रामपुरः केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, दोनों इस खतरनाक वायरस से निपटने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं. कोरोना वायरस से जंग के दौर में रोडवेज कर्मचारियों की अलग ही पीड़ा है. रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि उनके स्वास्थ्य पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उनको सिर्फ एक मास्क और एक 100 ग्राम की सैनिटाइजर की बोतल दी गई है.
उन्होंने कहा कि उनको न तो उनको ग्लव्स दिए गए हैं और न ही उनके खाने का कोई इंतजाम किया गया है. एक बस में सिर्फ 22 से 28 यात्री ही बैठाने का शासन से आदेश है. इसके बावजूद एक बस में 60 प्रवासी श्रमिकों को बैठाकर उनके जनपदों में भेजा जा रहा है. कर्मचारियों ने बताया कि रामपुर के एक रोडवेज चालक की बस्ती जनपद में मौत भी हुई है.
रामपुर रोडवेज के कर्मचारी असमत अली खान से बताया कि क्षेत्रीय प्रबंधक और एमडी साहब अच्छा प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमारे यहां कहीं न कहीं चूक हुई है. जिस वजह से हमारे एक साथी की बस्ती जनपद में मौत हो गई.
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असमत अली ने कहा हमें डर लग रहा है. कहीं यहां के कर्मचारी के साथ भी कोई ऐसी ही घटना न हो जाए. असमत अली ने कहा कि गाड़ियां कार्यशाला में ही धुलेंगी. वहीं सैनिटाइज होंगी. उसके बाद ही कर्मचारी बस में घुसेगा.