ETV Bharat / state

आजम खान के बेटे अब्दुल्ला पर FIR दर्ज

सपा के कद्दावर नेता और सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला खान के खिलाफ रामपुर में एफआईआर दर्ज हुई है. चुनाव लड़ते समय चुनाव आयोग के शपथ पत्र में गलत जन्म तिथि दाखिल किए जाने पर एफआईआर दर्ज की गई है.

Abdullah Khan
अब्दुल्ला खान
author img

By

Published : Mar 4, 2021, 10:50 PM IST

Updated : Mar 16, 2021, 3:31 PM IST

रामपुरः सपा के कद्दावर नेता और रामपुर से मौजूदा सांसद आजम खान के परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही हैं. अब आजम खान के बेटे अब्दुल्ला खान के खिलाफ कोतवाली स्वार में एफआईआर दर्ज हुई है. अब्दुल्ला खान रामपुर की 34 स्वार विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं.

जानकारी देते उपजिलाधिकारी.

नवाब काजिम अली ने चुनाव में की थी शिकायत
स्वार क्षेत्र से चुनाव लड़ते समय अब्दुल्ला खान ने चुनाव आयोग के शपथ पत्र में गलत जन्म तिथि दाखिल किए जाने के मामले में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 क के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है. चुनाव आयोग में गलत सूचना देने और शपथ पत्र में गलत विवरण दिए जाने की शिकायत पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खान ने चुनाव आयोग से की थी. नवाब काजिम अली खान की शिकायत पत्र पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग के पत्र के आधार पर अब एफआईआर दर्ज की गई है.

चुनाव के दौरान गलत शपथ पत्र दिया था
स्वार के उप जिलाधिकारी यमुनाधर चौहान ने बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा 2017 विधानसभा चुनाव के संबंध में पारित आदेश के क्रम में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा आदेश पारित किया गया था. उसके अनुक्रम में चीफ इलेक्शन ऑफिस उत्तर प्रदेश द्वारा एक पत्राचार हुआ. इसमें 2017 के चुनाव में अब्दुल्ला आजम द्वारा जन्म के संबंध में गलत एफिडेफिट दिए जाने के कारण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 125क का उल्लंघन पाया गया. इसी क्रम कार्रवाई करने के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ था. इसी के आधार पर कार्रवाई की गई है.

अब्दुल्ला पर दर्ज है 44 मुकदमें

दो जन्म प्रमाण पत्र होने के आरोप में भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने 2019 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. यह मुकदमा अभी कोर्ट में विचाराधीन है. इस मुकदमे में अब्दुल्ला के साथ उनके पिता सांसद आजम खान और मां विधायक डॉक्टर तंजीम फातिमा भी आरोपी हैं.

क्या है जन प्रतिनिधित्व अधिनियम

संविधान के अनुच्छेद 327 के तहत इस अधिनियम को संसद द्वारा पारित किया गया था. यह संसद और राज्य विधानसभाओं के लिए चुनाव का संचालन प्रदान करता है. यह इन बातों की भी पुष्टि करता है कि उक्त सदनों का सदस्य बनने के लिए क्या योग्यताएं और अयोग्यताएं होती हैं. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (4) कहती है कि कोई भी जनप्रतिनिधि किसी भी मामले में दोषी ठहराए जाने की तिथि से तीन महीने की तिथि तक और अगर दौरान वो अपील दायर करता है तो उसका निबटारा होने तक अपने पद के अयोग्य घोषित नहीं होगा.

इनके पिता आजम खान के ऊपर भी दर्ज हैं 10 आपराधिक मामले

आपराधिक मामलों के तहत आजम खान वर्तमान में सीतापुर जेल में बंद हैं. आजम खान के ऊपर धोखा देना, कूट रचित दस्तावेज तैयार करना, मानहानि, नफरत फैलाने, भय फैलाने, सांप्रदायिक नफरत फैलाने, सबूत मिटाने जैसी गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं.

वहीं आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) 505 (भय फैलाना) के तहत हजरतगंज लखनऊ में आजम खान के खिलाफ वर्ष 2019 में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. यह मामला कोर्ट में लंबित है. आईपीसी की धारा 409 (संपत्ति हनन) 420 (धोखा) 120 बी (आपराधिक साजिश) 201( सबूत मिटाना), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आजम खां को कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिला हुआ है. आजम खान के खिलाफ 153 (सांप्रदायिक नफरत फैलाना) 153 (संप्रदाय के खिलाफ गलत बयानी करना) 295A (धार्मिक वस्तु को नुकसान पहुंचाना) 505 (भय फैलाना), 506 (धमकी देना) राजधानी लखनऊ के गोमती नगर थाने में दर्ज हैं. 2017 में फिरोजाबाद में आजम खान के खिलाफ दर्ज धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन/ कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचाना) 153A (सांप्रदायिक नफरत फैलाना) की धाराओं में एफआईआर दर्ज है. वहीं, अन्य 5 मामले में आजम खान को कोर्ट से बेल मिल चुकी है.

