आगरा: भूटान की महारानी आशी जेट्सन पेमा वांगचुक इन दिनों भारत भ्रमण पर आईं हैं. मंगलवार सुबह भूटान की महारानी आशी जेट्सन पेमा वांगचुक ने ताजमहल का दीदार किया. ताजमहल देखकर उन्होंने कहा, ये अद्भुत है. इसकी खूबसूरती के चलते बार बार देखने का मन करता है. ये बेहद खूबसूरत है.
उन्होंने टूरिस्ट गाइड शमशुद्दीन से ताजमहल के इतिहास, उसकी पच्चीकारी और मुगल बादशाह शहंशाह शाहजहां और मुमताज की कहानी जानी. ताजमहल के संरक्षण की जानकारी ली. भूटान की महारानी बेटी और अन्य परिजन के साथ प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोग करीब ढाई घंटे तक ताजमहल में रहे.
भूटान की महारानी आशी जेट्सन पेमा वांगचुक, उनकी बेटी, परिजन और प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य वीवीआईपी पूर्वी गेट से ताजमहल परिसर में पहुंचे. फोरकोर्ट से ताजमहल की पहली झलक देखी तो भूटान की महारानी देखती ही रह गईं. कहा कि जितनी बार देखो, हर बार बेहद खूबसूरत और नए अंदाज में दिखाई देता है ये ताजमहल. इसलिए, ये अद्भुत है बेहद खूबसूरत है. जिसे बार बार देखने मन करता है.
इसके बाद रॉयल गेट से उन्होंने ताजमहल को निहारा. उन्होंने रॉयल गेट पर फोटोग्राफी कराई. इसके बाद सेंट्रल टैंक पर पहुंचीं. उन्होंने और उनके साथ आए परिजन ने सेंट्रल टैंक पर फोटोग्राफी कराई. इसके साथ ही सेल्फी लीं. उन्होंने डायना सीट पर बैठक कर परिवार के साथ ही फोटो सेशन कराया.
भूटान की महारानी और उनके परिजन सेंट्रल टैंक से ताजमहल के मुख्य मकबरे पर पहुंचे. जहां पर उन्होंने टूरिस्ट गाइड शमशुद्दीन से ताजमहल की पच्चीकारी और इतिहास के बारे में जानकारी ली. भूटान की महारानी ने टूरिस्ट गाइड शमशुद्दीन से मुगल बादशाह शहंशाह शाहजहां और मुमताज की प्रेम कहानी और ताजमहल को लेकर तमाम सवाल किए.
टूरिस्ट गाइड शमशुद्दीन ने बताया कि महारानी ने पूछा था कि तब सीमेंट नहीं था. ताजमहल और स्मारक चूने से बने हैं. मैंने तब उनको चूने की चिनाई के बारे में बताया. जिसे सुनकर वह हैरान रह गईं. उन्होंने ताजमहल की पच्चीकारी को बड़ी बारीकी से देखा. करीब 20 साल पहले भी उन्होंने ताजमहल देखा था. अब अपनी बेटी, दामाद और अन्य परिजन के साथ राजस्थान से घूमकर आ रही हैं. ताजमहल देखने के बाद आगरा किला गईं.
फतेहपुर सीकरी के स्मारकों का किया भ्रमण: भूटान की महारानी राजस्थान से आगरा आईं थीं. उन्होंने दोपहर में अपने परिजन के साथ फतेहपुर सीकरी के स्मारकों का भ्रमण किया. उन्होंने स्मारकों की स्थापत्य कला की सराहाना की. टूरिस्ट गाइड मनजीत सिंह ने भूटान की महारानी को फतेहपुर सीकरी में दीवान- ए-आम, दीवान-ए-खास, अनूप तालाब, चौपड़, पंचमहल, तुर्की सुल्ताना, ख्वाबगाह, जोधाबाई महल का भ्रमण कराया. डेढ़ घंटे तक वे स्मारक में रहीं.