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रामपुर: टूट सकता आजम का यह सपना, 9 नवंबर तक का मिला समय

जौहर यूनिवर्सिटी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. यूनिवर्सिटी के लिए जमीन की खरीदारी में शासनादेश का उल्लघंन करने के संबंध में एडीएम प्रशासन न्यायालय में मुकदमा चल रहा है. मामले में यूनिवर्सिटी के वकील को 9 नवंबर तक का समय दिया है.

जौहर यूनिवर्सिटी को मिला 9 नवंबर तक का समय.
जौहर यूनिवर्सिटी को मिला 9 नवंबर तक का समय.
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Published : Oct 30, 2020, 2:52 AM IST

रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान द्वारा स्थापित जौहर यूनिवर्सिटी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रामपुर के एडीएम प्रशासन न्यायालय में 400 एकड़ से अधिक भूमि में बनी जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर चल रहे मुकदमे में कार्रवाई अंतिम चरण में हैं. जौहर यूनिवर्सिटी के अधिवक्ता द्वारा समय मांगे जाने पर अंतिम अवसर प्रदान करते हुए एडीएम प्रशासन ने 9 नवंबर की तारीख दी है. माना जा रहा है कि प्रशासन अब और समय जौहर ट्रस्ट को देने के मूड में नहीं है.

यह था शासनादेश

इस मामले में सरकारी वकील अजय तिवारी ने बताया कि अपर जिलाधिकारी प्रशासन के न्यायालय में साढे़ 12 एकड़ भूमि क्रय करने की अनुमति मांगी थी. जौहर ट्रस्ट को जमीन एक शासनादेश के आधार पर दी गई थी. शासनादेश के मुताबिक इससे अधिक जमीन क्रय करने पर जमीन को सरकार में निहित कर लिया जाएगा.

ट्रस्ट ने किया उल्लंघन

बता दें कि बीते दिनों तहसील प्रशासन ने इस संबंध में एक रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में जौहर ट्रस्ट द्वारा शासनादेश में दी गई शर्तों का उल्लंघन करने की बात कही गई थी. इस संबंध में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जेपी गुप्ता के न्यायालय में मुकदमा चल रहा है. गुरुवार को जौहर यूनिवर्सिटी के वकील ने न्यायालय से समय मांगा है. इस पर एडीएम प्रशसान ने 9 नवंबर तक का समय दिया है.

रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान द्वारा स्थापित जौहर यूनिवर्सिटी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रामपुर के एडीएम प्रशासन न्यायालय में 400 एकड़ से अधिक भूमि में बनी जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर चल रहे मुकदमे में कार्रवाई अंतिम चरण में हैं. जौहर यूनिवर्सिटी के अधिवक्ता द्वारा समय मांगे जाने पर अंतिम अवसर प्रदान करते हुए एडीएम प्रशासन ने 9 नवंबर की तारीख दी है. माना जा रहा है कि प्रशासन अब और समय जौहर ट्रस्ट को देने के मूड में नहीं है.

यह था शासनादेश

इस मामले में सरकारी वकील अजय तिवारी ने बताया कि अपर जिलाधिकारी प्रशासन के न्यायालय में साढे़ 12 एकड़ भूमि क्रय करने की अनुमति मांगी थी. जौहर ट्रस्ट को जमीन एक शासनादेश के आधार पर दी गई थी. शासनादेश के मुताबिक इससे अधिक जमीन क्रय करने पर जमीन को सरकार में निहित कर लिया जाएगा.

ट्रस्ट ने किया उल्लंघन

बता दें कि बीते दिनों तहसील प्रशासन ने इस संबंध में एक रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में जौहर ट्रस्ट द्वारा शासनादेश में दी गई शर्तों का उल्लंघन करने की बात कही गई थी. इस संबंध में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जेपी गुप्ता के न्यायालय में मुकदमा चल रहा है. गुरुवार को जौहर यूनिवर्सिटी के वकील ने न्यायालय से समय मांगा है. इस पर एडीएम प्रशसान ने 9 नवंबर तक का समय दिया है.

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