रामपुरः सपा के कद्दावर नेता और रामपुर से मौजूदा सांसद आजम खान के परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही हैं. अब आजम खान के बेटे अब्दुल्ला खान के खिलाफ कोतवाली स्वार में एफआईआर दर्ज हुई है. अब्दुल्ला खान रामपुर की 34 स्वार विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं.

जानकारी देते उपजिलाधिकारी.

नवाब काजिम अली ने चुनाव में की थी शिकायत
स्वार क्षेत्र से चुनाव लड़ते समय अब्दुल्ला खान ने चुनाव आयोग के शपथ पत्र में गलत जन्म तिथि दाखिल किए जाने के मामले में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 क के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है. चुनाव आयोग में गलत सूचना देने और शपथ पत्र में गलत विवरण दिए जाने की शिकायत पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खान ने चुनाव आयोग से की थी. नवाब काजिम अली खान की शिकायत पत्र पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग के पत्र के आधार पर अब एफआईआर दर्ज की गई है.

चुनाव के दौरान गलत शपथ पत्र दिया था
स्वार के उप जिलाधिकारी यमुनाधर चौहान ने बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा 2017 विधानसभा चुनाव के संबंध में पारित आदेश के क्रम में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा आदेश पारित किया गया था. उसके अनुक्रम में चीफ इलेक्शन ऑफिस उत्तर प्रदेश द्वारा एक पत्राचार हुआ. इसमें 2017 के चुनाव में अब्दुल्ला आजम द्वारा जन्म के संबंध में गलत एफिडेफिट दिए जाने के कारण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 125क का उल्लंघन पाया गया. इसी क्रम कार्रवाई करने के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ था. इसी के आधार पर कार्रवाई की गई है.

अब्दुल्ला पर दर्ज है 44 मुकदमें

दो जन्म प्रमाण पत्र होने के आरोप में भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने 2019 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. यह मुकदमा अभी कोर्ट में विचाराधीन है. इस मुकदमे में अब्दुल्ला के साथ उनके पिता सांसद आजम खान और मां विधायक डॉक्टर तंजीम फातिमा भी आरोपी हैं.

क्या है जन प्रतिनिधित्व अधिनियम

संविधान के अनुच्छेद 327 के तहत इस अधिनियम को संसद द्वारा पारित किया गया था. यह संसद और राज्य विधानसभाओं के लिए चुनाव का संचालन प्रदान करता है. यह इन बातों की भी पुष्टि करता है कि उक्त सदनों का सदस्य बनने के लिए क्या योग्यताएं और अयोग्यताएं होती हैं. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (4) कहती है कि कोई भी जनप्रतिनिधि किसी भी मामले में दोषी ठहराए जाने की तिथि से तीन महीने की तिथि तक और अगर दौरान वो अपील दायर करता है तो उसका निबटारा होने तक अपने पद के अयोग्य घोषित नहीं होगा.

इनके पिता आजम खान के ऊपर भी दर्ज हैं 10 आपराधिक मामले

आपराधिक मामलों के तहत आजम खान वर्तमान में सीतापुर जेल में बंद हैं. आजम खान के ऊपर धोखा देना, कूट रचित दस्तावेज तैयार करना, मानहानि, नफरत फैलाने, भय फैलाने, सांप्रदायिक नफरत फैलाने, सबूत मिटाने जैसी गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं.

वहीं आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) 505 (भय फैलाना) के तहत हजरतगंज लखनऊ में आजम खान के खिलाफ वर्ष 2019 में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. यह मामला कोर्ट में लंबित है. आईपीसी की धारा 409 (संपत्ति हनन) 420 (धोखा) 120 बी (आपराधिक साजिश) 201( सबूत मिटाना), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आजम खां को कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिला हुआ है. आजम खान के खिलाफ 153 (सांप्रदायिक नफरत फैलाना) 153 (संप्रदाय के खिलाफ गलत बयानी करना) 295A (धार्मिक वस्तु को नुकसान पहुंचाना) 505 (भय फैलाना), 506 (धमकी देना) राजधानी लखनऊ के गोमती नगर थाने में दर्ज हैं. 2017 में फिरोजाबाद में आजम खान के खिलाफ दर्ज धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन/ कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचाना) 153A (सांप्रदायिक नफरत फैलाना) की धाराओं में एफआईआर दर्ज है. वहीं, अन्य 5 मामले में आजम खान को कोर्ट से बेल मिल चुकी है.

Last Updated : Mar 16, 2021, 3:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.