रामपुरः देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान का दर्द झलक पड़ा. उन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी में झंडारोहण पिंजरे में बंद पक्षियों को आजादी दिलाई. इसके साथ ही अपने दिल का दर्द जाहिर करते हुए एक बार फिर जेल जाने की आशंका जताई. उन्होंने यूनिवर्सिटी की देखभाल का आह्वान करते हुए उम्मीद जताई कि एक दिन हालात अच्छे होंगे, आसमान में बदल जाएंगे और तपती धूप जैसी मुश्किलों से राहत मिलेगी.
आगे कहा, 'आज से कुछ साल पहले रामपुर की तहसील के सामने फुटपाथ पर बैठकर कारीगर खुले में चाकू बेचा करते थे. उनके ऊपर पॉलिथीन की पन्नी भी नहीं होती थी. लेकिन आज वही लोग जो फुटपाथ पर बैठकर चाकू बेचा करते थे. उनके लिए एक बाजार बना और उसका नाम उस शख्स के नाम से रखा गया, जो तारीख में आज भी अमर है. उसका नाम टीपू सुल्तान मार्केट रखा गया. यहां फुटपाथ पर बैठने वाले लोगों के पास जो दुकाने हैं. आज उसकी कम से कम गैरकानूनी ही लफ्ज सही, लेकिन उसकी पगड़ी एक करोड़ रुपये से ज्यादा है. एक तरफ वो जहन में था. जिसने रामपुर के चाकू को फिल्मों तक पहुंचा दिया और एक जहन यह था कि उसने इस शहर को तालीम के नाम से पूरी दुनिया तक पहुंचा दिया. अब यह लोगों को तय करना है कि आजादी के इस दिन हमें किस चीज को अपनाना है. हम कलम की धार से अपने आप को आगे बढ़ाएंगे या हथियार की धार से. यह आपको तय करना है. क्योंकि अब बहुत गर्मी है, बहुत सख्त मौसम है'.