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रामपुर: जौहर यूनिवर्सिटी के कब्जे से किसानों को वापस दिलाई गई जमीन, गांव में जश्न का माहौल - जौहर यूनिवर्सिटी

यूपी के रामपुर के गांव आलिया में 15 साल पहले 2005 में किसानों की जमीनों पर पूर्व मंत्री आजम खान ने कब्जा कर लिया था. यह जमीन जौहर यूनिवर्सिटी के कब्जे में थी. अब जिला प्रशासन ने जमीन को चिन्हित करके किसानों को कब्जा दिलाया है, जिससे गांव में खुशी का माहौल है.

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जौहर यूनिवर्सिटी के कब्जे से किसानों वापस दिलाई गई जमीन.
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Published : Jan 25, 2020, 11:56 AM IST

रामपुर: जौहर यूनिवर्सिटी से सटे गांव आलिया गंज में किसानों में जश्न का माहौल है. यहां 15 साल पहले 2005 में आलिया गंज के किसानों की जमीन पर पूर्व मंत्री आजम खान ने नाजायज कब्जा कर लिया था. वहीं अब जिला प्रशासन ने जमीन को चिन्हित करके किसानों को कब्जा दिलाया है. इसकी अगुवाई फैसल लाला और अब्दुल सलाम ने की थी. गांव के किसानों ने फैसल लाला और अब्दुल सलाम को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया.

जौहर यूनिवर्सिटी के कब्जे से किसानों को वापस दिलाई गई जमीन.
  • 15 साल पहले 2005 में आलिया गंज के किसानों की जमीनों पर पूर्व मंत्री आजम खान ने नाजायज कब्जा कर लिया था.
  • जब भी कोई किसान अपनी जमीन पर जाने की कोशिश करता था, तो आजम खान और तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन किसानों को मारते-पीटते थे.
  • झूठे मुकदमें लगाकर उन्हें जेल भिजवा देते थे.

लंबे समय तक हाफिज अब्दुल सलाम और फैसल लाला ने किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष किया. कई बार उच्च अधिकारियों से लेकर सूबे के तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक से भी मुलाकात की थी. यहां तक की अब्दुल सलाम को किसानों की आवाज उठाने पर साल 2016 में जेल में भी डाल दिया गया था. किसानों ने आजम और आले हसन के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराए थे. किसान लगातार 15 साल से अपनी जमीनें वापस लेने को संघर्ष कर रहे थे. जिला प्रशासन ने अब आकर किसानों की जमीन को चिन्हित करके किसानों को कब्जा दिलाया है.

सोशल एक्टिविस्ट फैसल लाला ने बताया कि 15 साल से आजम खान ने किसानों की जमीनें यूनिवर्सिटी में क़ैद कर रखी थी और किसान अपनी लड़ाई लड़ रहे थे. उसके बाद हमने और अब्दुल सलाम ने इनकी लड़ाई लड़ी और सूबे के तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक से भी इसकी शिकायत की थी. बरहाल जिला प्रशासन ने किसानों को इनकी जमीन पर कब्जा दिलाया है और आज इसलिए गांव में खुशी का माहौल है.

इसे भी पढ़ें- रामपुरः जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर पहुंचा जिला प्रशासन, 12 किसानों को मिली उनकी जमीन

आजम खान ने इन किसानों की जमीनों पर 15 साल से कब्जा कर रखा था और यह जमीने आज भी किसानों के नाम हैं. जिला प्रशासन ने इन किसानों को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया है. इसलिए यह किसान बहुत खुश हैं और गांव में जश्न का माहौल है.
-अब्दुल सलाम, वही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष

रामपुर: जौहर यूनिवर्सिटी से सटे गांव आलिया गंज में किसानों में जश्न का माहौल है. यहां 15 साल पहले 2005 में आलिया गंज के किसानों की जमीन पर पूर्व मंत्री आजम खान ने नाजायज कब्जा कर लिया था. वहीं अब जिला प्रशासन ने जमीन को चिन्हित करके किसानों को कब्जा दिलाया है. इसकी अगुवाई फैसल लाला और अब्दुल सलाम ने की थी. गांव के किसानों ने फैसल लाला और अब्दुल सलाम को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया.

जौहर यूनिवर्सिटी के कब्जे से किसानों को वापस दिलाई गई जमीन.
  • 15 साल पहले 2005 में आलिया गंज के किसानों की जमीनों पर पूर्व मंत्री आजम खान ने नाजायज कब्जा कर लिया था.
  • जब भी कोई किसान अपनी जमीन पर जाने की कोशिश करता था, तो आजम खान और तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन किसानों को मारते-पीटते थे.
  • झूठे मुकदमें लगाकर उन्हें जेल भिजवा देते थे.

लंबे समय तक हाफिज अब्दुल सलाम और फैसल लाला ने किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष किया. कई बार उच्च अधिकारियों से लेकर सूबे के तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक से भी मुलाकात की थी. यहां तक की अब्दुल सलाम को किसानों की आवाज उठाने पर साल 2016 में जेल में भी डाल दिया गया था. किसानों ने आजम और आले हसन के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराए थे. किसान लगातार 15 साल से अपनी जमीनें वापस लेने को संघर्ष कर रहे थे. जिला प्रशासन ने अब आकर किसानों की जमीन को चिन्हित करके किसानों को कब्जा दिलाया है.

