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एंबुलेंस न पहुंचने पर पति ने बनायी ठेला गाड़ी, फिर पत्नी को लेकर पहुंचा अस्पताल - जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादर

रामपुर में पत्नी को इलाज के लिए बार-बार अस्पताल ले जाने और एंबुलेस को घर न पहुंचने पर एक व्यक्ति ने बाइक काटकर उसमें ठेले को फिट कर दिया. मामले का जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया है.

crime news rampur
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Published : Jun 27, 2023, 9:50 AM IST

पत्नी को अस्पताल ले जाने कि लिए बाइक काटकर बहादुर ने बनाई ठेलागाड़ी

रामपुरः जिले में एक व्यक्ति ने अपनी बीमार पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए बाइक काटकर, उसमें ठेला जोड़ दिया. ताकि पत्नी को बार-बार अस्पताल ले जाने के लिए उसे एंबुलेंस का इंतजार और इंकार न सुनना पड़े. साथ ही सवारी से ले जाने के दौरान उसके लगने वाला भाड़े के पैसे बचे, जिससे वह अपनी पत्नी के इलाज में लगा सके. व्यक्ति के इस जुगाड़ को देखकर हर कोई हैरान रह गया. मामले की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी ने उचित मदद और एंबुलेंस न पहुंचने को लेकर जांच की बात कही है.

दरअसल, जिले के चुन्ना वाले गांव के रहने वाले बहादुर की पत्नी के पैर में चोट लगी थी. उसने गांव में ही एक झोलाछाप को अपनी पत्नी को दिखाया था. झोलाछाप डॉक्टर ने उसकी पत्नी के कूले में इंजेक्शन लगाया था. झोलाछाप के इंजेक्शन का साइड इफेक्ट हो गया और बहादुर की पत्नी चलने-फिरने और उठने-बैठने से मोहताज हो गई. इसके बाद पत्नी के इलाज के लिए बहादुर को बार-बार 4 पहिया वाहन की जरूरत पड़ने लगी. बहादुर के फोन करने पर उसके घर एक बार तो एंबुलेंस पहुंची. लेकिन, उसके बाद कभी नहीं पहुंची.

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झोलाछाप के इंजेक्शन चलने फिरने में अक्षम हो गई बहादुर की पत्नी

बहादुर के अनुसार, पत्नी को बार-बार अस्पताल ले जाने में बहादुर के काफी पैसे लगते थे, जो उसकी आर्थिक तंगी और पत्नी के इलाज में और समस्या खड़ी करने लगे. इसी से निजात पाने के लिए उसने अपनी बाइक को काटकर उसमें ठेले को जोड़ दिया. इसके बाद वह इसी ठेला गाड़ी से अपनी पत्नी को इलाज के लिए ले जाने लगा. बहादुर ने मीडिया के माध्यम से सरकार से पत्नी के इलाज के लिए मदद की मांग की है.

वहीं, इस मामले में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादर ने कहा, 'निश्चित रूप से उनकी मदद होनी चाहिए. दो चीजें हम देखेंगे एक तो एंबुलेंस की सर्विस उन्हें क्यों नहीं मिल पा रही है. उसमें जो भी कमी है, एंबुलेंस प्रभारी की तरफ से जिम्मेदारी तय की जाएगी. साथ ही उन्हें किसी झोलाछाप के प्रभाव में आने की आवश्यकता नहीं है. हम लोग उनको ट्रीटमेंट कराएंगे. मेरी मेडिकल टीम वहां जाएगी और जांच करेगी. इसके बाद उनके इलाज हर संभव मदद की जाएगी.'

ये भी पढ़ेंः गलत ऑपरेशन का आरोप, निजी अस्पताल का पंजीकरण रद्द

पत्नी को अस्पताल ले जाने कि लिए बाइक काटकर बहादुर ने बनाई ठेलागाड़ी

रामपुरः जिले में एक व्यक्ति ने अपनी बीमार पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए बाइक काटकर, उसमें ठेला जोड़ दिया. ताकि पत्नी को बार-बार अस्पताल ले जाने के लिए उसे एंबुलेंस का इंतजार और इंकार न सुनना पड़े. साथ ही सवारी से ले जाने के दौरान उसके लगने वाला भाड़े के पैसे बचे, जिससे वह अपनी पत्नी के इलाज में लगा सके. व्यक्ति के इस जुगाड़ को देखकर हर कोई हैरान रह गया. मामले की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी ने उचित मदद और एंबुलेंस न पहुंचने को लेकर जांच की बात कही है.

दरअसल, जिले के चुन्ना वाले गांव के रहने वाले बहादुर की पत्नी के पैर में चोट लगी थी. उसने गांव में ही एक झोलाछाप को अपनी पत्नी को दिखाया था. झोलाछाप डॉक्टर ने उसकी पत्नी के कूले में इंजेक्शन लगाया था. झोलाछाप के इंजेक्शन का साइड इफेक्ट हो गया और बहादुर की पत्नी चलने-फिरने और उठने-बैठने से मोहताज हो गई. इसके बाद पत्नी के इलाज के लिए बहादुर को बार-बार 4 पहिया वाहन की जरूरत पड़ने लगी. बहादुर के फोन करने पर उसके घर एक बार तो एंबुलेंस पहुंची. लेकिन, उसके बाद कभी नहीं पहुंची.

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झोलाछाप के इंजेक्शन चलने फिरने में अक्षम हो गई बहादुर की पत्नी

बहादुर के अनुसार, पत्नी को बार-बार अस्पताल ले जाने में बहादुर के काफी पैसे लगते थे, जो उसकी आर्थिक तंगी और पत्नी के इलाज में और समस्या खड़ी करने लगे. इसी से निजात पाने के लिए उसने अपनी बाइक को काटकर उसमें ठेले को जोड़ दिया. इसके बाद वह इसी ठेला गाड़ी से अपनी पत्नी को इलाज के लिए ले जाने लगा. बहादुर ने मीडिया के माध्यम से सरकार से पत्नी के इलाज के लिए मदद की मांग की है.

वहीं, इस मामले में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मादर ने कहा, 'निश्चित रूप से उनकी मदद होनी चाहिए. दो चीजें हम देखेंगे एक तो एंबुलेंस की सर्विस उन्हें क्यों नहीं मिल पा रही है. उसमें जो भी कमी है, एंबुलेंस प्रभारी की तरफ से जिम्मेदारी तय की जाएगी. साथ ही उन्हें किसी झोलाछाप के प्रभाव में आने की आवश्यकता नहीं है. हम लोग उनको ट्रीटमेंट कराएंगे. मेरी मेडिकल टीम वहां जाएगी और जांच करेगी. इसके बाद उनके इलाज हर संभव मदद की जाएगी.'

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