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दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान को कोर्ट से लगा झटका, जिरह का अवसर समाप्त

रामपुर स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान के अधिवक्ता की हीला हवाली के चलते विवेचक नरेंद्र त्यागी की जिरह का अवसर समाप्त कर दिया है. अगले विवेचक कृष्ण अवतार की 6 जनवरी को जिरह होगी. वहीं, भड़काऊ भाषण मामले में भी विवेचक अमर सिंह से आजम खान के आधिवक्ता जिरह करेंगे.

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रामपुर स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट
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Published : Jan 6, 2023, 7:32 AM IST

अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी

आजमगढ़ः सपा नेता आजम खान को गुरुवार को रामपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट से झटका लगा है. एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहे अब्दुल्ला आजम खान के 2 जन्म प्रमाण पत्र मामले में विवेचक नरेंद्र त्यागी की लगातार उपस्थिति के बावजूद भी आजम खान के अधिवक्ता द्वारा जिरह न करने से और अलग-अलग तथ्य रखने के मामले में न्यायालय ने अब विवेचक नरेंद्र त्यागी से जिरह का अवसर समाप्त कर दिया है. वहीं, इस मुकदमे के दूसरे विवेचक कृष्ण अवतार से जिरह के लिए शुक्रवार की तारीख भी मुकर्रर कर दी है, जिसमें अब शुक्रवार आजम खान के अधिवक्ता को उनसे जिरह करनी है.

इसके अलावा आजम खान पर चल रहे एक और हेट स्पीच मामले में आजम खान के अधिवक्ता द्वारा सीआरपीसी 311 के तहत गवाह विवेचक अमर सिंह से प्रश्न पूछने के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने विवेचक अमर सिंह को तलब किया है. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी. इसके अलावा गुरुवार को आचार संहिता उल्लंघन मामले में गवाह अनिल चौहान कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन आजम खान के अधिवक्ता विनोद शर्मा की तबीयत खराब होने के चलते उनसे जिरह नहीं कर सके. इस मामले में अब अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी. रामपुर स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में आजम खान से संबंधित 3 मामलों में सुनवाई होनी थी, जिनमें से 2 में 6 जनवरी कोर्ट ने तय की है. वहीं, तीसरे मामले में 11 जनवरी की तारीख दी गई है.

इस संबंध में अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया 'एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल न्यायालय में आजम खान से संबंधित तीन मामले लगे थे. एक 4 /19 जो दो जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित था, उसमें नरेंद्र त्यागी से जिरह होनी थी. विवेचक नरेंद्र त्यागी उपस्थित हुए थे, लेकिन उनके अधिवक्ता के द्वारा इस आधार पर स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया कि नहीं आएंगे और 1 हफ्ते का समय दिया जाए, जिसमें हमारे द्वारा विरोध किया गया. न्यायालय ने उनका प्रार्थना पत्र निरस्त करते हुए 6 जनवरी नियत की है और जो अगले गवाह कृष्ण अवतार, उनकी जिरह के लिए तिथि नियत कर दी गई है'.

अमरनाथ तिवारी ने बताया कि 'दूसरी फाइल जो हमारी लगी थी वह बंधित थी. क्राइम नंबर 130/19 थाना शहजाद नगर की थी , उसमें मोहम्मद आजम खान का 313 का बयान होना था, लेकिन उनके अधिवक्ता द्वारा 311 का एक प्रार्थना पत्र सीआरपीसी में दिया गया कि हम पीडब्ल्यू 5 गवाह चंद्रपाल की जो जिरह हुई थी, उसके बाद हम पीडब्ल्यू 3 विवेचक अमर सिंह की भी गवाही करना चाहते हैं. कुछ प्रश्न पूछने शेष रह गए हैं. इसको न्यायालय द्वारा सीआरपीसी संदर्भित रखते हुए 311 का प्रार्थना पत्र उनका स्वीकार किया और तिथि नियत करते हुए पीडब्ल्यू 3 जो विवेचक थे अमर सिंह उनको तलब किया गया है'.

अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि 'इसके अलावा तीसरा मामला 215/19 जो लगी थी, उसमें गवाह अनिल चौहान आए थे. उसमें अधिवक्ता द्वारा स्थगन प्रार्थना पत्र दिया गया था, जो अधिवक्ता हैं विनोद कुमार शर्मा उनकी तबीयत खराब है. उसको स्थगित करते हुए उसने 11 तारीख दी गई है. यह तीन मामले आज हमारे यहां थे. 4/19 जो पत्रावली थी. यह बहुत महत्वपूर्ण पत्रावली है. डबल जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित है. यह बार-बार इनके द्वारा जिरह करने में आनाकानी की जा रही थी. हमारा गवाह बार-बार आ रहा था. भिन्न-भिन्न तिथियों में भिन्न-भिन्न प्रार्थना पत्र दिए जा रहे थे. पिछली तिथियों में इनके अधिवक्ता द्वारा जिरह किया गया. आज फिर अलग ग्राउंड पर प्रार्थना पत्र दिया गया.'

