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जौहर यूनिवर्सिटी हो सकती है सरकारी, 14 सौ बीघा जमीन पर सरकार ले सकती है कब्जा - जमींदारी उन्मूलन अधिनियम 1950 का उल्लंघन

उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी ( jauhar university) की जमीन पर सरकार ने अदालत के आदेश पर अमल करते हुए कब्जा लेने की कवायद शुरू कर दी है. आजम खान (mohammad azam khan) के विरुद्ध 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.

जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा
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Published : Sep 9, 2021, 10:47 PM IST

रामपुर: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता व सांसद आजम (mohammad azam khan) की मौलाना मोहम्मद अली जौहर यानी जौहर यूनिवर्सिटी ( jauhar university) की जमीन पर गुरुवार को सरकार ने अदालत के आदेश पर अमल करते हुए कब्जा लेने की कवायद शुरू कर दी है. हालांकि, वीसी ने एसडीएम के आदेश पत्र पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है. गौरतलब है कि आजम खान के विरुद्ध 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.

जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ एक कार्यवाही जमींदारी उन्मूलन अधिनियम 1950 ( zamindari abolition act 195) के सीलिंग के नियम के अंतर्गत थी, जिसमें कोई भी व्यक्ति परिवार या संस्था साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन बिना प्रदेश सरकार की अनुमति के नहीं रख सकती है. बस इसी नियम के अंतर्गत प्रशासन ने जोहर यूनिवर्सिटी पर अपनी आंख टेड़ी कर ली. यह मानते हुए के साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि रखने हेतु जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई है. उसमें उत्तर प्रदेश सरकार की अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया गया.

जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा

जौहर यूनिवर्सिटी की 400 एकड़ से अधिक जमीन में से साढ़े 12 एकड़ जमीन से अतिरिक्त तमाम जमीन को एडीएम प्रशासन रामपुर के आदेश के तहत सरकार के नाम दर्ज करने का फैसला आया था, जिस के विरुद्ध जौहर यूनिवर्सिटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad highcourt) ने भी एडीएम प्रशासन के निर्णय को बरकरार रखते हुए साढ़े 12 एकड़ से अतिरिक्त भूमि को सरकार में दर्ज किए जाने के फैसले को बरकरार रखा.

जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा


हाईकोर्ट के इसी फैसले के बाद अब रामपुर जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया और तहसील सदर रामपुर के तहसीलदार ने जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से जमीन का कब्जा सरकार के हाथ में लिए जाने के लिए नोटिस प्राप्त करने को कहा, जिसे तहसीलदार सदर रामपुर के मुताबिक, जौहर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने इनकार कर दिया. तब नियमों के अंतर्गत तहसीलदार सदर ने 2 गवाहों की मौजूदगी में जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकारी कब्जा लिए जाने की कार्रवाई पूरी की. कार्रवाई के बाद मीडिया से रूबरू हुए तहसीलदार सदर ने बताया एडीएम प्रशासन के आदेश के अनुसार 70 हेक्टेयर यानी लगभग 14 सौ बीघा जमीन पर सरकारी कब्जा लिए जाने की कार्रवाई की गई है.

जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा

इसे भी पढ़ें-योगी सरकार खनन विभाग की कमाई से हुई मालामाल, माफियाओं पर चलाया चाबुक

तहसीलदार प्रमोद कुमार ने बताया कि अपर जिलाधिकारी का आदेश है कि 70 हेक्टर भूमि को राज्य सरकार में निहित किया जाये. इसकी अपील हाईकोर्ट में की गई थी. हाईकोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया. आज हम कब्जा और दखल के लिए आए थे. वॉइस चांसलर ने अपने साइन करने से इनकार कर दिया. अभी दो गवाहों के साइन कर कब्जा और दखल की कार्रवाई पूरी की जायेगी. .

रामपुर: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता व सांसद आजम (mohammad azam khan) की मौलाना मोहम्मद अली जौहर यानी जौहर यूनिवर्सिटी ( jauhar university) की जमीन पर गुरुवार को सरकार ने अदालत के आदेश पर अमल करते हुए कब्जा लेने की कवायद शुरू कर दी है. हालांकि, वीसी ने एसडीएम के आदेश पत्र पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है. गौरतलब है कि आजम खान के विरुद्ध 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.

जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ एक कार्यवाही जमींदारी उन्मूलन अधिनियम 1950 ( zamindari abolition act 195) के सीलिंग के नियम के अंतर्गत थी, जिसमें कोई भी व्यक्ति परिवार या संस्था साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन बिना प्रदेश सरकार की अनुमति के नहीं रख सकती है. बस इसी नियम के अंतर्गत प्रशासन ने जोहर यूनिवर्सिटी पर अपनी आंख टेड़ी कर ली. यह मानते हुए के साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि रखने हेतु जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई है. उसमें उत्तर प्रदेश सरकार की अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया गया.

जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा

जौहर यूनिवर्सिटी की 400 एकड़ से अधिक जमीन में से साढ़े 12 एकड़ जमीन से अतिरिक्त तमाम जमीन को एडीएम प्रशासन रामपुर के आदेश के तहत सरकार के नाम दर्ज करने का फैसला आया था, जिस के विरुद्ध जौहर यूनिवर्सिटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad highcourt) ने भी एडीएम प्रशासन के निर्णय को बरकरार रखते हुए साढ़े 12 एकड़ से अतिरिक्त भूमि को सरकार में दर्ज किए जाने के फैसले को बरकरार रखा.

जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा


हाईकोर्ट के इसी फैसले के बाद अब रामपुर जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया और तहसील सदर रामपुर के तहसीलदार ने जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से जमीन का कब्जा सरकार के हाथ में लिए जाने के लिए नोटिस प्राप्त करने को कहा, जिसे तहसीलदार सदर रामपुर के मुताबिक, जौहर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने इनकार कर दिया. तब नियमों के अंतर्गत तहसीलदार सदर ने 2 गवाहों की मौजूदगी में जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकारी कब्जा लिए जाने की कार्रवाई पूरी की. कार्रवाई के बाद मीडिया से रूबरू हुए तहसीलदार सदर ने बताया एडीएम प्रशासन के आदेश के अनुसार 70 हेक्टेयर यानी लगभग 14 सौ बीघा जमीन पर सरकारी कब्जा लिए जाने की कार्रवाई की गई है.

जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकार का हो सकता है कब्जा

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तहसीलदार प्रमोद कुमार ने बताया कि अपर जिलाधिकारी का आदेश है कि 70 हेक्टर भूमि को राज्य सरकार में निहित किया जाये. इसकी अपील हाईकोर्ट में की गई थी. हाईकोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया. आज हम कब्जा और दखल के लिए आए थे. वॉइस चांसलर ने अपने साइन करने से इनकार कर दिया. अभी दो गवाहों के साइन कर कब्जा और दखल की कार्रवाई पूरी की जायेगी. .

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