रायबरेली: प्रदेश सरकार के बजट में पुलिस की ख़स्ताहाल व्यवस्था को सुधारने की दिशा में उठाएं गए कदम से पुलिस कर्मीयों में खुशी देखने को मिल रही है. यूपी पुलिस पिछले काफी समय से बेहद सीमित संसाधनों में अपनी सेवाएं देती आ रही है. इस कारण कई बार आधुनिक तकनीकों से लैस अपराधी पुलिस फ़ोर्स पर भारी साबित हो जाते है. इसके मद्देनजर योगी सरकार ने पुलिस फ़ोर्स के आधुनिकीकरण के लिए क़रीब 200 करोड़ का प्रावधान बजट में दिया है.
ईटीवी भारत ने इस बजट पर पुलिस कर्मियों की राय जानी. जिस पर सभी कर्मियों ने सरकार के इस कदम की सराहना की. पुलिस आवासों के जर्जर हालत के बारे में बताते हुए पुलिस कर्मी अमित कुमार ने कि पुलिस लाइन में आवासों की समस्या से अक्सर दो - चार होना पड़ता है. बाहर किराए पर आवास लेने में कई बार महंगे किराए का आर्थिक बोझ भी झेल पाने में पुलिस कर्मी सक्षम नहीं रहते हैं. इसलिए सरकार के इस घोषणा से नए आवासों के निर्माण होने के अलावा मरम्मत होने से काफी सहूलियत होगी.
पुलिस के आधुनिकीकरण के सवाल पर सरकार के इस कदम को बेहद अहम करार देते हुए पुलिस कर्मी कहते हैं कि आज के इस दौर में तकनीक के जरिए अपराधी शातिर होते जा रहे है. उन्हें रोकने की जिम्मेदारी पर पुलिस है तो निश्चित रुप से उनसे बढ़कर आधुनिक तकनीकों की सुविधा और ज्ञान होना जरुरी है. इस लिहाज से यह कदम क्राइम कंट्रोल करने में सहायक होगा.
बता दें कि प्रदेश सरकार ने गुरुवार को पेश किये अपने बजट में 36 नये पुलिस थानों और बैरकों के लिए 700 करोड़, साथ ही 7 पुलिस लाइन के लिए 400 करोड़ और पुलिस के टाइप ए और बी आवासों के लिए 700 करोड़ रुपये आवंटित करने के साथ ही पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण के लिए करीब 200 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में दिया है.