पढ़ेंः एमपी एमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खान पर लगाया 2 हजार रुपये का हर्जाना, जानिए क्यों

अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी

आजमगढ़ः सपा नेता आजम खान को गुरुवार को रामपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट से झटका लगा है. एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहे अब्दुल्ला आजम खान के 2 जन्म प्रमाण पत्र मामले में विवेचक नरेंद्र त्यागी की लगातार उपस्थिति के बावजूद भी आजम खान के अधिवक्ता द्वारा जिरह न करने से और अलग-अलग तथ्य रखने के मामले में न्यायालय ने अब विवेचक नरेंद्र त्यागी से जिरह का अवसर समाप्त कर दिया है. वहीं, इस मुकदमे के दूसरे विवेचक कृष्ण अवतार से जिरह के लिए शुक्रवार की तारीख भी मुकर्रर कर दी है, जिसमें अब शुक्रवार आजम खान के अधिवक्ता को उनसे जिरह करनी है.

इसके अलावा आजम खान पर चल रहे एक और हेट स्पीच मामले में आजम खान के अधिवक्ता द्वारा सीआरपीसी 311 के तहत गवाह विवेचक अमर सिंह से प्रश्न पूछने के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने विवेचक अमर सिंह को तलब किया है. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी. इसके अलावा गुरुवार को आचार संहिता उल्लंघन मामले में गवाह अनिल चौहान कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन आजम खान के अधिवक्ता विनोद शर्मा की तबीयत खराब होने के चलते उनसे जिरह नहीं कर सके. इस मामले में अब अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी. रामपुर स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में आजम खान से संबंधित 3 मामलों में सुनवाई होनी थी, जिनमें से 2 में 6 जनवरी कोर्ट ने तय की है. वहीं, तीसरे मामले में 11 जनवरी की तारीख दी गई है.

इस संबंध में अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया 'एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल न्यायालय में आजम खान से संबंधित तीन मामले लगे थे. एक 4 /19 जो दो जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित था, उसमें नरेंद्र त्यागी से जिरह होनी थी. विवेचक नरेंद्र त्यागी उपस्थित हुए थे, लेकिन उनके अधिवक्ता के द्वारा इस आधार पर स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया कि नहीं आएंगे और 1 हफ्ते का समय दिया जाए, जिसमें हमारे द्वारा विरोध किया गया. न्यायालय ने उनका प्रार्थना पत्र निरस्त करते हुए 6 जनवरी नियत की है और जो अगले गवाह कृष्ण अवतार, उनकी जिरह के लिए तिथि नियत कर दी गई है'.

अमरनाथ तिवारी ने बताया कि 'दूसरी फाइल जो हमारी लगी थी वह बंधित थी. क्राइम नंबर 130/19 थाना शहजाद नगर की थी , उसमें मोहम्मद आजम खान का 313 का बयान होना था, लेकिन उनके अधिवक्ता द्वारा 311 का एक प्रार्थना पत्र सीआरपीसी में दिया गया कि हम पीडब्ल्यू 5 गवाह चंद्रपाल की जो जिरह हुई थी, उसके बाद हम पीडब्ल्यू 3 विवेचक अमर सिंह की भी गवाही करना चाहते हैं. कुछ प्रश्न पूछने शेष रह गए हैं. इसको न्यायालय द्वारा सीआरपीसी संदर्भित रखते हुए 311 का प्रार्थना पत्र उनका स्वीकार किया और तिथि नियत करते हुए पीडब्ल्यू 3 जो विवेचक थे अमर सिंह उनको तलब किया गया है'.

अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि 'इसके अलावा तीसरा मामला 215/19 जो लगी थी, उसमें गवाह अनिल चौहान आए थे. उसमें अधिवक्ता द्वारा स्थगन प्रार्थना पत्र दिया गया था, जो अधिवक्ता हैं विनोद कुमार शर्मा उनकी तबीयत खराब है. उसको स्थगित करते हुए उसने 11 तारीख दी गई है. यह तीन मामले आज हमारे यहां थे. 4/19 जो पत्रावली थी. यह बहुत महत्वपूर्ण पत्रावली है. डबल जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित है. यह बार-बार इनके द्वारा जिरह करने में आनाकानी की जा रही थी. हमारा गवाह बार-बार आ रहा था. भिन्न-भिन्न तिथियों में भिन्न-भिन्न प्रार्थना पत्र दिए जा रहे थे. पिछली तिथियों में इनके अधिवक्ता द्वारा जिरह किया गया. आज फिर अलग ग्राउंड पर प्रार्थना पत्र दिया गया.'

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