुल्ला आजम खान के पासपोर्ट वाले मामले में जो सुप्रीम कोर्ट ने बेल दी है उसके साथ कुछ कंडीशन भी रखी हैं. अब्दुल्ला की बेल वादी मुकदमा के बयान दर्ज कराने के बाद दी जाए. जैसे यह बयान पूरे हो जाएंगे अब्दुल्ला बेल ले सकते हैं.

Last Updated : Sep 13, 2021, 10:30 PM IST
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