रामपुर: जौहर यूनिवर्सिटी से सटे गांव आलिया गंज में किसानों में जश्न का माहौल है. यहां 15 साल पहले 2005 में आलिया गंज के किसानों की जमीन पर पूर्व मंत्री आजम खान ने नाजायज कब्जा कर लिया था. वहीं अब जिला प्रशासन ने जमीन को चिन्हित करके किसानों को कब्जा दिलाया है. इसकी अगुवाई फैसल लाला और अब्दुल सलाम ने की थी. गांव के किसानों ने फैसल लाला और अब्दुल सलाम को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया.
- 15 साल पहले 2005 में आलिया गंज के किसानों की जमीनों पर पूर्व मंत्री आजम खान ने नाजायज कब्जा कर लिया था.
- जब भी कोई किसान अपनी जमीन पर जाने की कोशिश करता था, तो आजम खान और तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन किसानों को मारते-पीटते थे.
- झूठे मुकदमें लगाकर उन्हें जेल भिजवा देते थे.
लंबे समय तक हाफिज अब्दुल सलाम और फैसल लाला ने किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष किया. कई बार उच्च अधिकारियों से लेकर सूबे के तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक से भी मुलाकात की थी. यहां तक की अब्दुल सलाम को किसानों की आवाज उठाने पर साल 2016 में जेल में भी डाल दिया गया था. किसानों ने आजम और आले हसन के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराए थे. किसान लगातार 15 साल से अपनी जमीनें वापस लेने को संघर्ष कर रहे थे. जिला प्रशासन ने अब आकर किसानों की जमीन को चिन्हित करके किसानों को कब्जा दिलाया है.
सोशल एक्टिविस्ट फैसल लाला ने बताया कि 15 साल से आजम खान ने किसानों की जमीनें यूनिवर्सिटी में क़ैद कर रखी थी और किसान अपनी लड़ाई लड़ रहे थे. उसके बाद हमने और अब्दुल सलाम ने इनकी लड़ाई लड़ी और सूबे के तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक से भी इसकी शिकायत की थी. बरहाल जिला प्रशासन ने किसानों को इनकी जमीन पर कब्जा दिलाया है और आज इसलिए गांव में खुशी का माहौल है.
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आजम खान ने इन किसानों की जमीनों पर 15 साल से कब्जा कर रखा था और यह जमीने आज भी किसानों के नाम हैं. जिला प्रशासन ने इन किसानों को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया है. इसलिए यह किसान बहुत खुश हैं और गांव में जश्न का माहौल है.
-अब्दुल सलाम, वही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष