रामपुर: विधानसभा उपचुनाव में सपा नेता आजम खां अपनी पत्नी ताजीन फातिमा को जिताने के लिए लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं. वह चुनावी अभियान में किसी तरह की कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहते. इस दौरान उन्होंने मेरठ में 40 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा खाली कराने को लेकर अपनी पीठ भी थपथपाई. उन्होंने कहा कि इस अवैध कब्जे को हमने 24 घंटे के अंदर कब्जा मुक्त किया था.
जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खां ने समाजवादी पार्टी की अपनी सरकार का दबदबा बताते हुए मेरठ में 40 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा खाली कराने की घटना याद दिलाते हुए खुद अपनी पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा इस जमीन को लेकर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई राजनीति करते थे. उन्होंने हाजी याकूब कुरैशी का नाम लिए बिना इशारों ही इशारों में कहा कि यह जमीन एक बड़े आदमी के कब्जे में थी, जो एमपी, एमएलए और मत्री भी रह चुके हैं और इसे कोई खाली नहीं करा पाया था. हमने मात्र 24 घंटे में इस अवैध कब्जे को खाली करके दिखाया.
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आजम खां ने कहा कि हमारी मां पर मुकदमा कायम है. हमारी 75-77 साल की बहन सात वक्त की नमाज पढ़ती हैं, बेवा जो नमाज की जानमाज छोड़कर खाने की तरफ जा रही थी. उसका हाथ पकड़कर घसीटते हुए थाने ले गए. मेरा बुजुर्ग भाई जो पांचों वक्त मोहल्ले की मस्जिद में तनहा नमाज पढ़ने जाते हैं उन पर 307 का मुकदमा. मेरे और मेरे बेटे अब्दुल्लाह पर 307 का मुकदमा दर्ज है. उन्होंने कहा कि यह गैरत हमें लेकर डूब गई दोस्तों कि कब्र में हमारे साथ यह इल्जाम भी जाएगा कि हमने मुर्गियां चुराई थीं, हमने बकरियां चुराई थीं. अल्लाह तूने हमें उस दिन मौत क्यों नहीं दे दी, जिस दिन हमने कोई ऐसा काम किया था. उन्होंने कहा कि अरे अल्लाह से डरो. इंतजार मत करो, उसके कहर का उसके, इंतकाम का इंतजार मत करो और अल्लाह को ललकारो मत.