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Rampur News : विधायक आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से की आजम खान के कार्यालय की शिकायत, पत्र लिखकर की ये मांग

रामपुर के शहर विधायक उर्फ हनी ने आजम खान पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने अवैध कब्जे को खाली कराकर दोबारा स्कूल बनाये जाने की मांग की है.

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Published : Apr 8, 2023, 7:10 PM IST

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रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रामपुर के शहर विधायक आकाश सक्सेना उर्फ हनी ने गंभीर आरोप लगाते हुए रामपुर जिला कार्यालय "दारुल आवाम" को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है. उनका आरोप है कि जिस जगह 'राजकीय मुर्तुजा स्कूल व शिक्षा विभाग के भवन थे, जिन्हें आजम खान ने समाजवादी पार्टी में रहते अपने पद नाम से अलाॅट कराया था, लेकिन जब वह समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिए गए तब भी उन्होंने अपना निजी कब्जा बनाए रखा और बाद में सरकार आने पर समाजवादी पार्टी के कार्यालय का नाम हटाकर अपने निजी जौहर ट्रस्ट के नाम अलॉट करा लिया. इसके कुछ हिस्से में रामपुर पब्लिक स्कूल संचालित किया जाता है. आकाश सक्सेना ने आज़म खान पर लीज़ की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की है कि लीज खारिज की जाए और अवैध कब्जा खाली कराकर पुनः स्कूल बनाया जाए.'

मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

शहर विधायक अकाश सक्सेना उर्फ हनी का आरोप है कि 'हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक पत्र के माध्यम से यह शिकायत की है कि रामपुर में एक बिल्डिंग हुआ करती थी, जिसमें मुर्तजा स्कूल और शिक्षा विभाग का एक कार्यालय हुआ करता था. इस सरकारी कार्यालय को आजम खान ने समाजवादी पार्टी की पहली सरकार में अपने नाम और पार्टी के पद नाम से इस कार्यालय को पहले अलॉट करवाया और उसके बाद 2009 में जब इनको समाजवादी पार्टी से निकाला गया तो इनको इस बात का एहसास हुआ कि अगर यह कार्यालय पार्टी के नाम रहेगा तो इसमें मेरा कब्जा नहीं रह पाएगा. इन्होंने 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद उस अलॉटमेंट को दोबारा से करवाया और वो जोहर ट्रस्ट के नाम करवाया और समाजवादी पार्टी का नाम उन्होंने वहां से हटा दिया, क्योंकि यह जानते थे कि कल को अगर फिर पार्टी से निकाला जाएगा तो उनका कब्जा वहां नहीं रह पाएगा. उस जौहर ट्रस्ट के नाम जब यह कार्यालय खोला तो उस लिस्ट में यह साफ-साफ लिखा हुआ था कि कोई भी पॉलिटिकल एक्टिविटी वहां नहीं होगी, आजम खान ने सारे नियमों को ताक में रखकर वहां उस कार्यालय पर पॉलिटिकल एक्टिविटीज भी की.'



उन्होंने कहा कि 'आज हमारी मांग है कि इस पूरे विषय की गंभीरता से जांच कर इसकी लीज़ को खत्म किया जाए और यहां जो सरकार का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई आजम खान से ही की जाए. जहां तक बात पॉलिटिकल कार्यालय की है, जब 2009 में यह समाजवादी पार्टी में नहीं थे, वहां से समाजवादी पार्टी का झंडा इन्होंने उतार दिया था. आगे भी स्थिति कभी इनकी बनती है या किसी और पार्टी में जाते हैं या अगर अपनी कोई नई पार्टी बनाते हैं तो वहां पर अपना ही कब्जा चाहते हैं. हमारी मांग है कि इस लीज़ को निरस्त करके इसको सरकार वापस ले और इसको दोबारा से जहां बच्चे पढ़ते थे और रामपुर का वहां जो एक अच्छा स्कूल हुआ करता था, उसे वापस स्थापित किया जाना चाहिए.'

यह भी पढ़ें : केंद्र और राज्य की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने से बढ़ रही यूपी की चमक

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रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रामपुर के शहर विधायक आकाश सक्सेना उर्फ हनी ने गंभीर आरोप लगाते हुए रामपुर जिला कार्यालय "दारुल आवाम" को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है. उनका आरोप है कि जिस जगह 'राजकीय मुर्तुजा स्कूल व शिक्षा विभाग के भवन थे, जिन्हें आजम खान ने समाजवादी पार्टी में रहते अपने पद नाम से अलाॅट कराया था, लेकिन जब वह समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिए गए तब भी उन्होंने अपना निजी कब्जा बनाए रखा और बाद में सरकार आने पर समाजवादी पार्टी के कार्यालय का नाम हटाकर अपने निजी जौहर ट्रस्ट के नाम अलॉट करा लिया. इसके कुछ हिस्से में रामपुर पब्लिक स्कूल संचालित किया जाता है. आकाश सक्सेना ने आज़म खान पर लीज़ की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की है कि लीज खारिज की जाए और अवैध कब्जा खाली कराकर पुनः स्कूल बनाया जाए.'

मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

शहर विधायक अकाश सक्सेना उर्फ हनी का आरोप है कि 'हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक पत्र के माध्यम से यह शिकायत की है कि रामपुर में एक बिल्डिंग हुआ करती थी, जिसमें मुर्तजा स्कूल और शिक्षा विभाग का एक कार्यालय हुआ करता था. इस सरकारी कार्यालय को आजम खान ने समाजवादी पार्टी की पहली सरकार में अपने नाम और पार्टी के पद नाम से इस कार्यालय को पहले अलॉट करवाया और उसके बाद 2009 में जब इनको समाजवादी पार्टी से निकाला गया तो इनको इस बात का एहसास हुआ कि अगर यह कार्यालय पार्टी के नाम रहेगा तो इसमें मेरा कब्जा नहीं रह पाएगा. इन्होंने 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद उस अलॉटमेंट को दोबारा से करवाया और वो जोहर ट्रस्ट के नाम करवाया और समाजवादी पार्टी का नाम उन्होंने वहां से हटा दिया, क्योंकि यह जानते थे कि कल को अगर फिर पार्टी से निकाला जाएगा तो उनका कब्जा वहां नहीं रह पाएगा. उस जौहर ट्रस्ट के नाम जब यह कार्यालय खोला तो उस लिस्ट में यह साफ-साफ लिखा हुआ था कि कोई भी पॉलिटिकल एक्टिविटी वहां नहीं होगी, आजम खान ने सारे नियमों को ताक में रखकर वहां उस कार्यालय पर पॉलिटिकल एक्टिविटीज भी की.'



उन्होंने कहा कि 'आज हमारी मांग है कि इस पूरे विषय की गंभीरता से जांच कर इसकी लीज़ को खत्म किया जाए और यहां जो सरकार का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई आजम खान से ही की जाए. जहां तक बात पॉलिटिकल कार्यालय की है, जब 2009 में यह समाजवादी पार्टी में नहीं थे, वहां से समाजवादी पार्टी का झंडा इन्होंने उतार दिया था. आगे भी स्थिति कभी इनकी बनती है या किसी और पार्टी में जाते हैं या अगर अपनी कोई नई पार्टी बनाते हैं तो वहां पर अपना ही कब्जा चाहते हैं. हमारी मांग है कि इस लीज़ को निरस्त करके इसको सरकार वापस ले और इसको दोबारा से जहां बच्चे पढ़ते थे और रामपुर का वहां जो एक अच्छा स्कूल हुआ करता था, उसे वापस स्थापित किया जाना चाहिए.'

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