रामपुर : अयोध्या के अलावा रामपुर में भी भगवान राम का मंदिर है. साल 2016 में इसका निर्माण एक रामभक्त ने कराया था. इसके लिए अयोध्या से राम ज्योति आई थी. रामनगरी में कार सेवा के दौरान रामभक्त ने इस मंदिर को बनवाने का संकल्प लिया था. मंदिर के नाम पर एक कॉलोनी का नाम भी रखा गया है. रोजाना काफी संख्या में भक्त पूजा-पाठ के लिए पहुंचते हैं.
प्रभु श्री राम में अटूट आस्था रखने वाले अशोक बिश्नोई ने इस मंदिर का निर्माण कराया है. वह भाजपा नेता भी हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि सन 1990 में वह कार सेवा करने अयोध्या गए थे. उसके बाद 6 दिसंबर 1992 को भी कार सेवा करने अयोध्या गए थे. इस दौरान उन्होंने शपथ ली थी कि राम का मंदिर बनेगा तो अयोध्या में ही बनेगा. हालांकि बाद में अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर बनने में कानूनी अड़चन आई तो उन्होंने रामपुर में ही प्रभु श्री राम का मंदिर बनवा दिया. इससे एक कॉलोनी का नाम ही राम विहार पड़ गया. जिस कॉलोनी में यह मंदिर है, उसे राम विहार के रूप में लोग जानते हैं.
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसी के साथ मंदिर का शुभारंभ भी हो जाएगा. राम भक्त अशोक विश्नोई ने बताया कि कार सेवा के दौरान ही अयोध्या से राम ज्योति आई थी. इसे हर मंदिर में लेकर जाना था, पुलिस ज्योति ले जाने से रोक रही थी. उस दौरान चाय की केतली में रेत डालकर उसमें राम ज्योति को छिपाकर लाया गया था. ज्वाला नगर स्थित नई कॉलोनी मंदिर में भगवान राम का स्मरण करते हुए राम ज्योति जलाई थी. अशोक विश्नोई ने बताया जब वह बजरंग दल में थे तो अयोध्या कार सेवा के लिए गए थे. वहां विवादित ढांचे के पास हमने राम मंदिर के लिए कसम खाई थी, अयोध्या में मंदिर बनने में मुश्किलें आने लगीं तो रामपुर में ही मंदिर का निर्माण करा दिया था.
सन 2014 में हमने कॉलोनी का नाम राम विहार रखा. 2014 से लेकर 2016 तक मंदिर बनकर तैयार हो गया. अशोक विश्नोई ने बताया कि इस मंदिर से काफी राम भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है. 22 तारीख को कीर्तन आदि का आयोजन मंदिर में किया जाएगा. रामायण या सुंदरकांड का पाठ भी होगा.
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