सोशल एक्टिविस्ट फैसल लाला ने बताया कि 15 साल से आजम खान ने किसानों की जमीनें यूनिवर्सिटी में क़ैद कर रखी थी और किसान अपनी लड़ाई लड़ रहे थे. उसके बाद हमने और अब्दुल सलाम ने इनकी लड़ाई लड़ी और सूबे के तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक से भी इसकी शिकायत की थी. बरहाल जिला प्रशासन ने किसानों को इनकी जमीन पर कब्जा दिलाया है और आज इसलिए गांव में खुशी का माहौल है.

इसे भी पढ़ें- रामपुरः जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर पहुंचा जिला प्रशासन, 12 किसानों को मिली उनकी जमीन

आजम खान ने इन किसानों की जमीनों पर 15 साल से कब्जा कर रखा था और यह जमीने आज भी किसानों के नाम हैं. जिला प्रशासन ने इन किसानों को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया है. इसलिए यह किसान बहुत खुश हैं और गांव में जश्न का माहौल है.
-अब्दुल सलाम, वही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष

Intro:स्पेशल पैकेज स्टोरी
Rampur up

स्लग आलिया गंज में जश्न का माहौल, आज़म से कब्ज़ा मुक्त हुईं किसानों की ज़मीने।



वियो आज सोशल एक्टिविस्ट फैसल खान लाला और ज़िला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष हाफ़िज़ अब्दुल सलाम जौहर यूनिवर्सिटी से सटे गाँव आलिया गंज पहुंचे जहां किसानों में जश्न का माहौल था, ढोल की थाप पर नाचे किसानों के बच्चें, फैसल लाला और अब्दुल सलाम को मिठाई खिलाकर ख़ुशी का इज़हार किया और ज़िला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।15 साल बाद पूर्वजो की जमीनों पर पहुंचकर किसानों के निकले ख़ुशी के आंसू, पूरे गाँव मे जश्न का माहौल।


Body:
विदित हों कि लगभग 15 साल पहले साल 2005 में आलिया गंज के किसानों की ज़मीनों पर पूर्व मंत्री आज़म खान ने नाजायज़ कब्ज़ा कर लिया था और उन किसानों की ज़मीने जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर कैद कर ली थीं तब ही से गरीब किसान यूनिवर्सिटी के बाहर से अपनी ज़मीनों को देखते और अपना दिल मसोस लेते थे क्योंकि जब भी कोई किसान अपनी ज़मीन पर जाने की कोशिश करता था तो आज़म खान और तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन किसानों को मारते पीटते थे और झूठे मुकदमें लगाकर उन्हें जेल में डाल देते थे। लंबे समय तक हाफ़िज़ अब्दुल सलाम और फैसल लाला ने किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष किया कई बार उच्च अधिकारियों से लेकर सूबे के तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक से भी मुलाकात की थी यहां तक की अब्दुल सलाम को किसानों की आवाज़ उठाने पर साल 2016 में जेल में भी डाल दिया गया था। सूबे में जैसे ही सपा की सरकार बदली तो फैसल लाला और अब्दुल सलाम ने किसानों की अगुवाई की और किसानों ने आज़म और आले हसन के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराए थे। किसान लगातार 15 साल से अपनी ज़मीनें वापस लेने को संघर्ष कर रहे थे ज़िला प्रशासन ने अब आकर किसानों की ज़मीन को चिन्हित करके किसानों को कब्ज़ा दिलाया है।
Conclusion:
वही किसान रफ़ी जिसकी ज़मीन वापिस मिली हमने उन से बात की उसने कहा सांसद आजम खान ने 15 साल से उनकी जमीनों को यूनिवर्सिटी में कब्जा कर रखा था तो आज जिला प्रशासन की मेहरबानी से और फैसल लाला और अब्दुल सलाम साहब की वजह से हमारी जमीन वापस मिली है इस वजह से आज गांव में जश्न का माहौल है

वहीं दूसरे किसान अबरार जिसकी जमीन वापस मिली है हमने उनसे बात की उनकी जमीन 15 साल से फंसी पड़ी हुई थी आज जिलाधिकारी ने उस जमीन पर उनको कब्जा दिलाया है

वहीं तीसरे किसान यासीन जिसकी जमीन वापस मिली है हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया आज हमने मिठाई इसलिए बाटी है 15 साल से हमने अपनी जमीन पर जाकर नहीं देखा और आज हमें हमारी जमीन मिली है हमारी जमीन की हदबंदी हुई है

वहीं सोशल एक्टिविस्ट फैसल लाला से हमने बात की तो उन्होंने कहा 15 साल से आजम खान ने किसानों की जमीने यूनिवर्सिटी में क़ैद कर रखी थी और यह किसान अपनी लड़ाई लड़ रहे थे उसके बाद हमने और अब्दुल सलाम साहब ने इनकी लड़ाई लड़ी और सूबे के तत्कालीन राज्यपाल राम नायक जी से भी इसकी शिकायत की थी बरहाल आज जिला प्रशासन ने किसानों को इनकी जमीन पर कब्जा दिलाया है और आज इसलिए गांव में खुशी का माहौल है

वही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल कलाम ने कहा आजम खान ने इन किसानों की जमीनों पर 15 साल से कब्जा कर रखा था और यह जमीने आज भी किसानों के नाम है और जिला प्रशासन ने इन किसानों को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया है इसलिए यह किसान बहुत खुश है और गांव में जश्न का माहौल है
बाइट रफ़ी किसान
बाइट अबरार किसान
बाइट यासीन किसान
बाइट फैसल खान लाला सोशल एक्टिविस्ट
बाइट अब्दुल सलाम पूर्व ज़िला पंचायत अध्यक्ष

Reporter Azam khan
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