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बैंक लोन जमा न करने पर 34 पर FIR दर्ज

रामपुर जिले में बैंक लोन जमा न करने पर 34 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि इन लोगों ने फर्जीवाड़ा करके प्रथमा बैंक से लोन लिया था.

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Published : Dec 3, 2020, 7:59 PM IST

fir registered against 34 people for not depositing bank loan in rampur
fir registered against 34 people for not depositing bank loan in rampur

रामपुर: जिले में प्रथमा बैंक यूपी ग्रामीण की शाखा सेंटाखेड़ा से 34 लोगों ने लोन लेकर जमा नहीं किया. इस पर बैंक मैनेजर ने इन सब के खिलाफ कोतवाली टांडा में एफआईआर दर्ज कराई है. इन लोगों ने लगभग एक करोड़ से अधिक का लोन लिया था, जो कि जमा नहीं किया. इसमें ज्यादातर लोग शाहबाद के बताए जा रहे हैं. बरहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है.

दरअसल, रामपुर मार्ग स्थित प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की सेंटाखेड़ा शाखा में फर्जी तरीके से कागजात तैयार कराने के बाद फर्जी लोन पास कराने का मामला सामने आया है. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक करोड़ 68 लाख रुपये का लोन लेने के नाम पर खेल खेला गया गया है. कुल 34 लोगों को बैंक से लोन दिलाया गया है. 17 लोगों को लोन बैंक से शाखा प्रबंधक संजय गौड़ के कार्यकाल में दिया गया है. इसके बाद उनका ट्रांसफर हो गया. 17 लोगों को ही शाखा प्रबंधक सत्य प्रिय सैनी के कार्यकाल में लोन दिया जाना बताया गया है.

इसमें से ज्यादातर शाहबाद तहसील के लोगों ने लोन कराकर फर्जीवाड़ा किया है. इसके अलावा बिलारी और संभल का एक, उत्तराखंड के दो लोग शामिल हैं. सभी 34 लोगों को फर्जी तरीके से लोन दिलाकर उन्हें कुछ रकम इस प्रक्रिया में लिप्त लोगों द्वारा दी गई है. बुधवार को पुलिस ने इस मामले में शामिल पाये जाने पर इरफान को उसके घर से पकड़कर कार्रवाई करते हुए चालान कर दिया. पुलिस की जांच अभी जारी है.

वहीं इस मामले पर सीओ स्वार धर्म सिंह मार्शल ने बताया कि प्रथमा बैंक ने 34 लोगों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराया था, जिसमें इन लोगों लोन लेने के बाद पैसा जमा नहीं किया था. इसकी विवेचना के बाद जो मुख्य आरोपी है, उसे गिरफ्तार कर लिया है. बाकी के जो आरोपी हैं, उनके बारे में साक्ष्य जुटाए जा जा रहे हैं. साक्ष्य के आधार पर उनकी गिरफ्तारी होगी और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

रामपुर: जिले में प्रथमा बैंक यूपी ग्रामीण की शाखा सेंटाखेड़ा से 34 लोगों ने लोन लेकर जमा नहीं किया. इस पर बैंक मैनेजर ने इन सब के खिलाफ कोतवाली टांडा में एफआईआर दर्ज कराई है. इन लोगों ने लगभग एक करोड़ से अधिक का लोन लिया था, जो कि जमा नहीं किया. इसमें ज्यादातर लोग शाहबाद के बताए जा रहे हैं. बरहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है.

दरअसल, रामपुर मार्ग स्थित प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की सेंटाखेड़ा शाखा में फर्जी तरीके से कागजात तैयार कराने के बाद फर्जी लोन पास कराने का मामला सामने आया है. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक करोड़ 68 लाख रुपये का लोन लेने के नाम पर खेल खेला गया गया है. कुल 34 लोगों को बैंक से लोन दिलाया गया है. 17 लोगों को लोन बैंक से शाखा प्रबंधक संजय गौड़ के कार्यकाल में दिया गया है. इसके बाद उनका ट्रांसफर हो गया. 17 लोगों को ही शाखा प्रबंधक सत्य प्रिय सैनी के कार्यकाल में लोन दिया जाना बताया गया है.

इसमें से ज्यादातर शाहबाद तहसील के लोगों ने लोन कराकर फर्जीवाड़ा किया है. इसके अलावा बिलारी और संभल का एक, उत्तराखंड के दो लोग शामिल हैं. सभी 34 लोगों को फर्जी तरीके से लोन दिलाकर उन्हें कुछ रकम इस प्रक्रिया में लिप्त लोगों द्वारा दी गई है. बुधवार को पुलिस ने इस मामले में शामिल पाये जाने पर इरफान को उसके घर से पकड़कर कार्रवाई करते हुए चालान कर दिया. पुलिस की जांच अभी जारी है.

वहीं इस मामले पर सीओ स्वार धर्म सिंह मार्शल ने बताया कि प्रथमा बैंक ने 34 लोगों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराया था, जिसमें इन लोगों लोन लेने के बाद पैसा जमा नहीं किया था. इसकी विवेचना के बाद जो मुख्य आरोपी है, उसे गिरफ्तार कर लिया है. बाकी के जो आरोपी हैं, उनके बारे में साक्ष्य जुटाए जा जा रहे हैं. साक्ष्य के आधार पर उनकी गिरफ्तारी होगी और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

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