रामपुरः रामपुर की ऐतिहासिक रजा लाइब्रेरी (Raza Library) अपने आप में एक अनोखी लाइब्रेरी है. इस लाइब्रेरी को देखने संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा रामपुर पहुंची. उनके साथ में शहर विधायक आकाश सक्सेना, जिलाधकारी रविन्द्र कुमार मादड़ सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लाइब्रेरी को विश्व पटल पर लाने का आदेश दिया था, इसीलिए संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा रजा लाइब्रेरी देखने पहुंची.
रजा लाइब्रेरी पहुंचकर मुग्धा सिन्हा ने लाइब्रेरी की खूबसूरती को देखा और साथ ही साथ उन्होंने कई जगह खूबसूरती को अपने मोबाइल के कैमरे में भी कैद किया. रजा लाइब्रेरी की खूबसूरती देखकर मुग्धा सिन्हा काफी खुश नजर आईं. साथ ही रामपुर के कई प्रमुख उद्योग के बारे में जानकारी की. रजा लाइब्रेरी में ही रामपुरी चाकू, चटापटी, रामपुरी टोपी और रामपुरी वायलिन जैसे कारीगरों को भी बुलाया गया था, जिन्होंने इस के बारे में मुग्धा सिन्हा को जानकारी दी. ये सभी उद्योग रामपुर के बहुत ही मशहूर उद्याोग हैं.
वहीं, संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा 'यह हमारी मिनिस्ट्री आफ कल्चर की लाइब्रेरी है. बहुत ही आईकॉनिक लाइब्रेरी है. 17,000 रियर मेनिस्किपस है, जो मैंने आज यहां देखी है. यहां पर किताबों का भी कलेक्शन है. इस रजा लाइब्रेरी को पहचान मिलनी चाहिए, जो भी मिनिस्ट्री की स्कीम है उसके तहत हम कोशिश करेंगे. रजा लाइब्रेरी के अंदर जो भी ऐतिहासिक धरोहर है, जनता को उसे देखने का मौका मिलना चाहिए. इस हिसाब से हम यहां विजिट करने आए हैं. विजिट के बाद यह हमारा रामपुर का कार्यक्रम बना है. यहां पर इतिहास किताबों मैं मेनिस्किपस और आर्टीफैक्ट्स के माध्यम से यहां संग्रह है'.
रजा लाइब्रेरी की स्थापना
रामपुर के तत्कालीन नवाब फैजुल्ला खान (Nawab Faizullah Khan)ने 1774 में रजा लाइब्रेरी की स्थापना की थी . इस लाइब्रेरी में दुलर्भ पांडुलिपियां, ऐतिहासिक दस्तावेज, मुगलकालीन पेंटिग्स, किताबें और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े उपकपरण सहित अन्य बहुमूल्य कलाकृतियों का भंडार है. इसके साथ ही यहां आपको अरबी और फारसी भाषा मे कुछ दुर्लभ ग्रंथ भी मिल जाएंगे. और तो और यहां 60,000 से ज्यादा पुस्तकों का विशाल भंडार है.
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